काशीपुर: भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा काशीपुर में टिकट वितरण से नाराज पार्टी के मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक के पदाधिकारियों ने बैठक कर सामूहिक इस्तीफा दे दिया. भारतीय जनता पार्टी के विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा को पार्टी काशीपुर से प्रत्याशी बनाया है. जिसके विरोध में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बाजपुर रोड स्थित एक होटल में बैठक किया. इस दौरान करीब 500 कार्यकर्ताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का फैसला लिया.
बता दें कि भाजपा ने प्रदेश में 59 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी की. जिसमें काशीपुर विधानसभा सीट से विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र चीमा को उम्मीदवार घोषित किया है. जिसके बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी को लेकर उठा गुबार ज्वालामुखी बनकर फूट पड़ा है. पार्टी के मंडल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा दे दिया. साथ ही काशीपुर सीट से प्रत्याशी बदलने की मांग की. ऐसा नहीं करने पर पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारने पर सहमति बनी है.
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त्रिलोक सिंह चीमा को काशीपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद भाजपा में बगावत की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. स्थानीय कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारियों तक में बगावत का गुबार उठने लगा है. पीसीयू चेयरमैन राम मेहरोत्रा, मेयर ऊषा चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष खिलेंद्र चौधरी, प्रदेश मंत्री आशीष गुप्ता समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में बैठक हुई.
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बैठक में पार्टी हाईकमान से त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिए जाने का पुरजोर विरोध किया गया. साथ ही प्रत्याशी बदलते हुए किसी भाजपा कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग की गई. इसी मांग को लेकर पार्टी के मंडल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा दे दिया. साथ ही ऐसा नहीं करने पर पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतारने पर सहमति बनी है.
वहीं, ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा हमने किसी का विरोध नहीं किया है. यह तो पार्टी की केंद्रीय स्तर पर पॉलिसी थी कि तराई क्षेत्र से विधायक पद के लिए एक सिख को टिकट दिया जाना है. त्रिलोक को जो टिकट मिला है, वह केंद्रीय नीति के आधार पर मिली है. चूंकि मैं तराई के क्षेत्र से चार बार लगातार विधायक था. इसलिए मेरे पुत्र त्रिलोक का यह सीट निकालना आसान रहेगा. इस वजह से टिकट दिया गया हा और बीजेपी यह सीट शत प्रतिशत निकलेगी.