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बंशीधर भगत ने किया माता पूर्णागिरी मेले का शुभारंभ, 15 जून तक चलेगा मेला

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Published : Mar 11, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Mar 11, 2020, 7:45 PM IST

51 शक्तिपीठों में से एक माता पूर्णागिरि मेले का उद्घाटन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने किया. यह उत्तर भारत का सबसे प्रसिद्ध मेलों में से एक है. इसमें मेले में हर साल हजारों की संख्या में शामिल होने श्रद्धालु देश और विदेश से आते है.

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पूर्णागिरी मेले का शुभारंभ

खटीमा: उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध पूर्णागिरि मेले का उद्घाटन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने किया. इस बार में माता पूर्णागिरि मेला 11 मार्च से 15 जून तक जिला पंचायत चंपावत द्वारा संचालित किया जाएगा. माता पूर्णागिरि का मंदिर टनकपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर है. माता पूर्णागिरि भारत की प्रमुख 51 शक्तिपीठों में गिनती की जाती है. माता पूर्णागिरि का मेला 11 मार्च से 15 जून तक जिला पंचायत चंपावत द्वारा संचालित किया जाएगा.

इस बार यह मेला 97 दिन तक चलेगा. माता पूर्णागिरि मेले का उद्घाटन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने किया. इस दौरान बंशीधर भगत ने कहा कि उतर भारत मे इस मंदिर की खासी मान्यता है. यहाँ पर आए सभी श्रद्धालुओ की मनोकामनाएं पूरी होती है. ज्ञात हो की पूर्णागिरी धाम में लगने वाले मेले में उत्तराखंड के साथ यूपी, दिल्ली, एनसीआर, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदश के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते है. तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु मेला प्रशासन द्वारा स्ट्रीट लाइट, पीने का पानी एवं जगह जगह विश्राम स्थलों की व्यवस्था की गई है. मेले में सुरक्षा व्यवस्था स्थानीय पुलिस एवं एसएसबी होमगार्ड के जवानों को लगाया गया है.

पूर्णागिरी मेले का शुभारंभ

ये भी पढ़े: पिरान कलियर में धूमधाम से जश्न-ए-ख्वाजा गरीब नवाज मनाया गया

मंदिर के पुजारी भुवन पांडेय ने बताया कि कनखल में हुए यजय में माता सती हो गयी थी. जिसे लेकर भगवान शिव ने ब्रह्मांड में विचरण किया था. तब विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के टुकड़े टुकड़े कर दिए. तब विभिन्न स्थानों में शक्तिपीठो की स्थापना हुई थी. यहाँ पर माता सती की नाभि गिरी थी. जिसे देखने हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष यहां पहुंचते हैं.

खटीमा: उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध पूर्णागिरि मेले का उद्घाटन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने किया. इस बार में माता पूर्णागिरि मेला 11 मार्च से 15 जून तक जिला पंचायत चंपावत द्वारा संचालित किया जाएगा. माता पूर्णागिरि का मंदिर टनकपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर है. माता पूर्णागिरि भारत की प्रमुख 51 शक्तिपीठों में गिनती की जाती है. माता पूर्णागिरि का मेला 11 मार्च से 15 जून तक जिला पंचायत चंपावत द्वारा संचालित किया जाएगा.

इस बार यह मेला 97 दिन तक चलेगा. माता पूर्णागिरि मेले का उद्घाटन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने किया. इस दौरान बंशीधर भगत ने कहा कि उतर भारत मे इस मंदिर की खासी मान्यता है. यहाँ पर आए सभी श्रद्धालुओ की मनोकामनाएं पूरी होती है. ज्ञात हो की पूर्णागिरी धाम में लगने वाले मेले में उत्तराखंड के साथ यूपी, दिल्ली, एनसीआर, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदश के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते है. तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु मेला प्रशासन द्वारा स्ट्रीट लाइट, पीने का पानी एवं जगह जगह विश्राम स्थलों की व्यवस्था की गई है. मेले में सुरक्षा व्यवस्था स्थानीय पुलिस एवं एसएसबी होमगार्ड के जवानों को लगाया गया है.

पूर्णागिरी मेले का शुभारंभ

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मंदिर के पुजारी भुवन पांडेय ने बताया कि कनखल में हुए यजय में माता सती हो गयी थी. जिसे लेकर भगवान शिव ने ब्रह्मांड में विचरण किया था. तब विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के टुकड़े टुकड़े कर दिए. तब विभिन्न स्थानों में शक्तिपीठो की स्थापना हुई थी. यहाँ पर माता सती की नाभि गिरी थी. जिसे देखने हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष यहां पहुंचते हैं.

Last Updated : Mar 11, 2020, 7:45 PM IST
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