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जसपुर में भाजपा और कांग्रेस आमने सामने, आदेश चौहान के आरोपों पर शैलेंद्र सिंघल का पलटवार

जसपुर के कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने अपने साथ हुए मारपीट और अभद्रता को लेकर बीजेपी सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. साथ ही मामले को लेकर उन्होंने जसपुर कोतवाली में धरना दिया. वहीं, आदेश चौहान के आरोप पर बीजेपी नेता अशोक मोहन सिंघल ने पलटवार किया है.

BJP leader Shailendra Singhal
आदेश चौहान के आरोपों पर शैलेंद्र सिंघल का पलटवार
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Published : Aug 27, 2022, 9:10 PM IST

Updated : Aug 27, 2022, 10:46 PM IST

जसपुर: कांग्रेस विधायक आदेश चौहान (Congress MLA Adesh Chauhan) ने कुछ लोगों के खिलाफ अपने ऊपर हमला और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं विधायक ने सैकड़ों समर्थकों के साथ आज कोतवाली में धरना प्रदर्शन भी किया. वहीं, इस मामले को लेकर जसपुर के पूर्व विधायक और भाजपा नेता शैलेंद्र मोहन सिंघल (BJP leader Shailendra Mohan Singhal) ने कांग्रेस विधायक पर ही आरोपों की झड़ी लगा दी है.

बता दें कि बीते दिन कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने कुछ लोगों के खिलाफ अपने साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर दी थी. वहीं, कांग्रेस विधायक ने मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आज अपने समर्थकों साथ कोतवाली में धरना प्रदर्शन किया.

इस दौरान आदेश चौहान ने भाजपा सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप (BJP government accused of misusing power) लगाया. उन्होंने जिले के कप्तान पर उनकी हत्या करने की मंशा जैसे कई गंभीर आरोप लगाए. जिसके बाद जसपुर की सियासत में आरोप प्रत्यारोप की जंग शुरू हो गई है.

पूर्व विधायक और भाजपा नेता डॉ शैलेन्द्र मोहन सिंघल ने विधायक आदेश चौहान पर आरोपों की झड़ी लगा दी है. सिंघल ने आदेश चौहान द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए उन्हीं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व विधायक ने कांग्रेस विधायक पर लोगों से गाली गलौज, मारपीट और अभद्र व्यवहार करने की उनकी आदत में शुमार होना बताया. इस दौरान सिंघल ने आदेश चौहान के पूर्व गनर प्रयाग सिंह पर भी अवैध उगाही करने का आरोप लगाया है. उन्होंने पुलिस प्रशासन द्वारा गनर को हटाए जाने के फैसले को सही ठहराया है.

जसपुर में भाजपा और कांग्रेस आमने सामने

ये भी पढ़ें: जसपुर विधायक आदेश चौहान का आरोप, घर आकर हुई गाली गलौच और मारपीट, जान से मारने की धमकी मिली

वहीं, जसपुर विधायक आदेश चौहान पर हुए हमले के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. जसपुर विधायक के निवास पर उनके साथ हुई अभद्रता और उधम सिंह नगर एसएसपी द्वारा विधायक की सुरक्षा हटाने के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी से मुलाकात की और उन्हें एक पत्र सौंपा.

बदरीनाथ विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी ने जसपुर विधायक के साथ हुई मारपीट की घटना को निंदनीय बताया. उन्होंने कहा आदेश चौहान का गनर वापस ले लिया गया, उनको लगातार धमकियां दी जा रही है. राजेंद्र भंडारी ने कहा उनके जान माल का खतरा बना हुआ है, लेकिन प्रशासन गंभीर नहीं हैं. जिस तरह का व्यवहार पुलिस प्रशासन की तरफ से किया गया है. उसकी कांग्रेस घोर निंदा करती है.

राजेंद्र भंडारी ने कहा चुने हुए जनप्रतिनिधि के खिलाफ इस तरह का व्यवहार न्याय संगत नहीं है. आज इस मसले को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी को पत्र सौंपकर तत्काल विधायक आदेश चौहान को गनर उपलब्ध करवाने का आग्रह किया. साथ ही जो भी अधिकारी इसमें दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग उठाई है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने इस घटना की तीखी निंदा की है. उन्होंने भाजपा राज में राज्य की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. एक जनप्रतिनिधि भी अपने घर पर सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या हाल होगा. उन्होंने पुलिस प्रशासन के भेदभाव और पक्षपातपूर्ण रवैया के कड़े शब्दों में निंदा की है. साथ ही कहा पुलिस प्रशासन को स्थानीय विधायक पर हुए हमले के मद्देनजर उनकी सुरक्षा बढ़ानी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने हमलावर को न सिर्फ कुछ ही घंटों में आजाद कर दिया, बल्कि आदेश चौहान की सुरक्षा में तैनात एकमात्र गनर को भी वापस ले लिया.

जसपुर: कांग्रेस विधायक आदेश चौहान (Congress MLA Adesh Chauhan) ने कुछ लोगों के खिलाफ अपने ऊपर हमला और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं विधायक ने सैकड़ों समर्थकों के साथ आज कोतवाली में धरना प्रदर्शन भी किया. वहीं, इस मामले को लेकर जसपुर के पूर्व विधायक और भाजपा नेता शैलेंद्र मोहन सिंघल (BJP leader Shailendra Mohan Singhal) ने कांग्रेस विधायक पर ही आरोपों की झड़ी लगा दी है.

बता दें कि बीते दिन कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने कुछ लोगों के खिलाफ अपने साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर दी थी. वहीं, कांग्रेस विधायक ने मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आज अपने समर्थकों साथ कोतवाली में धरना प्रदर्शन किया.

इस दौरान आदेश चौहान ने भाजपा सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप (BJP government accused of misusing power) लगाया. उन्होंने जिले के कप्तान पर उनकी हत्या करने की मंशा जैसे कई गंभीर आरोप लगाए. जिसके बाद जसपुर की सियासत में आरोप प्रत्यारोप की जंग शुरू हो गई है.

पूर्व विधायक और भाजपा नेता डॉ शैलेन्द्र मोहन सिंघल ने विधायक आदेश चौहान पर आरोपों की झड़ी लगा दी है. सिंघल ने आदेश चौहान द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए उन्हीं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व विधायक ने कांग्रेस विधायक पर लोगों से गाली गलौज, मारपीट और अभद्र व्यवहार करने की उनकी आदत में शुमार होना बताया. इस दौरान सिंघल ने आदेश चौहान के पूर्व गनर प्रयाग सिंह पर भी अवैध उगाही करने का आरोप लगाया है. उन्होंने पुलिस प्रशासन द्वारा गनर को हटाए जाने के फैसले को सही ठहराया है.

जसपुर में भाजपा और कांग्रेस आमने सामने

ये भी पढ़ें: जसपुर विधायक आदेश चौहान का आरोप, घर आकर हुई गाली गलौच और मारपीट, जान से मारने की धमकी मिली

वहीं, जसपुर विधायक आदेश चौहान पर हुए हमले के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. जसपुर विधायक के निवास पर उनके साथ हुई अभद्रता और उधम सिंह नगर एसएसपी द्वारा विधायक की सुरक्षा हटाने के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी से मुलाकात की और उन्हें एक पत्र सौंपा.

बदरीनाथ विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी ने जसपुर विधायक के साथ हुई मारपीट की घटना को निंदनीय बताया. उन्होंने कहा आदेश चौहान का गनर वापस ले लिया गया, उनको लगातार धमकियां दी जा रही है. राजेंद्र भंडारी ने कहा उनके जान माल का खतरा बना हुआ है, लेकिन प्रशासन गंभीर नहीं हैं. जिस तरह का व्यवहार पुलिस प्रशासन की तरफ से किया गया है. उसकी कांग्रेस घोर निंदा करती है.

राजेंद्र भंडारी ने कहा चुने हुए जनप्रतिनिधि के खिलाफ इस तरह का व्यवहार न्याय संगत नहीं है. आज इस मसले को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी को पत्र सौंपकर तत्काल विधायक आदेश चौहान को गनर उपलब्ध करवाने का आग्रह किया. साथ ही जो भी अधिकारी इसमें दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग उठाई है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने इस घटना की तीखी निंदा की है. उन्होंने भाजपा राज में राज्य की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. एक जनप्रतिनिधि भी अपने घर पर सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या हाल होगा. उन्होंने पुलिस प्रशासन के भेदभाव और पक्षपातपूर्ण रवैया के कड़े शब्दों में निंदा की है. साथ ही कहा पुलिस प्रशासन को स्थानीय विधायक पर हुए हमले के मद्देनजर उनकी सुरक्षा बढ़ानी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने हमलावर को न सिर्फ कुछ ही घंटों में आजाद कर दिया, बल्कि आदेश चौहान की सुरक्षा में तैनात एकमात्र गनर को भी वापस ले लिया.

Last Updated : Aug 27, 2022, 10:46 PM IST
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