गदरपुर: सरकार से बंगाली समुदाय ने तहसील प्रशासन से जारी जाति प्रमाण पत्र से पूर्व पाकिस्तानी शब्द हटाए जाने की मांग की है. जिसको लेकर बंगाली समुदाय के लोगों ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया. वहीं लोगों का कहना है कि वे लंबे समय से इसकी मांग उठाते रहे हैं, लेकिन समस्या का निदान न होने से समुदाय के लोगों में खासा रोष है. उन्होंने कहा कि तहसील प्रशासन से जारी जाति प्रमाण पत्रों से पाकिस्तानी शब्द को हटाने की दिशा में कोई कार्रवाई नही होगी तो वे विधानसभा के सामने आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे.
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लोगों का कहना है कि वे लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं. इस मामले में उनको हमेशा राजनेताओं से आश्वासन ही मिलते हैं, लेकिन उनकी समस्या जस की तस है. बंगाली समुदाय के जाति प्रमाण पत्रों में पूर्व पाकिस्तानी शब्द का प्रयोग करना असंवैधानिक है. बंगाली समुदाय के लोग भारतीय नागरिक हैं. साथ ही भारतीय संविधान में पूर्ण निष्ठा रखते हैं. जिसको लेकर बंगाली समुदाय के लोगों ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया.
वहीं, कुछ दिन पहले सांसद अजय भट्ट द्वारा लोकसभा में यह समस्या उठाई गई थी, जिसके बाद जाति प्रमाण पत्र से पूर्व पाकिस्तानी शब्द हटाने की बात की गई थी. जिसके बाद तमाम बंगाली समुदाय के लोगों ने मिठाई वितरित कर खुशी का इजहार किया था. लेकिन जब बंगाली समुदाय के युवा जाति प्रमाण पत्र बनाने तहसील पहुंचे तो पता लगा कि पूर्व पाकिस्तानी बांग्लादेशी शब्द नहीं हटा है. जिसके बाद से बंगाली समुदाय के लोगों में सरकार के प्रति खासा रोष है.
वहीं, मामले को लेकर बंगाली महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा लगभग 60 से 65 साल पहले हमारे पूर्वजों को बांग्लादेश से तत्कालीन उत्तर प्रदेश में बसाया गया जो कि अब उत्तराखंड हैं. उन्होंने कहा कि उनका जन्म भारत में हुआ है, तो उनके जाति प्रमाण पत्र पर पूर्व पाकिस्तानी शब्द क्यों लिखा आ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द उनके जाति प्रमाण पत्र से पूर्व पाकिस्तानी शब्द नहीं हटता है तो वह निश्चित तौर पर उत्तराखंड के विधानसभा भवन के आगे आत्मदाह करने को विवश होंगे और इसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी.
रामचन्द्र राय ने कहा कि भाजपा के नेताओं द्वारा बंगालियों को बेवकूफ बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बंगाली समाज के जाति प्रमाण पत्र में पूर्वी पाकिस्तान, बांग्लादेशी विस्थापित शब्द लिखकर आ रहा है, जो घोर निंदनीय है. इस संदर्भ में कई बार प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जा चुका है, लेकिन अब तक सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिला है.