काशीपुरः जसपुर और काशीपुर क्षेत्रों में मिले कई कोरोना पॉजिटिव मरीजों में कोरोना के लक्षण न मिलने से स्वास्थ्य विभाग हैरत में है. यहां बीते 15 दिनों में रैंडम सैंपलिंग पर जोर दिया जा रहा है. लेकिन ज्यादातर मरीजों में कोरोना के सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे लक्षण नहीं पाए गए हैं. इसने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं.
काशीपुर के कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. अमरजीत सिंह के मुताबिक बिना लक्षण वाले मरीजों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. हाल में मुंबई और दिल्ली से लौटे मरीजों में कोरोना के कोई शुरुआती लक्षण नहीं मिले हैं, लेकिन उन्हें आइसोलेशन में संदिग्ध के तौर रखा गया है. खास बात ये है कि इनका फीवर भी नॉर्मल था और सर्दी-जुकाम समेत सांस लेने की भी कोई दिक्कत नहीं थी.
बता दें कि पहला मामला एलडी भट्ट अस्पताल में बीते 8 मई को आया था. यहां आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती बाजपुर के एक युवक में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. यह युवक 7 मई को दिल्ली से लौटा था. ये युवक दिल्ली के पहाड़गंज में एक सैलून में काम करता था. दिल्ली से लौटने पर इसे आइसोलेट किया गया. इस युवक में कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं थे. ट्रैवल हिस्ट्री की वजह से इसका परीक्षण कराया गया था.
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वहीं, दूसरा केस 16 मई को आया था, जहां दो भाई मुंबई से आए थे. मेट्रो सिटी से आने के चलते उनकी सैंपलिंग की गई, ये भी बिना लक्षण के मिले. जांच में एक भाई कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हुए और उनके साथ आए अन्य लोगों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे जिसमें दो अन्य भी कोरोना पॉजिटिव निकले.
उधर, जसपुर में एक साथ दो कोरोना संक्रमित मिले हैं. 20 मई को स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है. दोनों युवक बीते 15 मई को जसपुर के धर्मपुर बॉर्डर पर पहुंचे थे, जिन्हें केवीएम में क्वारंटाइन किया गया था. इनमें भी शुरुआती तौर पर फीवर या सर्दी जैसे कोई लक्षण मौजूद नहीं थे.
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लोगों में कोरोना के प्राथमिक लक्षण न दिखने से खतरा बढ़ गया है. काशीपुर और जसपुर में आने वाले प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है. तकरीबन दोनों क्षेत्र में पांच हजार से ज्यादा लोग बॉर्डर से प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में सीमा पर कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान करना मुश्किल होता जा रहा है.
कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में 70 फीसदी से ज्यादा मामलों में ऐसा देखने को मिला है जब संक्रमण का लक्षण नहीं मिला है. बॉर्डर से गुजरने वाले लोगों की केवल थर्मल स्क्रीनिंग से यह पहचान करना मुश्किल होता जा रहा है कि सामने वाला व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या नहीं.