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भारतीय किसान मेले में पहुंचे 25 हजार किसान, 2 करोड़ रुपये के बीजों की हुई बिक्री

पिछले चार दिनों से चल रहा भारतीय किसान मेला आज खत्म हो गया है. हजारों किसानों ने इस मेले में हिस्सा लेकर कृषि के विकास को लेकर जानकारियां हासिल की. वहीं इस दौरान कई किसानों को सम्मानित भी किया गया.

भारतीय किसान मेले में पहुंचे 25 हजार किसान.
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Published : Sep 30, 2019, 11:29 PM IST

रुद्रपुर: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में चार दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले का आज समापन हो गया है. समापन के आखिरी दिन पुरस्कार वितरण समारोह गांधी हॉल में आयोजित किया गया. चार दिनों तक चले मेले में प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया.

भारतीय किसान मेले में पहुंचे 25 हजार किसान.

मेले में 2 करोड़ रुपये के बीजों की भी बिक्री की गई. मेले में सरकारी संस्थानों के 395 स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें लगभग 25 हजार पंजीकृत किसानों ने मेले का भ्रमण किया. मेले के समापन के दौरान किसान नरेंद्र मेहरा ने कहा कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय देश को हरित क्रांति देने वाला विश्वविद्यालय है. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने उच्च गुणवत्ता युक्त बीजों का विकास कर विश्वविद्यालय को विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई है.

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नरेंद्र मेहरा ने बताया कि किसान एवं विज्ञान का यह मेला कृषि के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि जमीन को अब जैविक खेती के माध्यम से सुधारने की आवश्यकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि देश में जल्द ही कृषक क्रांति आएगी.

रुद्रपुर: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में चार दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले का आज समापन हो गया है. समापन के आखिरी दिन पुरस्कार वितरण समारोह गांधी हॉल में आयोजित किया गया. चार दिनों तक चले मेले में प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया.

भारतीय किसान मेले में पहुंचे 25 हजार किसान.

मेले में 2 करोड़ रुपये के बीजों की भी बिक्री की गई. मेले में सरकारी संस्थानों के 395 स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें लगभग 25 हजार पंजीकृत किसानों ने मेले का भ्रमण किया. मेले के समापन के दौरान किसान नरेंद्र मेहरा ने कहा कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय देश को हरित क्रांति देने वाला विश्वविद्यालय है. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने उच्च गुणवत्ता युक्त बीजों का विकास कर विश्वविद्यालय को विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई है.

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नरेंद्र मेहरा ने बताया कि किसान एवं विज्ञान का यह मेला कृषि के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि जमीन को अब जैविक खेती के माध्यम से सुधारने की आवश्यकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि देश में जल्द ही कृषक क्रांति आएगी.

Intro:summry - 106वे किसान मेले का आज समापन हो गया। 4 दिनों तक चले किसान मेले में देश के कौन कौन से किसानों ने प्रतिभाग किया। 4 दिनों में लगभग 25 हजार किसान मेले में पहुचे।

एंकर - 4 दिनों से चल रहे 106वे अखिल भारतीय किसान मेले का समापन आज प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा द्वारा किया गया। इस दौरान किसानों व बेहतर स्टाल लगाने वालो को सम्मानित किया गया। 4 दिनों तक चले मेले में 2 करोड़ के बीजो की बिक्री की गई। जिसमें 25 हजार किसानों ने प्रतिभाग किया। मेले के समापन के दौरान प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा, क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला ओर विश्विद्यालय के कुलपति तेजप्रताप सिंह सहित तमाम अधिकारी व किसान मौजूद रहे।


Body:वीओ - चार दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले का आज समापन हो गया है समापन के आखिरी दिन पुरस्कार वितरण समारोह गांधी हॉल में आयोजित किया गया समारोह के मुख्य अतिथि प्रगतिशील कृषक नरेंद्र मेहरा द्वारा मेले का समापन किया गया। चार दिनों तक चले मेले में प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया गया। चार दिनों में परिषर द्वारा 2 करोड़ रुपये के बीजो की बिक्री की गई। मेले में सरकारी संस्थानों के छोटे बोर्ड बड़े 395 स्टॉल लगाए गए थे जिसमें लगभग 25000 पंजीकृत एवं पंजीकृत किसानों ने मेले का भ्रमण किया। मेले के समापन के दौरान प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा ने कहा कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय देश को हर हरित क्रांति देने वाला विश्वविद्यालय है विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने उच्च गुणवत्ता युक्त बीजों का विकास कर विश्वविद्यालय को विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई है यहां के बीच पंतनगर के नाम से बिकते हैं उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई नई परिपाटी के तहत किसान मेला का मंच किसानों को देकर यह मेला पूरा किसानों के लिए कर दिया है किसान एवं विज्ञान का यह मेला कृषि के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा उन्होंने कहा कि अधिक अन उपजाने की आवश्यकता के कारण रसायनों के अधिक प्रयोग से जहरीली हो गई जमीन को अब जैविक खेती के माध्यम से सुधारने की ओर तेजी से कदम बढ़ाने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि अब देश में कृषक क्रांति आने वाली है क्योंकि युवा खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं और खेती कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। समापन के दौरान कुलपति तेज़ प्रताप सिंह, क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला सहित विश्वविद्यालय की तमाम अधिकारी एवं किसान मौजूद रहे।

बाइट - नरेंद्र मेहरा, प्रगतिशील किसान(मुख्य अतिथि)




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