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ऑफ सीजन में अब धान की जगह मक्का उगाएंगे किसान, होगा ज्यादा मुनाफा - मक्के की खेती

उधम सिंह नगर में कृषि विभाग ऑफ सीजन में धान की खेती की जगह मक्के की खेती करने की सलाह दे रहा है. जिससे किसानों की आय भी बढ़ेगी.

maize crop
मक्के की खेती की सलाह
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Published : Jan 30, 2020, 9:15 AM IST

रुद्रपुर: उधम सिंह नगर जिले में कृषि विभाग किसानों को ऑफ सीजन में धान की जगह मक्के की फसल उगाने की सलाह दे रहा है. इस साल कृषि विभाग जिले में 5000 एकड़ भूमि में मक्के की फसल उगाने की तैयारी में जुट गया है, जिससे किसानों की आय को बढ़ाया जा सकेगा. 2017 में कृषि विभाग द्वारा 50 एकड़ जमीन पर मक्के की फसल उगाकर इसकी शुरुआत की गई थी.

मक्के की खेती की सलाह.

किसानों की आय को दोगुनी करने और गर्मी के मौसम में पानी की कमी होने के चलते अब कृषि विभाग किसानों को ऑफ सीजन में धान की फसल की जगह मक्के की खेती करने की सलाह दे रहा है. उधम सिंह नगर जिले में कृषि अधिकारियों ने इसकी रूपरेखा तैयार भी कर ली है. फरवरी के महीने में बोई जाने वाली मक्के की फसल को लेकर कृषि विभाग आश्वस्त दिखाई दे रहा है.

कृषि विभाग के अनुसार, इस बार मक्के की फसल की बुआई को लेकर किसानों में उत्साह देखने को मिल रहा है. पिछले दो सालों में कई किसानों ने ऑफ सीजन धान की फसल छोड़कर मक्के की फसल का उत्पादन किया. साल 2017 में इसे जिले में 50 एकड़ से शुरू किया गया था. वहीं, साल 2019 में ये बढ़कर 18 सौ एकड़ पहुंच गया. इस बार संभावना जताई जा रही है कि जिले में लगभग 5 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर मक्के की फसल का उत्पादन किया जाएगा. मक्के की फसल से खेत की गुणवत्ता, कीट पतंगों से निजात और फसल के अच्छे दाम किसानों को मिल सकते हैं.

ये भी पढ़ें: चमोली: बर्फबारी के बाद खुशनुमा हुआ मौसम, बर्फ से ढके 146 गांव

वहीं, जिला कृषि अधिकारी अभय सक्सेना ने बताया कि गर्मियों में पानी की किल्लत को देखते हुए और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए किसानों को ऑफ सीजन धान की जगह मक्के की खेती करने के लिए जागरुक किया जा रहा है. जहां किसान धान की फसल में 14 सौ रुपये क्विंटल बिक्री करता है. वहीं, मक्के की फसल को 17 सौ से लेकर साढ़े 18 सौ रुपये क्विंटल में आसानी से बेच जा सकता है.

रुद्रपुर: उधम सिंह नगर जिले में कृषि विभाग किसानों को ऑफ सीजन में धान की जगह मक्के की फसल उगाने की सलाह दे रहा है. इस साल कृषि विभाग जिले में 5000 एकड़ भूमि में मक्के की फसल उगाने की तैयारी में जुट गया है, जिससे किसानों की आय को बढ़ाया जा सकेगा. 2017 में कृषि विभाग द्वारा 50 एकड़ जमीन पर मक्के की फसल उगाकर इसकी शुरुआत की गई थी.

मक्के की खेती की सलाह.

किसानों की आय को दोगुनी करने और गर्मी के मौसम में पानी की कमी होने के चलते अब कृषि विभाग किसानों को ऑफ सीजन में धान की फसल की जगह मक्के की खेती करने की सलाह दे रहा है. उधम सिंह नगर जिले में कृषि अधिकारियों ने इसकी रूपरेखा तैयार भी कर ली है. फरवरी के महीने में बोई जाने वाली मक्के की फसल को लेकर कृषि विभाग आश्वस्त दिखाई दे रहा है.

कृषि विभाग के अनुसार, इस बार मक्के की फसल की बुआई को लेकर किसानों में उत्साह देखने को मिल रहा है. पिछले दो सालों में कई किसानों ने ऑफ सीजन धान की फसल छोड़कर मक्के की फसल का उत्पादन किया. साल 2017 में इसे जिले में 50 एकड़ से शुरू किया गया था. वहीं, साल 2019 में ये बढ़कर 18 सौ एकड़ पहुंच गया. इस बार संभावना जताई जा रही है कि जिले में लगभग 5 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर मक्के की फसल का उत्पादन किया जाएगा. मक्के की फसल से खेत की गुणवत्ता, कीट पतंगों से निजात और फसल के अच्छे दाम किसानों को मिल सकते हैं.

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वहीं, जिला कृषि अधिकारी अभय सक्सेना ने बताया कि गर्मियों में पानी की किल्लत को देखते हुए और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए किसानों को ऑफ सीजन धान की जगह मक्के की खेती करने के लिए जागरुक किया जा रहा है. जहां किसान धान की फसल में 14 सौ रुपये क्विंटल बिक्री करता है. वहीं, मक्के की फसल को 17 सौ से लेकर साढ़े 18 सौ रुपये क्विंटल में आसानी से बेच जा सकता है.

Intro:summry - ऑफ सीजन में धान की खेती से गर्मी के मौसम में पानी की कमी होने के चलते अब कृषि विभाग किसानों को ऑफ सीजन फसल की जगह मक्के की खेती करने की सलाह दे रहा है जिले में इसकी शुरुआत 2017 50 एकड़ से की गई थी। जो इस वर्ष 5 हजार एकड़ तक पहुचने जा रही है। एंकर - कृषि विभाग उधम सिंह नगर जिले में ऑफ सीजन धान की जगह मक्के की फसल उगाने की सलाह किसानों को दे रहा है। इस वर्ष कृषि विभाग जिले में 5000 एकड़ भूमि में मक्के की फसल उगाने की तैयारी में जुट चुका है जिससे किसानों की आय को बढ़ाया जा सके। 2017 में कृषि विभाग द्वारा 50 एकड़ जमीन पर मक्के की फसल उगा कर इसकी शुरुआत की गई थी।


Body:वीओ - किसानों की आय को दुगनी करने और गर्मी के मौषम में पानी की कमी होने के चलते अब कृषि विभाग किसानों को ऑफ सीजन धान की फसल की जगह मक्के की खेती करने की सलाह दे रहा है। फ़ूड बाहुल क्षेत्र उधम सिंह नगर जिले में कृषि अधिकारियों ने इसकी रूप रेखा तैयार भी कर ली है। फरवरी माह में बोई जाने वाली मक्के की फसल को लेकर कृषि विभाग आश्वस्त दिखाई दे रहा है। कृषि विभाग कि माने तो इस बार मक्के की फसल की बुआई को लेकर किसानों में उत्साह देखने को मिल रहा है। पिछले दो सालों में कई किसानों ने आफ सीजन धान की फसल छोड़ कर मक्के की फसल का उत्पादन किया है। 2017 में इसे जिले में 50 एकड़ से शुरू किया गया था। 2019 में यह बढ़ कर 18 सौ एकड हुआ है। इस बार सम्भावना जताई जा रही है कि जिले में लगभग 5 हजार एकड़ से अधिक भूमि में मक्के की फसल का उत्पादन किया जाएगा। मक्के की फसल से खेत की गुणवत्ता, किट पतंगों से निजाद ओर फसल के अच्छे दाम किसानों को मिल सकते है। वही जिला कृषि अधिकारी अभय सक्सेना ने बताया कि गर्मियों में पानी की किल्लत को देखते हुए और किसानों की आय को दुगना करने के लिए किसानों को ऑफ सीजन धान की जगह मक्के की खेती करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। जहाँ किसान धान की फसल को 14सौ रुपये कुंतल बिक्री करता है। वही मक्के की फसल को 17 सौ से लेकर साढ़े अठारह सौ रुपये कुंतल आसानी से बेच सकता है। जिसका फायदा सीधे किसानों को होगा। बाइट - अभय सक्सेना, मुख्य कृषि अधिकारी


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