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अचानक से बच्चों के सामने आया बाघ, इस तरह 6 ने बचाई जान

करारी जंगल में बरहैनी गांव के छह बच्चे लकड़ियां और बेर तोड़ने के लिए गए थे. जहां पर बाघ ने उन्हें घेर लिया. जिस पर बच्चों ने पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई.

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Published : Jan 16, 2020, 12:13 PM IST

बाजपुरः बन्नाखेड़ा क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया. जब 6 बच्चों का सामना एक बाघ से हो गया. जिसे देख बच्चों के होश फाख्ता हो गए. डरे सहमे बच्चे आनन-फानन में पेड़ों पर चढ़ गए और परिजनों को फोन पर इसकी सूचना दी. जहां पर उनकी इस सूझ-बूझ से सभी की जान बच पाई.

जानकारी के मुताबिक, बीते सोमवार को बन्नाखेड़ा वन क्षेत्र के प्लॉट संख्या 45 के करारी जंगल में बरहैनी गांव के छह बच्चे लकड़ियां और बेर तोड़ने के लिए गए थे, लेकिन उनका सामना एक बाघ से हो गया. बताया जा रहा है कि वहां पर एक भैंस मरी हुई थी. जिसे खाने के लिए अचानक से एक बाघ आ धमका. जिसे देख उनके होश उड़ गए और तत्काल वो पेड़ों पर चढ़ गए. गनीमत ये रही की एक बच्चे के पास मोबाइल फोन था. घबराए बच्चों ने परिजनों को फोन कर इसकी सूचना दी.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड: यहां ठंड से बचने के लिए घोड़े पीते हैं शराब, ये है उनकी फेवरेट ब्रांड

वहीं परिजनों ने आनन-फानन में घटना की सूचना वन विभाग को दी. जिसके बाद बन्नाखेड़ा वन दरोगा सुरेंद्र सिंह जलाल और समाजसेवी वीरेंद्र बिष्ट समेत परिजन और अन्य लोग मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने शोर मचाया. जिसे सुन बाघ जंगल की ओर भाग गया और बच्चों को पेड़ से उतारा गया. जिसके बाद उनकी जान में जान आई.

बन्नाखेड़ा रेंज के वन दरोगा सुरेंद्र सिंह जलाल ने बताया कि प्लॉट नंबर-45 में बच्चों के फंसे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद वे वन रक्षक अशरफी लाल और परिजनों के साथ मौके पर पहुंचे. जहां पर बच्चों को सकुशल परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. इनमें बरहैनी गांव के आकाश, मोनू, विशाल, रोहित, विवेक और आनंद सिंह शामिल थे. सभी की उम्र 10 से 13 साल के बीच है. वहीं, लोग बच्चों की इस बहादुरी की सराहना कर रहे हैं.

बाजपुरः बन्नाखेड़ा क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया. जब 6 बच्चों का सामना एक बाघ से हो गया. जिसे देख बच्चों के होश फाख्ता हो गए. डरे सहमे बच्चे आनन-फानन में पेड़ों पर चढ़ गए और परिजनों को फोन पर इसकी सूचना दी. जहां पर उनकी इस सूझ-बूझ से सभी की जान बच पाई.

जानकारी के मुताबिक, बीते सोमवार को बन्नाखेड़ा वन क्षेत्र के प्लॉट संख्या 45 के करारी जंगल में बरहैनी गांव के छह बच्चे लकड़ियां और बेर तोड़ने के लिए गए थे, लेकिन उनका सामना एक बाघ से हो गया. बताया जा रहा है कि वहां पर एक भैंस मरी हुई थी. जिसे खाने के लिए अचानक से एक बाघ आ धमका. जिसे देख उनके होश उड़ गए और तत्काल वो पेड़ों पर चढ़ गए. गनीमत ये रही की एक बच्चे के पास मोबाइल फोन था. घबराए बच्चों ने परिजनों को फोन कर इसकी सूचना दी.

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वहीं परिजनों ने आनन-फानन में घटना की सूचना वन विभाग को दी. जिसके बाद बन्नाखेड़ा वन दरोगा सुरेंद्र सिंह जलाल और समाजसेवी वीरेंद्र बिष्ट समेत परिजन और अन्य लोग मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने शोर मचाया. जिसे सुन बाघ जंगल की ओर भाग गया और बच्चों को पेड़ से उतारा गया. जिसके बाद उनकी जान में जान आई.

बन्नाखेड़ा रेंज के वन दरोगा सुरेंद्र सिंह जलाल ने बताया कि प्लॉट नंबर-45 में बच्चों के फंसे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद वे वन रक्षक अशरफी लाल और परिजनों के साथ मौके पर पहुंचे. जहां पर बच्चों को सकुशल परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. इनमें बरहैनी गांव के आकाश, मोनू, विशाल, रोहित, विवेक और आनंद सिंह शामिल थे. सभी की उम्र 10 से 13 साल के बीच है. वहीं, लोग बच्चों की इस बहादुरी की सराहना कर रहे हैं.

Intro:फोटो परिचय - बाघ से सकुशल बचे बच्चों से हाल चाल पूछते परिजन

स्थान - बाजपुर
रिपोर्टर - राजेन्द्र चंद्रा


एंकर - बाज़पुर में उस बक्त हड़कम मच गया जिस बक्त 6 मासूम बच्चों को एक बाघ ने घेर लिया। बच्चो की सूझबूझ से बच्चो की जान बच गयी। घर से बेर व लकड़ियां लेने जंगल गये 6 बच्चों का बाघ से आमना सामना हो गया। डरे सहमे बच्चे आनन फानन में ही पेड़ों चप चढ़ गये व दूरभाष पर अपने परिजनों को सूचना दी जिसके बाद परिजन वनकिर्मियों को साथ लेकर जंगल पहुंच शोर मचाने के बाद बाघ वहां से भाग खड़ा हुआ।

Body:वीओ - प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम बरहैनी निवासी आकाश पुत्र ओमप्रकाश, मोनू पुत्र तारा सिंह, विशाल पुत्र लक्ष्मण, रोहित पुत्र सुरेश, विवेक पुत्र विजय सिंह व आनंद सिंह पुत्र अमर सिंह जनजाति समाज के 10 से 13 वर्ष तक के बच्चे है। सोमवार को बन्नाखेड़ा वन क्षेत्र के प्लाट संख्या 45 करारी जंगल में यह सभी बच्चे लकड़ियां व बेर तोड़ने के इरादे से गये थे। बच्चों के अनुसार वहां एक भैंस मरी हुई थी जिसको खाने के लिये अचानक से एक बड़ा बाघ वहां आ पहंुचे जिसको देखकर बच्चे आनन फानन में पेड़ों पर चढ़ गये। गनीमत थी कि एक बच्चे के पास मोबाईल फोन था उसने तुरंत अपने परिजनों को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बाघ उनको खा जायेगा। बच्चे से बाद करने के बाद भयभीत परिजनों ने आनन फानन में इसकी सूचना बन्नाखेड़ा वन दरोगा सुरेंद्र सिंह जलाल, समाजसेवी वीरेंद्र बिष्ट आदि लोगों को दी जिसके बाद सभी लोग प्लाट नंबर 45 पहंुचे जहां इन लोगों ने शोर शराबा किया जिससे डर कर बाघ वहां से भाग गया। उसके बाद बच्चे पेड़ से नीचे उतर आये। वहां मौजूद सभी लोगों ने बच्चों की बहादुरी की सराहना की।

वीओ - बन्नाखेड़ा रेंज के प्लाट नंबर 45 में बच्चों के फंसे होने की सूचना मिली थी जिस पर वन रक्षक अशरफी लाल एवं परिजनों के साथ मौके पर पहंुचकर शोर शराबा किया गया तथा बच्चों को सकुशल परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
सुरेंद्र सिंह जलाल, वन दरोगा बन्नाखेड़ा रेंज।Conclusion:
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