रुद्रपुर: दहेज हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने पति, सास और ससुर को 10 साल के कारावास की सजा मुकर्रर की है. मामले के तहत शासकीय अधिवक्ता की ओर से नौ गवाह कोर्ट में पेश किए गए थे, जिसके बाद न्यायाधीश द्वितीय और अपर जिला जज चंद्रमणि राय की अदालत ने पति जितेंद्र, ससुर सुभाष और सास केसरा देवी को 10 साल की सजा सुनाई है.
बता दें कि 8 अगस्त 2012 में रुद्रपुर कोतवाली में गोपालगंज बिहार निवासी विजेंद्र कुमार प्रजापति ने संबंधित थाने में दहेज और हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस दौरान उसने पुलिस को बताया कि उसने अपनी बहन अनीता का विवाह छह मार्च 2012 में वार्ड नंबर पांच के खेड़ा निवासी जितेंद्र प्रजापति से किया था.
शादी में दो लाख रुपए नगद और अन्य सामान भी दिया गया था, लेकिन पति जितेंद्र, ससुर सुभाष और सास केसरा देवी इतने से खुश नहीं थे. विजेंद्र ने बताया कि उसकी बहन का ससुराल वाले दहेज के लिए लगातार उत्पीड़न करते रहे.
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विजेंद्र ने बताया कि 21 जुलाई साल 2012 को वो अपनी बहन की ससुराल में पंचायत करने के लिए रुद्रपुर पहुंचे और उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए अपनी बहन से मारपीट न करने की बात कही. उधर 8 अगस्त साल 2012 को रुद्रपुर पुलिस से सूचना मिली कि उनकी बहन अनीता की आग लगने से मौत हो गई है, जिसके बाद वह रुद्रपुर पहुंचकर पुलिस को आपबीती बताई.
साथ ही बहन के ससुरालियों के खिलाफ दहेज और हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया, जिसके बाद 9 अगस्त को आरोपी पति और ससुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, जबकि सास केसरा देवी ने 22 सितंबर साल 2012 को न्यायालय में आत्मसर्मपण कर दिया था.
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ऐसे में तब से लेकर आज तक ये मामला कोर्ट में लंबित चल रहा था, जिसमें सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल सिंह ने 9 गवाह पेश कर आरोपियों को दहेज हत्या का आरोप साबित कर उन्हें जेल भिजवा दिया.
वहीं, गवाहों और बयानातों की पत्रावली का संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश द्वितीय अपर जिला जज चंद्रमणि राय ने ससुराल पक्ष को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है.