देहरादून:उत्तराखंड के पहाड़ अब खौफ के साए में डूबने लगे हैं. पिछला एक हफ्ता पहाड़ की शांत वादियों के लिए बेहद संजीदा रहा है. मुमकिन है कि आने वाला समय कोरोना संक्रमण के लिहाज से और भी परेशानी वाला हो. उत्तराखंड में कोरोना बम के घातक होते सिग्नल पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले दिनों- दिन बढ़ते जा रहे हैं. आज से एक महीने पहले प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा महज 46 था, लेकिन बीते 15 दिनों में कोरोना ने पहाड़ पर भी चढ़ाई कर ली है. ऐसा नहीं है कि सरकार को इसका आभास या चिंता न हो. त्रिवेंद्र सरकार जानती है कि शांत पहाड़ों में भी कोरोना पहुंच चुका है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो राज्य में विकराल स्थिति पैदा हो सकती है. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी पहाड़ों में कोरोना की दस्तक को लेकर आगाह कर रहे हैं.
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बता दें उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को आया था. तब से अबतक इनमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना संक्रमित मरीजों की सुनामी का सिलसिला पिछले 15 दिनों से अपने चरम पर है.
एक नजर डालते हैं प्रदेश में कब-कब कोरोना के कितने मामले सामने आये-
उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था. जिसमें देहरादून एफआरआई के प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारी में कोरोना के लक्षण मिले थे. जिसके बाद 22 मार्च को पीएम मोदी ने कोरोना की आहट को देखते हुए जनता कर्फ्यू का एलान किया. इसके अगले ही दिन प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन का एलान कर दिया था. उत्तराखंड में 15 मार्च से 31 मार्च तक कोरोना पॉजिटिव मंरीजों की संख्या 07 थी, यानी 16 दिनों में राज्य कोरोना का कहर कम था. जिसके बाद देश में दूसरे चरण के लॉकडाउन की घोषणा की गई, जोकि 3 मई तक चला. इस दौरान 10 अप्रैल तक प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 35 पहुंच गई थी. 20 अप्रैल तक ये आंकड़ा 46 हुआ. अगले 10 दिनों में ये 57 पहुंच गया. यानी अप्रैल महीने में 30 दिनों के अंदर ही कोरोना के 50 मामले सामने आये.
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चार मई को देशभर में लॉकडाउन 3.O का एलान किया गया जो 17 मई तक लागू रहा. इस दौरान 10 मई तक प्रदेश में कोरोना के 68 पॉजिटिव केस सामने आ चुके थे. जबकि 20 मई तक ये मामले बढ़कर 132 हो चुके हैं. फिलहाल, देश में लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है जो कि 31 मई तक लागू रहेगा.
पिछले 15 दिनों में बढ़े मामले, स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता
लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं. मौजूदा हालातों को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा है कि ये समय राज्य के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस समय लोगों को अफरा-तफरी से बचना चाहिए. उन्होंने कहा है कि लोगों को सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनों का ख्याल रखने का जरुरत है.
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कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए प्रवासी जिम्मेदार!
लॉकडाउन में मिली छूट और प्रवासियों की घर वापसी के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ा है. पिछले 15 दिनों में जबसे प्रवासी वापस आना शुरू हुए हैं, तबसे कोरोना के आकंड़े दोगुने हो गए हैं. बता दें कि उत्तराखंड में वापस आने के लिए दूसरे प्रदेश में रह रहे 2 लाख 33 हजार प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से एक लाख 29 हजार प्रवासी वापस आ चुके हैं.
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राज्य में अब तक प्रवासियों को लेकर 10 ट्रेनें आ चुकी है, 2 ट्रेनें जल्द ही आने वाली हैं. उत्तराखंड में फिलहाल कोरोना के 151 मामले हैं. राज्य में करीब 1 हफ्ते पहले तक सभी पहाड़ी जिले कोरोना मुक्त थे. मगर प्रवासियों की वापसी के साथ यहां भी कोरोना पैर पसारने लगा है.
पहाड़ी राज्यों में कोरोना के आंकड़े
जिला | कोरोना संक्रमितों की संख्या |
पौड़ी | 4 |
अल्मोड़ा | 3 |
उत्तरकाशी | 4 |
चमोली | 1 |
टिहरी | 6 |
बागेश्वर | 2 |
राज्य में 12 मई से कोरोना के मामलों में प्रवासियों की वापसी के बाद तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
लगातार बढ़े कोरोना के मामले
तारीख | कुल मामले |
12 मई | 69 |
13 मई | 72 |
14 मई | 78 |
15 मई | 82 |
16 मई | 91 |
17 मई | 92 |
18 मई | 96 |
19 मई | 111 |
20 मई | 126 |
21 मई | 132 |
कुल मिलाकर कहा जाये तो हर बीतते दिन से साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. जिससे सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ने लगी हैं.