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गांवों तक विकास पहुंचाने का दावा साबित हुआ खोखला, लोहार ने बयां किया अपना दर्द - टिहरी घनसाली

मारिया सड़क किनारे आधा दर्जन से अधिक गांव के लिए लोहे के हथियार बनाते हैं. मारिया की उम्र 62 साल है और वह 18 साल के थे, तब से वह यह काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे 18 साल से वोट डाल रहे हैं. लेकिन आजतक उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है.

लोहार ने बयां किया अपना दर्द
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Published : Apr 5, 2019, 7:56 PM IST

Updated : Apr 5, 2019, 11:58 PM IST

टिहरी: चुनावी मंच से गरीबों के लिए विकास की बातें करने वाली सरकारों का विकास गांव के गरीब तक आते-आते बीच में ही कहीं खो जाता है. जिसका अंदाजा घनसाली श्रीनगर मोटर मार्ग पर लोहे के हथियार बना रहे मारिया को देखकर लगाया जा सकता है. जिनकों पिछले 44 साल से किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है.

लोहार ने बयां किया अपना दर्द.

मारिया सड़क किनारे आधा दर्जन से अधिक गांव के लिए लोहे के हथियार बनाते हैं. मारिया की उम्र 62 साल है और वह 18 साल के थे, तब से वह यह काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे 18 साल से वोट डाल रहे हैं. लेकिन आजतक उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है. मारिया कहते हैं कि वे ब्लॉक से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है. वे कहते हैं कि चुनाव के समय कई नेता उनके पास वोट मांगने आते हैं और वोट मांगने के बाद दोबारा सुध लेने नहीं लेते.

मारिया बताते हैं कि उन्हें यह काम करते हुए 44 साल हो गये हैं. लेकिन आजतक उन्हें कोई भी सरकारी सुविधाएं नहीं मिली. उन्होंने बताया कि उनका नाती भी रोजगार की तलाश में पिछले काफी समय से भटक रहा है लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली है. वे कहते हैं कि सरकार ने पिछड़े लोगों के लिए कई योजनाएं लाई. लेकिन यह योजना कहां जा रही है, उन्हें नहीं पता, जबकि वे कई बार फार्म भर चुके हैं.

टिहरी: चुनावी मंच से गरीबों के लिए विकास की बातें करने वाली सरकारों का विकास गांव के गरीब तक आते-आते बीच में ही कहीं खो जाता है. जिसका अंदाजा घनसाली श्रीनगर मोटर मार्ग पर लोहे के हथियार बना रहे मारिया को देखकर लगाया जा सकता है. जिनकों पिछले 44 साल से किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है.

लोहार ने बयां किया अपना दर्द.

मारिया सड़क किनारे आधा दर्जन से अधिक गांव के लिए लोहे के हथियार बनाते हैं. मारिया की उम्र 62 साल है और वह 18 साल के थे, तब से वह यह काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे 18 साल से वोट डाल रहे हैं. लेकिन आजतक उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है. मारिया कहते हैं कि वे ब्लॉक से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है. वे कहते हैं कि चुनाव के समय कई नेता उनके पास वोट मांगने आते हैं और वोट मांगने के बाद दोबारा सुध लेने नहीं लेते.

मारिया बताते हैं कि उन्हें यह काम करते हुए 44 साल हो गये हैं. लेकिन आजतक उन्हें कोई भी सरकारी सुविधाएं नहीं मिली. उन्होंने बताया कि उनका नाती भी रोजगार की तलाश में पिछले काफी समय से भटक रहा है लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली है. वे कहते हैं कि सरकार ने पिछड़े लोगों के लिए कई योजनाएं लाई. लेकिन यह योजना कहां जा रही है, उन्हें नहीं पता, जबकि वे कई बार फार्म भर चुके हैं.

Intro: नई टिहरी से घनसाली श्रीनगर मोटर मार्ग पर गाडोलिया में सड़क किनारे दियौरी गाव निवासी मड़ैया सड़क किनारे हथियार बनने की दुकान है जहां पर आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग लोहे के हथियार बनवाने के लिए 44 सालों से आते हैं जिसके बदले यह मड़ैया ₹500 महीना कमाता है ₹200 दुकान का किराया देता है और जब हमने आजकल हो रहे चुनाव के बारे में उसे जानना चाहा तो उसका जवाब था साहब विकास किसे कहते हैं हमें तो पता नहीं जब हमने उसे यह कहा कि विकास उसे कहते हैं कि गांव में हर सुविधा हो रोजगार हो तो वह कहता है कि विकास तो नेताओं ने किया है हमारा क्या किया, वोट के समय आते हैं और फिर चले जाते हैं 5 साल के बाद कभी कबार दिख जाते हैं यहां तक कि आज तक सरकार ने मुझे कोई भी सुविधा नहीं थी जबकि सरकार ने इन पिछड़े लोगों के लिए कई योजनाएं लाई हैं परंतु यह योजना कहां जा रही है पता नहीं हमें तो आज तक एक भी योजना नहीं मिली जबकि हमने कई बार फार्म भरे


सड़क के किनारे लोहे से हथियार बनाने वाले मड़ैया की उम्र 62 साल है और जब वह 18 साल का था उससे पहले वह यह काम करता आ रहा है और जबसे 18 साल से वह बोट डाल रहा हु,तब से आज तक सरकार की कोई भी सुविधा मिली नई टिहरी से श्रीनगर जाते समय गाडोलिया नाम की जगह पर सड़क के किनारे कई वर्षों से लोहे से हथियार बनाने का काम करता आ गया है और यहां आधा दर्जन से अधिक गांव के किसानों के हथियार दरांती कुदाल सब्बल आदि बनाता है परंतु मारियो को अभी तक सरकार की कोई भी सुविधा नहीं मिली जिससे मड़ैया नाराज और गुस्से में है कुछ देर बाद वह भावुक होते हुए कहता है कि मेरी उम्र 62 साल की हो गई है और तब से लेकर आज तक जितने भी चुनाव आए हमने अपना वोट दिया लेकिन हमारी शुद्ध आज तक किसी ने नहीं ली मैं आज भी सड़क के किनारे लोहा पीट पीटकर हथियार बना रहा हूं और फिर उनसे जो पैसा मिलता है उससे मैं अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं और आज तक सरकार की कोई भी योजना का मैंने लाभ नहीं लिया जबकि कई बार मैंने ब्लॉक से लेकर जिला प्रशासन तक पत्र दे चुका हूं लेकि गरीबों की सुनने वाला नहीं

चुनाव के समय कई नेता उनके पास वोट मांगने आते हैं और वोट मांगने के बाद दोबारा सुध लेने नहीं आते जिस कारण मारिया गुस्से में भी दिखा


Body:सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी चुनाव के समय गांव से लेकर शहर तक के अंतिम व्यक्ति तक वोट मांगने के लिए आते हैं जिससे वह जीत का सियासत के महासंग्राम में सत्ता सुख भोग सके जिस कारण वह राजनीतिक दलों के प्रत्याशी अंतिम आदमी तक विकास पहुंचाने की बड़ी-बड़ी बातें हैं वह झुठे सपने दिखाते हैं और जब जीतते हैं तो उसके बाद मुड़कर नहीं देखते और अपने ऐशोआराम की जीवन 5 साल तक जीते हैं वहीं टिहरी श्रीनगर के बीच गडरिया में सड़क किनारे मड़ैया का जीवना चूल्हे धौकनी की चिंगारी में गुम हो रहा है

चुनाव की बात करते ही मारिया गुस्सा मैं आ जाता है और कहता है कि किसी सरकार ने हमें कुछ नहीं दिया हमने पूछा कि इन लोहो को हथियारों को बना कर आप क्या करते हैं तो कहता है कि मैं इन लोहों से औजार बनाकर आधा दर्जन से अधिक गांव के लोगों को बेचता हूं और इन गांव के लोग मेरे पास हथियार बनाने के लिए आते हैं जिनसे की खेती बाड़ी होती है और उसके बदले मुझे महीने के ₹500 मिलते हैं

में यह काम में 44 सालों से यहां पर करता आ रहा हूं परंतु आज तक मुझे कोई भी सरकारी सुविधाएं नहीं मिली मड़ैया तब और गुस्से में आता है जब वह कहता है कि सरकारें जनता को बेवकूफ बनाने का काम करती है कि हम रोजगार देंगे लेकिन मेरे नाती को आज तक रोजगार नहीं मिला जो रोजगार की तलाश में भटक रहा है और मेरे नाती 16 पास बेरोजगार घूम रहा है जिसे नौकरी नहीं मिली तो किस बात का विकास है यह सिर्फ नेताओं का विकास हुआ है


Conclusion: उत्तराखंड सरकार के द्वारा पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों को सहायता प्रदान किए जाने हेतु कई योजनाएं चला रही हैं जिसमें मृत्यु उपरांत एवं अंतरराष्ट्रीय तो आर्थिक सहायता छाता निर्माण हेतु सेनेटरी नैपकिन हेतु 7 वर्ष की आयु पूर्ण होने के उपरांत टेंशन सिलाई मशीन हेतु सहायता पारिवारिक पेंशन टूलकिट सहायता साइकिल है तो सहायता निशक्त पेंशन व धनराशि अटलपुर बच्चों की शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता के उपरांत आर्थिक सहायता पर सूती पर सुविधा हेतु आर्थिक सहायता मकान की खरीद हेतु अनुदान सोलर लालटेन हेतु सहायता गैस चुला आदि की योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही है परंतु इस मारियो को यह सुविधा आज तक नहीं मिली

बाइट मड़ैया

इसके विसुअल लाइव यु से भेजी है plz चेक
Last Updated : Apr 5, 2019, 11:58 PM IST
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