धनौल्टीः विश्वनाथ जगदीशिला डोली (Vishwanath Jagdishila Doli) यात्रा बुधवार को टिहरी के थौलधार विकासखंड कंडीसौड़ पहुंची, जहां स्थानीय लोगों ने डोली का फूल मालाओं और ढोल दमाऊं के साथ (People welcomed Vishwanath Jagdishila Doli) स्वागत किया. जगदीशिला डोली यात्रा की अगुवाई कर रहे उत्तराखंड सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे मंत्री प्रसाद नैथानी (Minister Prasad Naithani) ने बताया कि यह यात्रा विगत 22 सालों से संचालित की जा रही है.
उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य विश्व की शांति को कायम रखना है. हमारी संस्कृति जिंदा रहे ये संदेश देना है. इस यात्रा की शुरुआत टिहरी जनपद के विकासखंड भिलंगना के ग्यारह गांव हिन्दाव के सोन पर्वत से हुई है. पुराणों के मुताबिक, सोन पर्वत पर गुरु वशिष्ठ ने तप किया था. साथ ही स्वामी रामतीर्थ ने भी इसी सोन पर्वत पर तपस्या की थी. पर्वत के बाएं स्थान में जगदीशिला का भी स्थान है.
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मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि डोली हर साल 30 दिनों तक प्रदेश भर में यात्रा भ्रमण कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देती है. इस यात्रा का समापन गंगा दशहरे के दिन होता है. इस साल विश्वनाथ जगदीशिला डोली यात्रा का शुभारंभ 11मई को हरिद्वार से शुरू हुआ था.