धनोल्टीः समय बदला, सरकारें बदली लेकिन चुनावी मौकों पर सरकारों और जनप्रतिनिधियों द्वारा लोगों से किये गये विकास के वादे आज तक केवल आश्वासन तक ही सिमट कर रह गये. जिसकी बानगी हमें टिहरी जनपद की धनोल्टी विधानसभा के काथड़ा गांव में देखने को मिलती है.
जहां उत्तराखंड राज्य बनने के 18 वर्ष के बाद भी लोग जंगल के रास्ते खड़ी चढ़ाई चढ़कर मीलों दूर पैदल चलकर अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करते हैं.
टिहरी जनपद का सीमांत गांव काथड़ा उत्तराखंड बनने के 18 बर्षों बाद भी सड़क को तरस रहा है. लोगों का कहना है कि गांव में अगर कभी कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे या तो खच्चर पर बैठाकर या डोली में बिठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है.
जिससे गर्भवती महिलाओं को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कालेज के छात्रों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीण मीलों दूर पैदल चलने को मजबूर हैं.
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सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रमीणों द्वारा समय-समय पर सरकार के पास कई प्रस्ताव भी भेजे गए जिसका अभी तक कोई हल नहीं हो पाया.