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टिहरी: ग्रामीणों ने झूला पुल निर्माण की गुणवत्ता पर उठाए सवाल, जांच की मांग

प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के लंबगांव के समीप जलकुर नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से झूला पुल बन रहा है. लेकिन निर्माण की गुणवत्ता पर लोगों ने सवाल उठाए हैं. साथ ही पुल निर्माण की जांच की मांग तेज कर दी है.

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Published : Sep 17, 2021, 11:39 AM IST

टिहरी: जिले के प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लंबगांव के समीप जलकुर नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से झूला पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. लोगों ने पुल निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी का आरोप लगाया है. लोगों का कहना है कि पुल की रेलिंग उखड़ने लगी है. ये हालत तब है जब पुल पर लोगों का आवागमन भी शुरू नहीं हुआ है. पुल पीपीलोगी सहित कई गांवों को जोड़ने वाला है.

रानी पोखरी पुल टूटने के बाद उत्तराखंड सरकार ने सभी पुलों की जांच करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद अधिकारी नव निर्माण की गुणवत्ता को लेकर बेपरवाह बने हुए हैं. वहीं, प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लंबगांव के समीप जलकुर नदी पर बन रहे झूला पुल के निर्माण की जांच आसपास के ग्रामीण बार-बार कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी की ऊंची पकड़ और रसूख के चलते अधिकारी जांच करने से कतरा रहे हैं.

पुल की गुणवत्ता पर सवाल

पढ़ें-उत्तराखंड को बाहर से नहीं खरीदनी होगी बिजली, 1200 मेगावाट बिजली मिलने की बढ़ी उम्मीद

ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल का काम एक बड़ी कंपनी को दिया गया था. उस कंपनी ने पेटी कॉन्ट्रैक्ट में आगे दो-तीन ठेकेदारों को यह काम दिया है. उन्होंने कहा कि ठेकेदारों की लापरवाही के कारण पुल समय से तैयार नहीं हो पाया है और लगातार विवादों में रहा है.

टिहरी: जिले के प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लंबगांव के समीप जलकुर नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से झूला पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. लोगों ने पुल निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी का आरोप लगाया है. लोगों का कहना है कि पुल की रेलिंग उखड़ने लगी है. ये हालत तब है जब पुल पर लोगों का आवागमन भी शुरू नहीं हुआ है. पुल पीपीलोगी सहित कई गांवों को जोड़ने वाला है.

रानी पोखरी पुल टूटने के बाद उत्तराखंड सरकार ने सभी पुलों की जांच करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद अधिकारी नव निर्माण की गुणवत्ता को लेकर बेपरवाह बने हुए हैं. वहीं, प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लंबगांव के समीप जलकुर नदी पर बन रहे झूला पुल के निर्माण की जांच आसपास के ग्रामीण बार-बार कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी की ऊंची पकड़ और रसूख के चलते अधिकारी जांच करने से कतरा रहे हैं.

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ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल का काम एक बड़ी कंपनी को दिया गया था. उस कंपनी ने पेटी कॉन्ट्रैक्ट में आगे दो-तीन ठेकेदारों को यह काम दिया है. उन्होंने कहा कि ठेकेदारों की लापरवाही के कारण पुल समय से तैयार नहीं हो पाया है और लगातार विवादों में रहा है.

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