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ऑल वेदर रोड निर्माण में ग्रामीणों ने लगाया अनियमितता का आरोप, NGT के नियमों को ठेंगा

धनौल्टी के ग्रामीणों ने ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे 94 पर ऑल वेदर रोड परियोजना निर्माण में निर्माणदायी कंपनी पर अनियमितता का आरोप लगाया है. आरोप है कि निर्माण की गई सुरक्षा दीवारें जगह जगह से टूट रही हैं. साथ ही मलबा टिहरी झील में डाला जा रहा है.

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Published : Nov 23, 2022, 1:00 PM IST

धनौल्टीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजक्टों में से एक ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे 94 में चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना (Chardham All Weather Road Project) के तहत निर्माणाधीन है. इसकी रेख देख का जिम्मा बीआरओ के पास है. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण कार्य में लगी निर्माणदायी कंपनी मानकों की अनदेखी (Irregularity in all weather road construction) कर आपदा को न्यौता दे रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण की गई सुरक्षा दीवारें जगह जगह से टूट रही हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी एनजीटी के नियमों को ताक में रखकर ढिकियारा गाड़ व स्यांसू गाड़ में सड़क के मलबे को टिहरी झील में डाल रही है. साथ ही बिना मानकों की बनाई गई सुरक्षा दीवारों के टूटने से वन संपदा को भी भारी नुकसान हो रहा है.
ये भी पढ़ेंः कोसी और दाबका नदी से खनन निकासी की अनुमति हो रही पूरी, विभाग ने फिर से की मांग

इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन हो या वन महकमा सभी की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है. लोगों का कहना है कि निर्माणदायी कंपनी के द्वारा बनाए गए अव्यवस्थित डंपिंग जोन आने वाले समय में भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

धनौल्टीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजक्टों में से एक ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे 94 में चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना (Chardham All Weather Road Project) के तहत निर्माणाधीन है. इसकी रेख देख का जिम्मा बीआरओ के पास है. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण कार्य में लगी निर्माणदायी कंपनी मानकों की अनदेखी (Irregularity in all weather road construction) कर आपदा को न्यौता दे रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण की गई सुरक्षा दीवारें जगह जगह से टूट रही हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी एनजीटी के नियमों को ताक में रखकर ढिकियारा गाड़ व स्यांसू गाड़ में सड़क के मलबे को टिहरी झील में डाल रही है. साथ ही बिना मानकों की बनाई गई सुरक्षा दीवारों के टूटने से वन संपदा को भी भारी नुकसान हो रहा है.
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इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन हो या वन महकमा सभी की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है. लोगों का कहना है कि निर्माणदायी कंपनी के द्वारा बनाए गए अव्यवस्थित डंपिंग जोन आने वाले समय में भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

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