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चारधाम यात्रा के पैदल मार्गों को सड़क से जोड़ने की मांग, सैकड़ों गांवों को मिलेगा लाभ

घनसाली विधानसभा के ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि वह पौराणिक चारधाम यात्रा के पैदल मार्गों को सड़क मार्ग से जोड़ने का काम करें. जिससे उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही साथ घनसाली के 100 से अधिक गांव को इस मोटर मार्ग से फायदा मिलेगा.

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Published : Oct 3, 2020, 3:35 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 5:12 PM IST

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पैदल मार्गों को जल्द सड़क से जोड़ने के लिए ग्रामीणों ने सरकार से की मांग

टिहरी: जिले के दूरस्थ क्षेत्र घनसाली विधानसभा के ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि वह पौराणिक चारधाम यात्रा के पैदल मार्गों को सड़क मार्ग से जोड़ने का काम करें. जिससे उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही साथ घनसाली के 100 से अधिक गांव को इस मोटर मार्ग से फायदा मिलेगा.

चारधाम यात्रा के पैदल मार्गों को सड़क से जोड़ने की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि पौराणिक काल में पैदल यात्रा यमुनोत्री, गंगोत्री भटवाड़ी, बेलख बूढ़ाकेदार पावली कांठा, त्रियुगीनारायण से होकर केदारनाथ गुजरते थे. इन्हीं पैदल मार्गों को सड़क मार्ग बनाया जाए. जिससे सीधे पर्यटक यमुनोत्री, गंगोत्री से होते हुए बूढ़ा केदार वाली कांटा से होते हुए केदारनाथ कम से समय में पहुंच सकें. हालांकि, इसको लेकर घनसाली के ग्रामीणों ने कई बार शासन- प्रशासन से मांग भी की है और साथ ही कहा कि अभी तक प्रदेश में जितनी भी सरकार आई है. उन सभी सरकारों से इन पैदल मार्गों के सड़क मार्ग बनाने की गई, लेकिन कोई भी सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

वही, ग्रामीणों ने कहा कि टिहरी जिले का सबसे दूरस्थ और सीमांत गांव जाने के लिए पीएमजीएसवाई के द्वारा रोड बनाई गई है, उसका कार्य बंद पड़ा हुआ है और अब पीएमजीएसवाई के आधे अधूरे कार्य को कोई और विभाग करने जा रहा है और अभी तक यह सड़क नहीं बन पाई है.

ये भी पढ़ें : देवभूमि की ये दो नदियां कहलाती हैं सास-बहू, हर कोई जानता चाहता है इनकी कहानी

ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि यमुनोत्री, गंगोत्री से आने वाली पैदल मार्ग को पीएमजीएसवाई के बनाई गई आधी अधूरी सड़क को पूरी बनवा कर इससे मिलाया जाए. जिससे पर्यटक आसानी से केदारनाथ पहुंच सकें. ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगों को जल्द पूरा नही हुए तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी पूरी जवाबदेही सरकार की होगी.

टिहरी: जिले के दूरस्थ क्षेत्र घनसाली विधानसभा के ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि वह पौराणिक चारधाम यात्रा के पैदल मार्गों को सड़क मार्ग से जोड़ने का काम करें. जिससे उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही साथ घनसाली के 100 से अधिक गांव को इस मोटर मार्ग से फायदा मिलेगा.

चारधाम यात्रा के पैदल मार्गों को सड़क से जोड़ने की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि पौराणिक काल में पैदल यात्रा यमुनोत्री, गंगोत्री भटवाड़ी, बेलख बूढ़ाकेदार पावली कांठा, त्रियुगीनारायण से होकर केदारनाथ गुजरते थे. इन्हीं पैदल मार्गों को सड़क मार्ग बनाया जाए. जिससे सीधे पर्यटक यमुनोत्री, गंगोत्री से होते हुए बूढ़ा केदार वाली कांटा से होते हुए केदारनाथ कम से समय में पहुंच सकें. हालांकि, इसको लेकर घनसाली के ग्रामीणों ने कई बार शासन- प्रशासन से मांग भी की है और साथ ही कहा कि अभी तक प्रदेश में जितनी भी सरकार आई है. उन सभी सरकारों से इन पैदल मार्गों के सड़क मार्ग बनाने की गई, लेकिन कोई भी सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

वही, ग्रामीणों ने कहा कि टिहरी जिले का सबसे दूरस्थ और सीमांत गांव जाने के लिए पीएमजीएसवाई के द्वारा रोड बनाई गई है, उसका कार्य बंद पड़ा हुआ है और अब पीएमजीएसवाई के आधे अधूरे कार्य को कोई और विभाग करने जा रहा है और अभी तक यह सड़क नहीं बन पाई है.

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ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि यमुनोत्री, गंगोत्री से आने वाली पैदल मार्ग को पीएमजीएसवाई के बनाई गई आधी अधूरी सड़क को पूरी बनवा कर इससे मिलाया जाए. जिससे पर्यटक आसानी से केदारनाथ पहुंच सकें. ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगों को जल्द पूरा नही हुए तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी पूरी जवाबदेही सरकार की होगी.

Last Updated : Oct 3, 2020, 5:12 PM IST
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