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सौंग बांध निर्माण की खबरों से परेशान ग्रामीण, विस्थापन की मांग हुई तेज

सौंग बांध परियोजना से विस्थापित होने वाले ग्रामीण अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन और कार्यदायी संस्था के अधिकारी लगातार उन्हें झूठे आश्वासन दे रहे हैं. उनका कहना है कि सौंग बांध निर्माण से पहले विस्थापन की मांग पूरी की जाए.

सौंग बांध परियोजना
सौंग बांध परियोजना
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Published : Dec 7, 2020, 8:11 AM IST

धनोल्टी: मुख्यमंत्री के प्रस्तावित ड्रीम प्रोजेक्ट सौंग बांध के निर्माण की खबरों से प्रस्तावित बांध से प्रभावित क्षेत्रीय ग्रामीण आशंकित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन, कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने उन्हें लगातार भ्रमित किया है. इसी कड़ी में ग्रामीणों ने एक बार फिर विस्थापन की मांग को लेकर ग्राम सौंदणा में एक बैठक का आयोजन किया. प्रभावितों का कहना है कि उनके द्वारा शासन-प्रशासन के सामने कई बार मांगों को रखा गया है. इसमें मुख्य रूप से पुनर्वास, जल-जंगल-जमीन आदि की समुचित व्यवस्था शामिल है. उनका कहना है कि अधिकारियों द्वारा स्थिति स्पष्ट न होने से वो आशंकित हैं.

बता दें कि, बैठक में वरिष्ठ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान को आमंत्रित किया गया था. रविंद्र जुगरान ने बैठक में शामिल प्रधानगणों, क्षेत्र पंचायत के सदस्यों और स्थानीय ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि प्रस्तावित बांध से होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए वह हर समय ग्रामीणों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों के साथ किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्थानीय लोगों की समस्या के निदान के लिए वह इस प्रकरण का पूर्ण अध्ययन कर लड़ाई को लड़ने के लिए हर तरह से तैयार हैं.

पढ़ें- गंगा स्कैप चैनल शासनादेश रद्द होने के बाद उठ रहे सवाल, आखिर क्यों जानिए वजह?

वहीं, बैठक में शामिल पूर्व जिला पंचायत सदस्य अखिलेश उनियाल ने बांध निर्माण से सम्भावित जनसमस्याओं को लेकर शासन-प्रशासन के सुस्त रवैये पर रोष प्रकट किया. साथ ही आगाह किया कि डैम के शिलान्यास से पूर्व स्थानीय लोगों की समस्याओं का हल नहीं किया गया तो मुख्यमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का विरोध किया जाएगा. बैठक में प्रदेश प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष सूरत सिंह नेगी, तीरथ सिंह रावत, प्रधान ग्राम सभा कुंड वीरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे.

क्यों परेशान हैं ग्रामीण?

दरअसल, एक ओर जहां सौंग बांध बनने से देहरादून शहर को पानी पहुंचाया जाएगा, वहीं दूसरी ओर बांध बनने से टिहरी जनपद के कई गांवों पर पुर्नवास का संकट भी गहराता जा रहा है. चार गांवों के करीब 150 परिवारों को दूसरी जगह बसाने की भी तैयारी की जा रही है. जिसके लिए विभाग के द्वारा जमीनों का भी निरीक्षण किया जा रहा है.

धनोल्टी: मुख्यमंत्री के प्रस्तावित ड्रीम प्रोजेक्ट सौंग बांध के निर्माण की खबरों से प्रस्तावित बांध से प्रभावित क्षेत्रीय ग्रामीण आशंकित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन, कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने उन्हें लगातार भ्रमित किया है. इसी कड़ी में ग्रामीणों ने एक बार फिर विस्थापन की मांग को लेकर ग्राम सौंदणा में एक बैठक का आयोजन किया. प्रभावितों का कहना है कि उनके द्वारा शासन-प्रशासन के सामने कई बार मांगों को रखा गया है. इसमें मुख्य रूप से पुनर्वास, जल-जंगल-जमीन आदि की समुचित व्यवस्था शामिल है. उनका कहना है कि अधिकारियों द्वारा स्थिति स्पष्ट न होने से वो आशंकित हैं.

बता दें कि, बैठक में वरिष्ठ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान को आमंत्रित किया गया था. रविंद्र जुगरान ने बैठक में शामिल प्रधानगणों, क्षेत्र पंचायत के सदस्यों और स्थानीय ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि प्रस्तावित बांध से होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए वह हर समय ग्रामीणों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों के साथ किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्थानीय लोगों की समस्या के निदान के लिए वह इस प्रकरण का पूर्ण अध्ययन कर लड़ाई को लड़ने के लिए हर तरह से तैयार हैं.

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वहीं, बैठक में शामिल पूर्व जिला पंचायत सदस्य अखिलेश उनियाल ने बांध निर्माण से सम्भावित जनसमस्याओं को लेकर शासन-प्रशासन के सुस्त रवैये पर रोष प्रकट किया. साथ ही आगाह किया कि डैम के शिलान्यास से पूर्व स्थानीय लोगों की समस्याओं का हल नहीं किया गया तो मुख्यमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का विरोध किया जाएगा. बैठक में प्रदेश प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष सूरत सिंह नेगी, तीरथ सिंह रावत, प्रधान ग्राम सभा कुंड वीरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे.

क्यों परेशान हैं ग्रामीण?

दरअसल, एक ओर जहां सौंग बांध बनने से देहरादून शहर को पानी पहुंचाया जाएगा, वहीं दूसरी ओर बांध बनने से टिहरी जनपद के कई गांवों पर पुर्नवास का संकट भी गहराता जा रहा है. चार गांवों के करीब 150 परिवारों को दूसरी जगह बसाने की भी तैयारी की जा रही है. जिसके लिए विभाग के द्वारा जमीनों का भी निरीक्षण किया जा रहा है.

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