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'कोरोना वॉरियर्स' बने प्रधान बहुगुणा, ग्रामीणों के लिए बना रहे सैनिटाइजर और मास्क - सेनिटाइजर और मास्क

देश कोरोना वायरस के संकट से जुझ रहा है. ऐसे में कई जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, डॉक्टर्स, सफाईकर्मी और पत्रकार कोरोना प्रकोप के बीच अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं उत्तराखंड के टिहरी जिले में प्रतापनगर के ग्राम प्रधान 'कोरोना वॉरियर्स' की भूमिका में नजर आ रहे हैं. ग्राम प्रधान अपने घर पर सैनिटाइजर और मास्क बना रहे हैं,ताकि ग्रामीणों को दे सकें.

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'कोरोना वॉरियर्स' बना ग्राम प्रधान
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Published : Mar 27, 2020, 9:25 PM IST

प्रतापनगर: पूरा विश्व इस वक्त कोरोना के कहर से जूझ रहा है. ऐसे में भारत भी इस महासंकट से अछूता नहीं है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर की भूमिक अहम मानी जा रही है, लेकिन भारी मांग और कालाबाजारी के चलते देश में सैनिटाइजर और मास्क या तो मिल नहीं रहे हैं या फिर इसकी कीमत काफी ज्यादा है. जो आम लोगों की पहुंच से दूर है. ऐसे में कई संस्था, समाजसेवी और जनप्रतिनिधि अपने स्तर पर लोगों का सहयोग करने में जुटे हुए हैं. वहीं, कई ऐसे लोग हैं जो संकट की इस घड़ी में कोरोना वारियर्स की भूमिका निभा रहे हैं.

आज आपको उत्तराखंड के एक ऐसी ही 'कोरोना वारियर्स' की कहानी बता रहे हैं, जो अपने गांवों के लोगों की जिंदगी बचाने के लिए अपने स्तर से एक मुहिम में जुटा हुआ है. हम बात कर रहे हैं उत्तरकाशी जिले के गाजणा पट्टी ग्राम प्रधान हर्ष माली बहुगुणा की. जो अपने गांव के लोगों के लिए अपने घर में सैनिटाइजर और मास्क बना रहे हैं ताकि सात सौ लोगों की जिंदगी को बचाया जा सके.

कहते हैं कि संकट की घड़ी में जब हाथ से हाथ मिलाकर लड़ा जाए तो बड़ी सी बड़ी लड़ाई को भी जीता जा सकती है. ठीक ऐसा ही कुछ गाजणा पट्टी ग्राम प्रधान हर्ष माली बहुगुणा कर रहे हैं. ग्राम प्रधान हर्षमणि बहुगुणा स्वयं के संसाधनों से गांव को सैनिटाइजर किया और उत्तरकाशी से मास्क बनाने का रॉ मैटेरियल खरीदकर अपने ही घर में मोहन लाल व बृजमोहन के सहयोग से मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है. बहुगुणा की मानें तो वर्तमान में ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या लगभग 11 सौ है और वर्तमान में 7 सौ लोग गांव में रहते है. वहीं, हर्षमणि ग्रामवासियों को नि:शुल्क मास्क व डिटॉल साबुन वितरित करेंगे.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड पुलिस के 'वॉरियर्स', गरीबों को खिला रहे खाना

बहरहाल, सभी को इस संकट के समय में ग्राम प्रधान से सीख लेना चाहिए और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए. सरकार अपने तरीके से कार्य कर रही है, लेकिन गांव तक आने में काफी समय लगता है. वहीं, हर गांव के प्रधान अपने स्तर से लोगों मास्क और सैनिटाइजर बांटे और कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जागरुक करेंगे. तो कोरोना महामारी से लड़ा जा सकता है.

प्रतापनगर: पूरा विश्व इस वक्त कोरोना के कहर से जूझ रहा है. ऐसे में भारत भी इस महासंकट से अछूता नहीं है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर की भूमिक अहम मानी जा रही है, लेकिन भारी मांग और कालाबाजारी के चलते देश में सैनिटाइजर और मास्क या तो मिल नहीं रहे हैं या फिर इसकी कीमत काफी ज्यादा है. जो आम लोगों की पहुंच से दूर है. ऐसे में कई संस्था, समाजसेवी और जनप्रतिनिधि अपने स्तर पर लोगों का सहयोग करने में जुटे हुए हैं. वहीं, कई ऐसे लोग हैं जो संकट की इस घड़ी में कोरोना वारियर्स की भूमिका निभा रहे हैं.

आज आपको उत्तराखंड के एक ऐसी ही 'कोरोना वारियर्स' की कहानी बता रहे हैं, जो अपने गांवों के लोगों की जिंदगी बचाने के लिए अपने स्तर से एक मुहिम में जुटा हुआ है. हम बात कर रहे हैं उत्तरकाशी जिले के गाजणा पट्टी ग्राम प्रधान हर्ष माली बहुगुणा की. जो अपने गांव के लोगों के लिए अपने घर में सैनिटाइजर और मास्क बना रहे हैं ताकि सात सौ लोगों की जिंदगी को बचाया जा सके.

कहते हैं कि संकट की घड़ी में जब हाथ से हाथ मिलाकर लड़ा जाए तो बड़ी सी बड़ी लड़ाई को भी जीता जा सकती है. ठीक ऐसा ही कुछ गाजणा पट्टी ग्राम प्रधान हर्ष माली बहुगुणा कर रहे हैं. ग्राम प्रधान हर्षमणि बहुगुणा स्वयं के संसाधनों से गांव को सैनिटाइजर किया और उत्तरकाशी से मास्क बनाने का रॉ मैटेरियल खरीदकर अपने ही घर में मोहन लाल व बृजमोहन के सहयोग से मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है. बहुगुणा की मानें तो वर्तमान में ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या लगभग 11 सौ है और वर्तमान में 7 सौ लोग गांव में रहते है. वहीं, हर्षमणि ग्रामवासियों को नि:शुल्क मास्क व डिटॉल साबुन वितरित करेंगे.

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बहरहाल, सभी को इस संकट के समय में ग्राम प्रधान से सीख लेना चाहिए और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए. सरकार अपने तरीके से कार्य कर रही है, लेकिन गांव तक आने में काफी समय लगता है. वहीं, हर गांव के प्रधान अपने स्तर से लोगों मास्क और सैनिटाइजर बांटे और कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जागरुक करेंगे. तो कोरोना महामारी से लड़ा जा सकता है.

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