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टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से उप्पू गांव को खतरा, ग्रामीणों ने लगाई गुहार

जलस्तर बढ़ने से टिहरी झील के समीप बसे उप्पू गांव को खतरा पैदा हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सुध न तो सरकार ले रही हैं न टीएचडीसी के अधिकारी ले रहे हैं.

Tehri
टिहरी
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Published : Sep 29, 2021, 9:52 AM IST

Updated : Sep 29, 2021, 10:43 AM IST

टिहरी: जलस्तर बढ़ने से टिहरी झील के समीप बसे उप्पू गांव के ग्रामीण परेशान हैं. क्योंकि टिहरी झील का पानी उप्पू गांव के मकानों के पास पहुंच गया है, जिससे गांव के लोग डरे और सहमे हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस ओर जिम्मेदार अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं.

गौर हो कि टिहरी बांध की झील के आरएल 830 मीटर तक भरने को जहां टीएचडीसी अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहा है, वहीं जलस्तर बढ़ाने से उप्पू गांव के लोगों को खतरा पैदा हो गया है. जिस कारण लोग खौफजदा हैं. टिहरी बांध की झील के किनारे बसे उप्पू गांव के 110 से अधिक परिवारों ने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह 15 सालों से विस्थापन की मांग करते आ रहे हैं. किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. अब झील का पानी गांव तक पहुंच गया है और मिट्टी धंसकने लगी है. लोगों का कहना है कि गांव वालों की जान खतरे में है और गांव के मंदिर के चारों ओर झील का पानी आ चुका है. उन्होंने कहा कि अगर अब भी शासन-प्रशासन नहीं जागता है तो कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है.

टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से खतरे में उप्पू गांव.

पढ़ें-मॉनसून सीजन के दौरान PWD को हुआ 124 करोड़ का नुकसान, तय समय पर होगी मरम्मत

वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ने टीएचडीसी को 830 आरएल मीटर पानी भरने की अनुमति गलत तरीके से दी है. जबकि आज भी टिहरी झील के किनारे कई ऐसे गांव हैं जिनका विस्थापन होना बाकी है. आज जब टिहरी झील का जलस्तर 830 आरएल मीटर पर पहुंच गया है तो झील के आसपास उप्पू रौलाकोट सहित कई ऐसे गांव हैं जिनके नीचे जमीन धंस रही है. लेकिन ना तो उत्तराखंड सरकार और ना ही टीएचडीसी व पुनर्वास विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को जलस्तर भरने की अनुमति वापस लेनी चाहिए और लोगों को जल्द विस्थापन करना चाहिए.

टिहरी: जलस्तर बढ़ने से टिहरी झील के समीप बसे उप्पू गांव के ग्रामीण परेशान हैं. क्योंकि टिहरी झील का पानी उप्पू गांव के मकानों के पास पहुंच गया है, जिससे गांव के लोग डरे और सहमे हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस ओर जिम्मेदार अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं.

गौर हो कि टिहरी बांध की झील के आरएल 830 मीटर तक भरने को जहां टीएचडीसी अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहा है, वहीं जलस्तर बढ़ाने से उप्पू गांव के लोगों को खतरा पैदा हो गया है. जिस कारण लोग खौफजदा हैं. टिहरी बांध की झील के किनारे बसे उप्पू गांव के 110 से अधिक परिवारों ने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह 15 सालों से विस्थापन की मांग करते आ रहे हैं. किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. अब झील का पानी गांव तक पहुंच गया है और मिट्टी धंसकने लगी है. लोगों का कहना है कि गांव वालों की जान खतरे में है और गांव के मंदिर के चारों ओर झील का पानी आ चुका है. उन्होंने कहा कि अगर अब भी शासन-प्रशासन नहीं जागता है तो कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है.

टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से खतरे में उप्पू गांव.

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वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ने टीएचडीसी को 830 आरएल मीटर पानी भरने की अनुमति गलत तरीके से दी है. जबकि आज भी टिहरी झील के किनारे कई ऐसे गांव हैं जिनका विस्थापन होना बाकी है. आज जब टिहरी झील का जलस्तर 830 आरएल मीटर पर पहुंच गया है तो झील के आसपास उप्पू रौलाकोट सहित कई ऐसे गांव हैं जिनके नीचे जमीन धंस रही है. लेकिन ना तो उत्तराखंड सरकार और ना ही टीएचडीसी व पुनर्वास विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को जलस्तर भरने की अनुमति वापस लेनी चाहिए और लोगों को जल्द विस्थापन करना चाहिए.

Last Updated : Sep 29, 2021, 10:43 AM IST
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