टिहरीः नरेंद्र नगर के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर कांडा की लेबर कॉलोनी में रह रहे नेपाली मूल के दो बच्चों पर ततैयों की टोली ने हमला कर दिया. दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए. एक बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर कांडा की लेबर बस्ती के पास ही रोज की तरह मजदूरों के बच्चे बॉल से खेलने में मशगूल थे. खेलते-खेलते उनकी बॉल झाड़ियों में जा गिरी. रूपेंद्र (14) और विकास (15) बॉल को ढूंढने के लिए झाड़ियों में जा घुसे.
झाड़ियों में ततैयों का छत्ता मौजूद था. तभी अचानक छत्ते से छूटे ततैयों की भारी टोली ने दोनों बच्चों पर हमला कर दिया. हमले में विकास बेहोश होकर गड्ढे में जा गिरा. जबकि, रूपेंद्र चिल्लाता हुआ जंगल के रास्ते किनवाणी बस्ती के आस-पास जा पहुंचा.
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पूजा ने दिखाई हिम्मत
किनवाणी निवासी युवती पूजा ने बस्ती से कुछ दूर बच्चे की चिल्लाने की आवाज सुनी तो वो उसी दिशा की ओर दौड़ पड़ी. ततैयों के झुंड के सामने उसने हिम्मत नहीं हारी और तत्काल घर से कंबल लेकर रूपेंद्र को ततैयों के चंगुल से मुक्त कराया, लेकिन ततैयों के दर्जनों डंक की पीड़ा से कराहते-कराहते रूपेंद्र बेहोश हो गया था.
रूपेंद्र को किनवाणी के लोगों ने निजी वाहन के जरिए राजकीय श्री देव सुमन संयुक्त चिकित्सालय नरेंद्र नगर पहुंचाया. उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया. एम्स में उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. वहीं, लोगों ने पूजा की हिम्मत और साहस की सराहना की है.
झाड़ियों में बेहोश मिला विकास
रूपेंद्र का साथी विकास जब घर नहीं पहुंचा तो पुलिस और स्थानीय लोगों ने उसकी तलाश शुरू की. खोजबीन में वो झाड़ियों के इर्द-गिर्द एक गड्ढे में बेहोश पड़ा मिला. गिरने के कारण उसे ततैयों ने कम काटा. विकास को नरेंद्रनगर श्रीदेव सुमन अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया है.