टिहरी: नई टिहरी वरिष्ठ कोषाधिकारी कार्यालय में 2 करोड़ 21 लाख रुपये के गबन का खुलासा हो गया है. जिसके बाद सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 25 दिसंबर से गायब चल रहे कोषागार के दो कैशियर सहित चार लोगों के खिलाफ नई टिहरी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने सभी चार लोगों के बैंक खाते सील कर दिए हैं और आरोपियों की धरपकड़ के लिए अभियान जारी है. सर्विलांस के जरिए उनको पकड़ने की कोशिश चल रही है.
गौर हो कि टिहरी कोषागार में पिछले काफी समय से पेंशनरों की पेंशन और अन्य मामलों में गबन का खेल चल रहा था. लेकिन, अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी. इसका खुलासा तब हुआ जब नैनीताल ट्रेजरी में घपला सामने आने पर उत्तराखंड पेंशन एवं हकदारी निदेशालय देहरादून ने टिहरी कोषागार में भी जांच कराने के निर्देश जारी किए थे. जांच आने पर पेंशन प्रकरण देख रहे कैशियर जयप्रकाश शाह और यशपाल सिंह नेगी 25 दिसंबर से अचानक गायब हो गए.
परिजनों ने उनकी गुमशुदगी कोतवाली में दर्ज कराई. इतना बड़ा फर्जीवाड़ा होने के बावजूद उच्चाधिकारी मामले में अनभिज्ञता जाहिर कर रहे थे. गड़बड़ी का मामला सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 29 दिसंबर की रात को कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों के खिलाफ 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये के गबन की तहरीर दी.
एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. आरोपियों के खाते सील कर दिए हैं. गायब कैशियर की कार ऋषिकेश में बरामद हो गई है, जिसमें से करीब 103 विभागीय फाइलें बरामद हुई हैं. पुलिस के अनुसार गड़बड़ी कई सालों से चल रही थी.
क्या चल रहा था खेल: दरअसल, कोषागार में पेंशन प्रकरण देख रहे आरोपी मृतक पेंशनरों के मृत्यु प्रमाण पत्र हटाकर पेंशन की धनराशि अपने खातों में क्रेडिट कराते थे और इस पैसे से अपना शौक पूरा करते थे. दो कैशियर के खातों में 1 करोड़ 68 लाख 46 हजार रुपये जमा हुए हैं. जांच में पता चला है कि कैशियर जयप्रकाश शाह के बैंक खाते में 1 करोड़ 35 लाख 46 हजार रुपये और कैशियर यशपाल सिंह नेगी के खाते में 33 लाख 3 हजार रुपये क्रेडिट हुए हैं.
आरोपियों ने पेंशन का पैसा हड़प कर सुरेंद्र सिंह पंवार पता नामूलम के बैंक खाते में 10.77 लाख और मनोज कुमार पता नामालूम के खाते में 42 लाख रुपये अलग-अलग समय पर क्रेडिट करवाए. जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों ने अंतिम बार ऋषिकेश के एक एटीएम से 30 हजार रुपये निकाले थे. उसके बाद से दोनों के मोबाइल फोन बंद हैं जबकि एटीएम का भी उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया है.
बीती 25 दिसंबर को इन दोनों ट्रेजरी अधिकारियों को ढूंढते हुए पुलिस ऋषिकेश पहुंची थी, जहां एम्स के गेट नंबर एक के सामने एक कार संदिग्ध UK 09 A 0826 परिस्थितियों में बरामद हुई. ये कार आरोपी यशवंत सिंह की थी. तलाशी लेने पर गाड़ी के अंदर से 100 से ज्यादा अकाउंट संबंधित अति महत्वपूर्ण फाइलें बरामद हुई थीं.