टिहरी/श्रीनगर: कोरोना महामारी के बीच शनिवार को कई जिलों में सुमन दिवस सादगी के साथ मनाया गया. शहीद श्रीदेव सुमन की 76 पुण्यतिथि (सुमन दिवस) के अवसर पर टिहरी में जिलाधिकारी ने मुख्यालय पर स्थित जिला कारागार परिसर पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके उपरांत जिलाधिकारी ने कारागार परिसर में पौधारोपण भी किया. वहीं, श्रीनगर में भी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने श्रीदेव सुमन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने को कहा गया.
श्रीदेव सुमन का जन्म टिहरी गढ़वाल जिले की बमुण्ड पट्टी के ग्राम जौल में 25 मई 1916 में हुआ था. मात्र 29 वर्ष की उम्र में शहीद हो गए. वहीं, श्रीदेव सुमन की शहादत दिवस के अवसर पर 25 जुलाई को आम जनता के लिए जिला कारागार को भ्रमण के लिए खोला जाता है और सुमन की बेड़ियों के दर्शन भी कराए जाते हैं. वहीं, जेल में ही राजशाही के खिलाफ भूख हड़ताल की और 84 दिन की भूख हड़ताल के बाद 25 जुलाई को उन्होंने जेल में शरीर त्याग दिया.
ऐसे में शनिवार को टिहरी में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि गत वर्षों में सुमन दिवस के अवसर पर आमजन के प्रतिभाग, प्रभात फेरी, दौड़ प्रतियोगिताएं और स्वच्छ्ता आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था. लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुपालन स्वरूप इन कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया.
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वहीं, श्रीनगर में लोगों ने श्रीदेव सुमन को उनके शहादत दिवस पर याद किया. इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता समीर रतूड़ी ने कहा कि युवाओं को श्रीदेव सुमन से प्रेरणा लेनी चाहिए और अन्याय के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद करनी चाहिए. ताकि देश और समाज का विकास हो सके.