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ऑल वेदर रोडः डंपिंग जोन से पेड़ों को पहुंच रहा नुकसान, NGT के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां

ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत कंडीसौड़-जसपुर के बीच बने डंपिंग जोन से कई पेड़ मलबे में दबकर टेढे़ हो गए हैं. साथ ही बिना सुरक्षा दीवार के मलबा डाला जा रहा है.

tehri news
डंपिंग जोन
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Published : Jan 19, 2020, 12:11 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 1:48 PM IST

धनौल्टीः इन दिनों चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत सड़क चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है. इसी के तहत ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-94 पर भी काम चल रहा है, लेकिन यहां पर डंपिंग जोन को लेकर लापरवाही देखने को मिल रही है. जहां बिना सुरक्षा दीवार के ही मलबा गिराया जा रहा है. जिससे पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. वहीं, इस मामले पर एनजीटी बेखबर बना हुआ है.

डंपिंग जोन.

बता दें कि बीते एक साल से एनएच-94 पर चंबा-धरासू के बीच ऑल वेदर रोड चौड़ीकरण का काम चल रहा है. परियोजना के शुरू होने के बाद से ही डंपिंग जोन का चयन एक महत्वपूर्ण मामला रहा है. अधिकांश जगहों पर डंपिंग जोन जनहित और जनभावनाओं के विपरीत ठेकेदार व कंपनियों के हित में बनाए गए हैं. जिसे लेकर जनता विरोध भी कर चुकी है. स्थानीय जनता की मांग है कि कस्बों के पास बड़े डंपिंग जोन बनाकर पक्के सुरक्षा उपायों के साथ बहुउद्देशीय मैदान विकसित किए जाएं.

ये भी पढ़ेंः बर्फबारी से सड़क पर फंसे 200 से ज्यादा वाहन, पुलिस टीम ने बमुश्किल निकाला बाहर

इसी कड़ी में एक मामला कंडीसौड़-जसपुर के बीच देखने को मिल रहा है. जहां पर डंपिंग जोन से बिना सुरक्षा दीवार के गधेरे को बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं इस डंपिंग जोन के चपेट में आकर कई पेड़ दब गए हैं. उधर, स्थानीय लोग सूखे रिखेड़ी खाला में डपिंग जोन बनाकर बहुउद्देशीय मैदान बनाने की मांग कर रहे हैं. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि डंपिंग जोन से बने मैदान को पर्यटन की दृष्टि से पार्कों के रूप में विकसित किए जा सकते हैं. लेकिन, मामले में ठेकेदार व कंपनियों की मनमानी, कार्यदायी संस्था और बीआरओ की अदूरदर्शिता समेत राज्य सरकार की संवेदनहीनता के कारण मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. साथ ही एनजीटी के नियमों को ताक पर रहकर हरे भरे पेड़ों को मलबे से दबाया जा रहा है.

धनौल्टीः इन दिनों चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत सड़क चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है. इसी के तहत ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-94 पर भी काम चल रहा है, लेकिन यहां पर डंपिंग जोन को लेकर लापरवाही देखने को मिल रही है. जहां बिना सुरक्षा दीवार के ही मलबा गिराया जा रहा है. जिससे पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. वहीं, इस मामले पर एनजीटी बेखबर बना हुआ है.

डंपिंग जोन.

बता दें कि बीते एक साल से एनएच-94 पर चंबा-धरासू के बीच ऑल वेदर रोड चौड़ीकरण का काम चल रहा है. परियोजना के शुरू होने के बाद से ही डंपिंग जोन का चयन एक महत्वपूर्ण मामला रहा है. अधिकांश जगहों पर डंपिंग जोन जनहित और जनभावनाओं के विपरीत ठेकेदार व कंपनियों के हित में बनाए गए हैं. जिसे लेकर जनता विरोध भी कर चुकी है. स्थानीय जनता की मांग है कि कस्बों के पास बड़े डंपिंग जोन बनाकर पक्के सुरक्षा उपायों के साथ बहुउद्देशीय मैदान विकसित किए जाएं.

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इसी कड़ी में एक मामला कंडीसौड़-जसपुर के बीच देखने को मिल रहा है. जहां पर डंपिंग जोन से बिना सुरक्षा दीवार के गधेरे को बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं इस डंपिंग जोन के चपेट में आकर कई पेड़ दब गए हैं. उधर, स्थानीय लोग सूखे रिखेड़ी खाला में डपिंग जोन बनाकर बहुउद्देशीय मैदान बनाने की मांग कर रहे हैं. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि डंपिंग जोन से बने मैदान को पर्यटन की दृष्टि से पार्कों के रूप में विकसित किए जा सकते हैं. लेकिन, मामले में ठेकेदार व कंपनियों की मनमानी, कार्यदायी संस्था और बीआरओ की अदूरदर्शिता समेत राज्य सरकार की संवेदनहीनता के कारण मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. साथ ही एनजीटी के नियमों को ताक पर रहकर हरे भरे पेड़ों को मलबे से दबाया जा रहा है.

Intro: एन जी टी के नियमों को ताक मे रखकर बन रहे डम्पिंग जोनBody:
धनोल्टी
स्लग-एन जी टी के नियमों को ताक मे रखकर बन रहे आलवेदर सड़क पर डम्पिंग जोन

एंकर- आलवेदर रोड निर्माण में ठेकेदार कम्पनी की गैर जिम्मेदार कार्यशैली केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण चारधाम परियोजना को विवादास्पद बनाने पर उतारु प्रतीत होती दिख रही है। जिसकी बानगी ऋषिकेश-गंगैत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एन एच-94 पर देखने को मिलती है जहां निर्माणदायी कम्पनी अपने हित के अनुरूप में डंपिंग जोन का प्रयोग करके पी एम के इस ड्रीम प्रोजक्ट पर एनजीटी के नियमों के उलंघन का आरोप लगाने का कार्य किया जा रहा है।
पिछले एक वर्ष से एन एच-94 पर चम्बा-घरासू के बीच आलवेदर रोड़ चौड़ीकरण का कार्य गतिमान है। परियोजना के प्रारम्भ से ही डपिंग जोन चयन सबसे महत्वपूर्ण विषय रहा है।अधिकांश स्थानों पर डपिंग जोन जनहित एवं जनभावनाओं के विपरीत बनाकर ठेकेदार कम्पनियों के हित अनुरूप बनाए गए हैं। चारधाम परियोजना नाम से आलवेदर रोड़ निर्माण केन्द्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। स्थानीय जनता की शुरू से मांग रही है कि कस्बों के पास बड़े डपिंग जोन बनाकर पक्के सुरक्षा उपायों के साथ बहुउद्देशीय मैदान विकसित किए जाएं। डपिंग जोनों से बने मैदान स्थानीय उपयोग के साथ पर्यटन की दृष्टि से पार्कों के रूप में विकसित हो सकते हैं ।किन्तु ठेकेदार कम्पनियों की मनमानी, कार्यदायी संस्था बीआरओ की अदूरदर्शिता एवं राज्य प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण जन भावना को अनदेखा कर मनमानी से डपिंग जोन बनाकर हरे भरे पेड़ो को मलवे मे दफना कर महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर एनजीटी को नजरें टेढी करने का मौका दिया जा रहा है।
ऐसा ही कण्डीसौड़ जसपुर के बीच एक तरफ से डपिंग जोन भरकर बिना सुरक्षा दीवार के गधेरा बंद कर दिया गया है।पेड़ दब कर टेढे हो गया है।लगातार मलवा डंप किया जा रहा है।जबकि स्थानीय लोग कटिंग कार्य प्रारम्भ होने से पूर्व ही लगातार किमी० 117 में सूखे रिखेड़ी खाला में सुरक्षित पक्के नाले के साथ बड़ा डपिंग जोन बनाकर बहुउद्देशीय मैदान बनाने की मांग कर रहे हैं।किन्तु शासन प्रशासन से लेकर निर्माणदायी संस्था तक ने अभी तक जनभावना के अनुरूप कार्य नहीं किया। अगर यहाँ पर डम्पिंग जोन बनाया गया है तो पहले हरे पेड़ो को क्यो नही हटाया गया


Conclusion:डम्पिंग जोन बनाने को लेकर खड़े हो रहे सवाल कि अगर डम्पिंग जोन बनाये जा रहे है तो हरे भरे पेड़ो को क्यो दफन किया जा रहा है क्यो नही वन निगम के द्वारा डम्पिंग जोन बनने से पहले काटा गया
Last Updated : Jan 19, 2020, 1:48 PM IST
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