धनौल्टीः इन दिनों चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत सड़क चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है. इसी के तहत ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-94 पर भी काम चल रहा है, लेकिन यहां पर डंपिंग जोन को लेकर लापरवाही देखने को मिल रही है. जहां बिना सुरक्षा दीवार के ही मलबा गिराया जा रहा है. जिससे पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. वहीं, इस मामले पर एनजीटी बेखबर बना हुआ है.
बता दें कि बीते एक साल से एनएच-94 पर चंबा-धरासू के बीच ऑल वेदर रोड चौड़ीकरण का काम चल रहा है. परियोजना के शुरू होने के बाद से ही डंपिंग जोन का चयन एक महत्वपूर्ण मामला रहा है. अधिकांश जगहों पर डंपिंग जोन जनहित और जनभावनाओं के विपरीत ठेकेदार व कंपनियों के हित में बनाए गए हैं. जिसे लेकर जनता विरोध भी कर चुकी है. स्थानीय जनता की मांग है कि कस्बों के पास बड़े डंपिंग जोन बनाकर पक्के सुरक्षा उपायों के साथ बहुउद्देशीय मैदान विकसित किए जाएं.
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इसी कड़ी में एक मामला कंडीसौड़-जसपुर के बीच देखने को मिल रहा है. जहां पर डंपिंग जोन से बिना सुरक्षा दीवार के गधेरे को बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं इस डंपिंग जोन के चपेट में आकर कई पेड़ दब गए हैं. उधर, स्थानीय लोग सूखे रिखेड़ी खाला में डपिंग जोन बनाकर बहुउद्देशीय मैदान बनाने की मांग कर रहे हैं. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि डंपिंग जोन से बने मैदान को पर्यटन की दृष्टि से पार्कों के रूप में विकसित किए जा सकते हैं. लेकिन, मामले में ठेकेदार व कंपनियों की मनमानी, कार्यदायी संस्था और बीआरओ की अदूरदर्शिता समेत राज्य सरकार की संवेदनहीनता के कारण मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. साथ ही एनजीटी के नियमों को ताक पर रहकर हरे भरे पेड़ों को मलबे से दबाया जा रहा है.