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लापरवाही ने ली मासूम सहित दादा-दादी की जान, जंगली मशरूम से 10 दिन में पांच मौतें

प्रतापनगर के सुकरी गांव में एक परिवार का मुखिया जंगल से मशरूम लाया था. घर पर बड़े चाव से इन मशरूम की सब्जी बनाई गई थी. परिवार के तीन सदस्यों ने मशरूम की सब्जी खाई. लेकिन उनको नहीं पता था कि ये मशरूम उनकी जान ले लेंगे. मशरूम जहरीले निकले और तीनों लोगों की मौत हो गई.

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जंगली मशरूम खाने से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत
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Published : Aug 21, 2021, 3:52 PM IST

Updated : Aug 21, 2021, 5:49 PM IST

टिहरी: उत्तराखंड के टिहरी जिले के प्रताप नगर में अभी जंगली मशरूम खाने से पिता और पुत्री की मौत की चिता ठंडी भी नहीं हुई थी कि अब एक और परिवार इस जहरीली मशरूम की भेंट चढ़ गया है. खबर है कि प्रताप नगर के ही सुकरी गांव में जंगली मशरूम खाने से 13 साल की सलोनी सेमवाल, दादी विमला देवी, दादा सुंदरलाल सेमवाल की आज मौत हो गई. बताया जा रहा है कि जंगली मशरूम खाने की वजह से 16 अगस्त को उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई थी.

जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश के एम्स में भर्ती करवाया था. परिवार के तीन सदस्य 16 अगस्त से आईसीयू में ही भर्ती थे. जहां उनका इलाज चल रहा था. आज जिंदगी और मौत से लड़ रहे तीनों सदस्यों ने दम तोड़ दिया.

आज ऋषि केश के पूर्णानंद घाट पर सुंदरलाल और उनकी पत्नी विमला का अंतिम संस्कार किया गया. बता दें सुंदर लाल के दो बेटे सुरेश और प्रभुदत्त हैं. सुरेश देहरादून के होटल में काम करता है. सुरेश के 3 बच्चे थे. जिनमें 2 बेटे और एक बेटी किरण उर्फ सलोनी थी. जिसकी जंगली मशरूम खाने से मौत हो गई. वहीं, दूसरे सुंदर लाल का दूसरा बेटे प्रभुदत्त पंजाब में नौकरी करता है. जिसकी भी एक बेटी है.

पढ़ें- टिहरी में जंगली मशरूम खाने से पिता-पुत्री की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

उत्तराखंड में जंगली मशरूम को चूई की सब्जी कहा जाता है. यह मशरूम अमूमन बरसात के मौसम में ही उगता है. लोग इसे सब्जी समझकर कई बार भूलवश खा लेते हैं. उत्तराखंड में पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं.

18 अगस्त को खाई थी सब्जी: प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सुकरी गांव में जंगली मशरूम खाने से तीन लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे. पहले गांव में ही तीनों लोगों का उपचार किया गया. लेकिन, उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी, जिसके बाद तीनों को ऋषिकेश एम्स में भर्ती किया गया. जहां इलाज के जौरान उनकी मौत हो ई.

पढ़ें- TSR ने अरविंद केजरीवाल को बताया 'अर्बन नक्सल', गिरगिट भी कहा

जंगली मशरूम से दो लोग गंवा चुके हैं जान: बता दें कि 10 दिन पहले टिहरी के प्रतापनगर ब्लॉक के ग्राम पंचायत खोलगढ़ में जहरीले मशरूम खाने से पिता-पुत्री की मौत हो गई थी. इससे पूरे क्षेत्र में मातम छा गया था. बताया जा रहा है कि दोनों ने भी जंगली मशरूम खाये थे. मशरूम खाने के बाद दोनों बीमार हो गए थे. गनीमत रही कि परिवार के अन्य सदस्यों ने मशरूम की सब्जी नहीं खाई.

क्या होता है जंगली मशरूम: पहाड़ी इलाकों या ठंडी जगहों पर बारिश के मौसम में जगह-जगह जंगली मशरूम उग आते हैं. इन्हें कुकुरमुत्ता भी कहते हैं. यह दिखने में मशरूम जैसा ही होता है. लेकिन इसकी छतरी चपटी होती है. इस मशरूम का सेवन करने से बचना चाहिए. क्योंकि इसमें कई हानिकारक तत्व पाए जाते हैं. जंगली मशरूम का सेवन करने से कई बीमारियां भी होती हैं. कई बार इसे खाने से जान का खतरा भी हो सकता है.

टिहरी: उत्तराखंड के टिहरी जिले के प्रताप नगर में अभी जंगली मशरूम खाने से पिता और पुत्री की मौत की चिता ठंडी भी नहीं हुई थी कि अब एक और परिवार इस जहरीली मशरूम की भेंट चढ़ गया है. खबर है कि प्रताप नगर के ही सुकरी गांव में जंगली मशरूम खाने से 13 साल की सलोनी सेमवाल, दादी विमला देवी, दादा सुंदरलाल सेमवाल की आज मौत हो गई. बताया जा रहा है कि जंगली मशरूम खाने की वजह से 16 अगस्त को उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई थी.

जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश के एम्स में भर्ती करवाया था. परिवार के तीन सदस्य 16 अगस्त से आईसीयू में ही भर्ती थे. जहां उनका इलाज चल रहा था. आज जिंदगी और मौत से लड़ रहे तीनों सदस्यों ने दम तोड़ दिया.

आज ऋषि केश के पूर्णानंद घाट पर सुंदरलाल और उनकी पत्नी विमला का अंतिम संस्कार किया गया. बता दें सुंदर लाल के दो बेटे सुरेश और प्रभुदत्त हैं. सुरेश देहरादून के होटल में काम करता है. सुरेश के 3 बच्चे थे. जिनमें 2 बेटे और एक बेटी किरण उर्फ सलोनी थी. जिसकी जंगली मशरूम खाने से मौत हो गई. वहीं, दूसरे सुंदर लाल का दूसरा बेटे प्रभुदत्त पंजाब में नौकरी करता है. जिसकी भी एक बेटी है.

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उत्तराखंड में जंगली मशरूम को चूई की सब्जी कहा जाता है. यह मशरूम अमूमन बरसात के मौसम में ही उगता है. लोग इसे सब्जी समझकर कई बार भूलवश खा लेते हैं. उत्तराखंड में पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं.

18 अगस्त को खाई थी सब्जी: प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सुकरी गांव में जंगली मशरूम खाने से तीन लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे. पहले गांव में ही तीनों लोगों का उपचार किया गया. लेकिन, उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी, जिसके बाद तीनों को ऋषिकेश एम्स में भर्ती किया गया. जहां इलाज के जौरान उनकी मौत हो ई.

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जंगली मशरूम से दो लोग गंवा चुके हैं जान: बता दें कि 10 दिन पहले टिहरी के प्रतापनगर ब्लॉक के ग्राम पंचायत खोलगढ़ में जहरीले मशरूम खाने से पिता-पुत्री की मौत हो गई थी. इससे पूरे क्षेत्र में मातम छा गया था. बताया जा रहा है कि दोनों ने भी जंगली मशरूम खाये थे. मशरूम खाने के बाद दोनों बीमार हो गए थे. गनीमत रही कि परिवार के अन्य सदस्यों ने मशरूम की सब्जी नहीं खाई.

क्या होता है जंगली मशरूम: पहाड़ी इलाकों या ठंडी जगहों पर बारिश के मौसम में जगह-जगह जंगली मशरूम उग आते हैं. इन्हें कुकुरमुत्ता भी कहते हैं. यह दिखने में मशरूम जैसा ही होता है. लेकिन इसकी छतरी चपटी होती है. इस मशरूम का सेवन करने से बचना चाहिए. क्योंकि इसमें कई हानिकारक तत्व पाए जाते हैं. जंगली मशरूम का सेवन करने से कई बीमारियां भी होती हैं. कई बार इसे खाने से जान का खतरा भी हो सकता है.

Last Updated : Aug 21, 2021, 5:49 PM IST
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