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14 किमी पैदल चलकर आपदा प्रभावित गांवों में पहुंचे टिहरी DM, पीड़ितों का जाना हाल

जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉक्टर सौरभ गहरवार सोमवार को करीब 14 किमी पैदल चलकर विकासखंड जौनपुर के आपदा प्रभावित गांवों में पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों का हालचाल जाना और पीड़िता की हरसंभव मदद देने का भरोसा गिया.

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Published : Aug 29, 2022, 8:25 PM IST

टिहरी: जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉक्टर सौरभ गहरवार (Tehri DM Saurabh Gaharwar) ने विकासखंड जौनपुर के अन्तर्गत आपदा प्रभावित ग्राम चिफल्डी, गवाली डांडा, तौलिया काटल, सोन्दणा, सौंग नदी के डैम हेड से स्थान पलैड तक स्थलीय निरीक्षण (disaster affected villages) किया. उसके बाद राजकीय प्राथमिक विघालय गवाली डांडा जौनपुर टिहरी गढ़वाल में समीक्षा बैठक कर लोगों की समस्याए शिकायतें सुनीं और मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के साथ मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा सहित अन्य अधिकारियों के द्वारा दिनभर लगभग 14 किमी पैदल चलकर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया गया (Tehri DM Saurabh walks 14 km). इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा मृतक सुरेन्द्र सिंह के पिता बीर सिंह को राहत राशि का चेक दिया गया. सुरेन्द्र सिंह की टिहरी जिले के चिफल्डी गांव के रहने वाले थे, वो बीते देहरादून जिले के सरखेत में गए हुए थे. वहीं 20 अगस्त तड़के आई आपदा में सुरेन्द्र सिंह लापता हो गए थे. उनका शव 24 अगस्त को देहरादून के सरखेत से ही मिला था.
पढ़ें- UKPSC में क्षैतिज आरक्षण को लेकर CM आवास के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन, सोता रहा LIU

जिलाधिकारी ने तय समयसीमा के अंदर ही ग्रामीणों को समस्याओं और शिकायतों का निस्तारण करने का निर्देश दिया. इसके अलावा आपदा से क्षतिग्रस्त कार्यों का मेजरमेंट कर तत्काल इस्टीमेट बनाकर उपलब्ध करने के निर्देश दिए. चिफल्डी गांव के निरीक्षण के दौरान जगह-जगह पीएमजीएसवाई की सड़क पर मलवे को लेकर जिलाधिकारी ने एसडीएम धनौल्टी को निर्देशित किया कि पीएमजीएसवाई को 15 दिन का समय देते हुए मलबा हटाने और प्रॉपर डम्पिंग जोन में डालने को कहें. यदि इस अवधि में कार्य नहीं किया जाता है, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करना सुनिश्चित करें.

इसके साथ ही घरों एवं जिस किसी क्षेत्र में मलवा भर गया है, उसे हटवाना, आपदा से जो नक्शे कट गये हैं, उनका आंकलन कर प्रपत्र तैयार करना, विस्थापितों के लिए भूमि चिन्हित करना, पशुहानि, आंशिक एवं पूर्ण क्षति का अनुदान शीघ्र देना सुनिश्चित करें.

जिलाधिकारी द्वारा सिंचाई विभाग को आपदा से क्षतिग्रस्त कृषि भूमि के सुधार हेतु रिवर ट्रेनिंग करने और नदी के दोनों तरफ चैनेलाइजेशन करने के निर्देश दिये गये. लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनकी फाउण्डेशन मजबूत हो, ताकि किसी भी तरह की कोई शिकायत की गुंजाइश न रहे.
पढ़ें- हरिद्वार में यहां होंगे मूर्ति विसर्जन, गंगा में विसर्जित की तो होगी कड़ी कार्रवाई

वहीं विद्युत विभाग को ग्राम चिफल्डी एवं गवालीडांडा में बाधित विद्युत आपूर्ति का तत्काल बहाल करने, उरेडा अधिकारी को गवाली डांडा, चिफल्डी, सोंदणा, तोलिया काटल हेतु 30 सोलर लाइट की तत्काल व्यवस्था करने व पीएमजीएसवाई अधिकारी को एक ट्रॉली सोंदणा में तत्काल लगाये जाने हेतु काम शुरू कर फोटोग्राफ्स उपलब्ध के निर्देश दिये गये.

वहीं सभी विभागों को निर्देशित किया कि सोंदणा में एसडीएम की परमिशन लिये बिना कोई नाप तोल करने नहीं जाएगा. जिलाधिकारी द्वारा गवाली डांडा, जैंतवाड़ी, खेतू आदि गावों में पेयजल बिलों की शिकायत पर जल संस्थान अधिकारी को गांव में कैम्प लगाकर तत्काल पेयजल लाइन और बिल ठीक कर दो दिन के अन्दर पानी पहुंचाने और रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये. साथ ही स्वयं कार्यों की प्रगति की जानकारी लेने हेतु गांवों वालों के सम्पर्क नम्बर लिये गये.

इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा रा.प्रा.वि. गवाली डांडा में शिफ्ट किये गये परिवारों का हाल-चाल भी जाना. जिलाधिकारी ने बताया कि चिफल्डी एवं गवाली डांडा में अगस्त-सितम्बर दो माह का सरकारी राशन पहले ही सस्ता गल्ला को उपलब्ध करा दिया गया. रिलीफ कैम्पों में आपदा प्रभावितों को पूरा राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. जनपद में आपदा से क्षतिग्रस्त 72 पेयजल लाइनों में से 53 पूर्ण/अस्थाई रूप से ठीक कर दी गई हैं, जल्द की क्षेत्र की पेयजल लाइनों, विद्युत लाइनों को पूर्ण रूप से ठीक कर लिया जायेगा.
पढ़ें- Doiwala Mass Murder महेश तिवारी को इस बीमारी ने बनाया वहशी, पूरे परिवार को चाकू से गोदकर किया खत्म

फिलहाल क्षेत्र में तीन पेयजल योजनाओं की अस्थाई व्यवस्था की गई है. ग्राम चिफल्डी में नदी पर एसडीआरएफ द्वारा अस्थाई पुलिया का निर्माण कर दिया गया है. 02 ट्रॉली का काम शुरू कर दिया गया है. सोंदणा में भी 01 ट्राली के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है. आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पित्तियों को प्राथमिकता के आधार पर ठीक करने का काम किया जा रहा है.

टिहरी: जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉक्टर सौरभ गहरवार (Tehri DM Saurabh Gaharwar) ने विकासखंड जौनपुर के अन्तर्गत आपदा प्रभावित ग्राम चिफल्डी, गवाली डांडा, तौलिया काटल, सोन्दणा, सौंग नदी के डैम हेड से स्थान पलैड तक स्थलीय निरीक्षण (disaster affected villages) किया. उसके बाद राजकीय प्राथमिक विघालय गवाली डांडा जौनपुर टिहरी गढ़वाल में समीक्षा बैठक कर लोगों की समस्याए शिकायतें सुनीं और मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के साथ मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा सहित अन्य अधिकारियों के द्वारा दिनभर लगभग 14 किमी पैदल चलकर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया गया (Tehri DM Saurabh walks 14 km). इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा मृतक सुरेन्द्र सिंह के पिता बीर सिंह को राहत राशि का चेक दिया गया. सुरेन्द्र सिंह की टिहरी जिले के चिफल्डी गांव के रहने वाले थे, वो बीते देहरादून जिले के सरखेत में गए हुए थे. वहीं 20 अगस्त तड़के आई आपदा में सुरेन्द्र सिंह लापता हो गए थे. उनका शव 24 अगस्त को देहरादून के सरखेत से ही मिला था.
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जिलाधिकारी ने तय समयसीमा के अंदर ही ग्रामीणों को समस्याओं और शिकायतों का निस्तारण करने का निर्देश दिया. इसके अलावा आपदा से क्षतिग्रस्त कार्यों का मेजरमेंट कर तत्काल इस्टीमेट बनाकर उपलब्ध करने के निर्देश दिए. चिफल्डी गांव के निरीक्षण के दौरान जगह-जगह पीएमजीएसवाई की सड़क पर मलवे को लेकर जिलाधिकारी ने एसडीएम धनौल्टी को निर्देशित किया कि पीएमजीएसवाई को 15 दिन का समय देते हुए मलबा हटाने और प्रॉपर डम्पिंग जोन में डालने को कहें. यदि इस अवधि में कार्य नहीं किया जाता है, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करना सुनिश्चित करें.

इसके साथ ही घरों एवं जिस किसी क्षेत्र में मलवा भर गया है, उसे हटवाना, आपदा से जो नक्शे कट गये हैं, उनका आंकलन कर प्रपत्र तैयार करना, विस्थापितों के लिए भूमि चिन्हित करना, पशुहानि, आंशिक एवं पूर्ण क्षति का अनुदान शीघ्र देना सुनिश्चित करें.

जिलाधिकारी द्वारा सिंचाई विभाग को आपदा से क्षतिग्रस्त कृषि भूमि के सुधार हेतु रिवर ट्रेनिंग करने और नदी के दोनों तरफ चैनेलाइजेशन करने के निर्देश दिये गये. लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनकी फाउण्डेशन मजबूत हो, ताकि किसी भी तरह की कोई शिकायत की गुंजाइश न रहे.
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वहीं विद्युत विभाग को ग्राम चिफल्डी एवं गवालीडांडा में बाधित विद्युत आपूर्ति का तत्काल बहाल करने, उरेडा अधिकारी को गवाली डांडा, चिफल्डी, सोंदणा, तोलिया काटल हेतु 30 सोलर लाइट की तत्काल व्यवस्था करने व पीएमजीएसवाई अधिकारी को एक ट्रॉली सोंदणा में तत्काल लगाये जाने हेतु काम शुरू कर फोटोग्राफ्स उपलब्ध के निर्देश दिये गये.

वहीं सभी विभागों को निर्देशित किया कि सोंदणा में एसडीएम की परमिशन लिये बिना कोई नाप तोल करने नहीं जाएगा. जिलाधिकारी द्वारा गवाली डांडा, जैंतवाड़ी, खेतू आदि गावों में पेयजल बिलों की शिकायत पर जल संस्थान अधिकारी को गांव में कैम्प लगाकर तत्काल पेयजल लाइन और बिल ठीक कर दो दिन के अन्दर पानी पहुंचाने और रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये. साथ ही स्वयं कार्यों की प्रगति की जानकारी लेने हेतु गांवों वालों के सम्पर्क नम्बर लिये गये.

इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा रा.प्रा.वि. गवाली डांडा में शिफ्ट किये गये परिवारों का हाल-चाल भी जाना. जिलाधिकारी ने बताया कि चिफल्डी एवं गवाली डांडा में अगस्त-सितम्बर दो माह का सरकारी राशन पहले ही सस्ता गल्ला को उपलब्ध करा दिया गया. रिलीफ कैम्पों में आपदा प्रभावितों को पूरा राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. जनपद में आपदा से क्षतिग्रस्त 72 पेयजल लाइनों में से 53 पूर्ण/अस्थाई रूप से ठीक कर दी गई हैं, जल्द की क्षेत्र की पेयजल लाइनों, विद्युत लाइनों को पूर्ण रूप से ठीक कर लिया जायेगा.
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फिलहाल क्षेत्र में तीन पेयजल योजनाओं की अस्थाई व्यवस्था की गई है. ग्राम चिफल्डी में नदी पर एसडीआरएफ द्वारा अस्थाई पुलिया का निर्माण कर दिया गया है. 02 ट्रॉली का काम शुरू कर दिया गया है. सोंदणा में भी 01 ट्राली के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है. आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पित्तियों को प्राथमिकता के आधार पर ठीक करने का काम किया जा रहा है.

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