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बैठक से नदारद अधिकारियों की वेतन पर डीएम ने लगाई रोक, मांगा स्पष्टीकरण - डीएम इवा श्रीवास्तव ने नदारद अधिकारियों की रोकी वेतन

टिहरी जिला योजना की बैठक में दो अधिकारी के नदारद रहने पर डीएम ईवा श्रीवास्तव ने नागारजी जाहिर की. डीएम ने दोनों अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश दिए. साथ ही स्पष्टीकरण मांगा.

डीएम की बैठक से नदारद रहे अधिकारी
डीएम की बैठक से नदारद रहे अधिकारी
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Published : Mar 5, 2021, 9:22 PM IST

टिहरी: प्रदेश में नौकरशाहों की मनमानी किस कदर तक हावी है, इसकी बानगी आज जिलाधिकारी इवा श्रीवास्तव द्वारा बुलाई गई बैठक में देखने को मिली. कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें दो अधिकारी नदारद रहे. अधिकारियों की अनुपस्थिति पर डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए दोनों से ना सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा, बल्कि दोनों के वेतन रोकने के भी निर्देश दिए हैं.

जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जिला योजना की समीक्षा बैठक की गई. जिसमें अधिशासी अभियंता लोनिवि नरेंद्रनगर मो. आरिफ खान और अधिशासी अभियंता राजकीय सिंचाई नरेंद्रनगर कमल सिंह बैठक में नहीं पहुचें, जिसको लेकर डीएम नें तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेश तक दोनों अधिकारियों के वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण मांगा है.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी: यहां बत्ती गुल तो नेटवर्क गुल, कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया?

डीएम ईवा श्रीवास्तव ने सभी विभागाध्यक्षों को चेताया कि 1 अप्रैल को यदि 1 भी पैसा उनके पास अवशेष रह जाता है तो संबंधित अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दिया जाना तय है. इसके साथ ही यदि कोई अधिकारी 15 मार्च के बाद बिना उनकी अनुमति के धनराशि सरेंडर करता है तो संबधित अधिकारियों को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो विभाग धनराशि खर्च नहीं कर पा रहा है, वे 24 घंटे के भीतर धनराशि को सरेंडर कर दे. ताकि जिन विभागों द्वारा अतिरिक्त धनराशि की मांग की जा रही है, उनको आवंटित की जा सके. वहीं, बैठक में ईई लोनिवि कीर्तिनगर ने 16 लाख, मुख्य कृषि अधिकारी ने 16 लाख, लोनिवि टिहरी ने पूल्ड हाउस हेतु 20 लाख, उरेडा ने 10 लाख रुपए की अतिरिक्त मांग जिलाधिकारी के समक्ष रखी.

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभिन्न विभागों को आवंटित 63 करोड़ 37 लाख के सापेक्ष फरवरी 2021 के अंत तक 57 करोड़ 42 लाख व्यय किया गया, जो की अवमुक्त धनराशि का 90.93 प्रतिशत है.

टिहरी: प्रदेश में नौकरशाहों की मनमानी किस कदर तक हावी है, इसकी बानगी आज जिलाधिकारी इवा श्रीवास्तव द्वारा बुलाई गई बैठक में देखने को मिली. कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें दो अधिकारी नदारद रहे. अधिकारियों की अनुपस्थिति पर डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए दोनों से ना सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा, बल्कि दोनों के वेतन रोकने के भी निर्देश दिए हैं.

जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जिला योजना की समीक्षा बैठक की गई. जिसमें अधिशासी अभियंता लोनिवि नरेंद्रनगर मो. आरिफ खान और अधिशासी अभियंता राजकीय सिंचाई नरेंद्रनगर कमल सिंह बैठक में नहीं पहुचें, जिसको लेकर डीएम नें तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेश तक दोनों अधिकारियों के वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण मांगा है.

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डीएम ईवा श्रीवास्तव ने सभी विभागाध्यक्षों को चेताया कि 1 अप्रैल को यदि 1 भी पैसा उनके पास अवशेष रह जाता है तो संबंधित अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दिया जाना तय है. इसके साथ ही यदि कोई अधिकारी 15 मार्च के बाद बिना उनकी अनुमति के धनराशि सरेंडर करता है तो संबधित अधिकारियों को भी प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो विभाग धनराशि खर्च नहीं कर पा रहा है, वे 24 घंटे के भीतर धनराशि को सरेंडर कर दे. ताकि जिन विभागों द्वारा अतिरिक्त धनराशि की मांग की जा रही है, उनको आवंटित की जा सके. वहीं, बैठक में ईई लोनिवि कीर्तिनगर ने 16 लाख, मुख्य कृषि अधिकारी ने 16 लाख, लोनिवि टिहरी ने पूल्ड हाउस हेतु 20 लाख, उरेडा ने 10 लाख रुपए की अतिरिक्त मांग जिलाधिकारी के समक्ष रखी.

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभिन्न विभागों को आवंटित 63 करोड़ 37 लाख के सापेक्ष फरवरी 2021 के अंत तक 57 करोड़ 42 लाख व्यय किया गया, जो की अवमुक्त धनराशि का 90.93 प्रतिशत है.

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