टिहरी: पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के फ्लीट में लगी वाहनों का 18 लाख 27 हजार के फर्जी बिल मामले में टिहरी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने काला टूर एंड ट्रेवल्स मथुरावाला धर्मपुर देहरादून के मालिक ज्योति काला और उसके पति सुशील उनियाल को 7 साल की सजा सुनाई है.
बता दें कि मामला 13 दिसंबर 2012 से 20 जून 2013 के बीच का है. इस दौरान काला टूर एंड ट्रेवल्स मथुरावाला धर्मपुर ने 18 लाख 27 हजार फर्जी बिल दिखाकर हड़प लिए थे. इस मामले में 7 फरवरी 2015 को नई टिहरी पुलिस थाने में सीएमओ अर्जुन सिंह सेंगर ने एफआईआर दर्ज करवाई थी.
इस मामले में तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा के पीआरओ उत्तम सिंह रावत के फर्जी हस्ताक्षर करके अभियुक्त सुशील उनियाल ने सीएमओ कार्यालय नई टिहरी में टैक्सी किराया बिल प्रस्तुत किया था. जिसको तत्कालीन सीएमओ एसपी अग्रवाल ने भुगतान के लिए पास कर दिया था. जिसके बाद आरोपी सुशील उनियाल की पत्नी ज्योति काला के बैंक अकाउंट में यह धनराशि ट्रांसफर किया गया था.
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मामले में काला टूर एंड ट्रेवल्स मालिक ज्योति काला और उनके पति सुशील उनियाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले की सुनवाई में कोर्ट ने दोनों आरोपी को दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही न्यायालय ने आरोपी द्वारा गबन की गई 18 लाख 27 हजार की धनराशि उत्तराखंड राज्य को बतौर प्रतिकर 30 दिनों के अंदर अदा करने के आदेश दिए है.
इसके अतिरिक्त अन्य जिलों में भी इसी प्रकार का फर्जी बिलों के भुगतान का मामला सामने आया है. टैक्सी किराया संबंधी फर्जी बिलों के भुगतान के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय देहरादून, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय संयुक्त चिकित्सालय देहरादून, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक चिकित्सालय ऋषिकेश, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून मुख्य चिकित्सा अधिकारी टिहरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून, मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी उधम सिंह नगर में अनियमितताएं पाई गई थी. 3 बड़े सरकारी अस्पताल और 4 सीएमओ कार्यालय में गड़बड़ी पाई गई.