टिहरी: नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले शिक्षक को कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी शिक्षक पर 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर आरोपी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतान पड़ेगा.
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) चंद्रवीर सिंह नेगी ने बताया कि दोषी प्रमेश कुमार टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक स्थित एक इंटर कॉलेज में बतौर इतिहास के प्रवक्ता पद पर तैनात था. प्रमेश पर उनकी ही नाबालिग छात्रा ने जबरन शरीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया था. छात्रा के परिजनों को इस बात का पता 13 सितम्बर 2017 को उस समय लगा उसने पेट दर्द की शिकायत की. इसके बाद परिजनों ने उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे आठ महीने की गर्भवती बताया था. परिजनों ने जब इस बारे में छात्रा से पूछा तो उसने सारी सच्चाई बता दी.
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छात्रा ने बताया कि दोषी प्रमेश स्कूल की छुट्टी होने ही उसे वहां रोकता था. इसके बाद वो उससे कमरे साफ करवाता था. इस दौरान प्रमेश उसे खाने-पीने की कुछ चीजों में नशीला पदार्थ देता था, जिसके बाद वो बेहोश हो जाती थी. फिर वो उसके साथ दुराचार करता था. किसी को बताने पर उसके माता-पिता को जान से मारने की धमकी देता था. छात्रा के मुताबिक प्रमेश ने कई बार छात्रा को अपने घर बुलाकर भी उसके साथ जबरदस्ती की थी.
22 सितंबर 2017 को पीड़िता के पिता ने थाना कैंपटी में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला पंजीकृत कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा और आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) चंद्रवीर नेगी ने आठ गवाह और कागजी दस्तावेज पेश किए.
टिहरी में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अमित कुमार सिरोही की अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आरोपी शिक्षक को दोषी पाते हुए 20 साल सश्रम कारवास की सजा सुनाई है. साथ ही राज्य सरकार को पीड़िता को सात लाख प्रतिकर भुगतान को कहा है. जिसमें से चार लाख धनराशि की तीन साल की सावधि जमा एफडी कराने के निर्देश दिए हैं.