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कमजोर इंटरनेट से पहाड़ में ऑनलाइन पढ़ाई मुश्किल, अभिभावक चिंतित

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में मोबाइल नेटवर्क की बड़ी समस्या है. ऐसे में छात्रों का ऑनलाइन क्लासेज अटेंड कर पाना मुश्किल हो रहा है.

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Published : Apr 24, 2020, 8:40 AM IST

धनौल्टी
धनौल्टी

धनौल्टी: लॉकडाउन में छात्रों की पढ़ाई न छूटे इसके लिए ऑनलाइन क्लासेज चलाने के निर्देश दिए गए हैं. शहरों में काफी हद तक छात्र ऑनलाइन क्लासेज के जरिए पढ़ाई कर सकते हैं. क्योंकि वहां नेटवर्क, मोबाइल और लेपटॉप आदि की सुविधा है. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी तो पहाड़ी जिलों और वहां के ग्रामीण क्षेत्रों में सामने आ रही है. यहां सबसे बड़ी समस्या नेटवर्क की है. जिन गांवों में मोबाइल का नेटवर्क तलाशने के लिए लोगों को गांव के बाहर पहाड़ी या फिर पेड़ों पर चढ़ना पड़ता है, वहां इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन क्लासेज कैसे हो पाएंगी? ऐसे में छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

नेटवर्क है बड़ी समस्या

कुछ छात्रों के मई में सेमेस्टर एग्जाम भी होने हैं. लॉकडाउन में कॉलेज बंद होने से वे अपना कोर्स भी पूरा नहीं कर पाए हैं. नेटवर्क की समस्या ने उन्हें और मुश्किल में डाल दिया है. छात्रों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति के चलते अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग कंपनियां सेवा दे रही हैं. पहाड़ों पर मुख्यत: बीएसएनएल, आइडिया/वोडाफोन, एअरटेल व जियो हैं. अधिकाश गांवों में इंटरनेट इतना स्लो है कि छात्र ऑनलाइन क्लासेज अटेंड ही नहीं कर पा रहे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड के लिए अच्छी खबर, 'कोरोना वॉरियर्स' अभी तक संक्रमण से सुरक्षित

इस समस्या को लेकर धनौल्टी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रघुवीर रमोला ने उप जिलाधिकारी धनौल्टी को एक ज्ञापन भी दिया है. उन्होंने प्रशासन को अवगत कराया है कि क्षेत्र में मोबाइल की कनेक्टिविटी पिछले एक माह से बेहद ही लचर है. इससे क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

रोड निर्माण से BSNL की सेवा ठप

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजमोहन सिंह ने बताया कि क्षेत्र में अधिकतर लोग बीएसएनएल से जुड़े हैं. अन्य निजी मोबाइल कम्पनियों के नेटवर्क कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित होने से ग्रामीण क्षेत्रों में इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. भागीरथी घाटी क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बीएसएनएल की सेवा आलवेदर रोड NH-94 पर निर्माण कार्य के चलते पिछले कई माह से ठप है. ग्रामीण इस बारे में संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ प्रशासन को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभीतक उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है. अब ऐसे में कैसे छात्र ऑनलाइन क्लासेज अटेंड कर पाएंगे?

धनौल्टी: लॉकडाउन में छात्रों की पढ़ाई न छूटे इसके लिए ऑनलाइन क्लासेज चलाने के निर्देश दिए गए हैं. शहरों में काफी हद तक छात्र ऑनलाइन क्लासेज के जरिए पढ़ाई कर सकते हैं. क्योंकि वहां नेटवर्क, मोबाइल और लेपटॉप आदि की सुविधा है. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी तो पहाड़ी जिलों और वहां के ग्रामीण क्षेत्रों में सामने आ रही है. यहां सबसे बड़ी समस्या नेटवर्क की है. जिन गांवों में मोबाइल का नेटवर्क तलाशने के लिए लोगों को गांव के बाहर पहाड़ी या फिर पेड़ों पर चढ़ना पड़ता है, वहां इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन क्लासेज कैसे हो पाएंगी? ऐसे में छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

नेटवर्क है बड़ी समस्या

कुछ छात्रों के मई में सेमेस्टर एग्जाम भी होने हैं. लॉकडाउन में कॉलेज बंद होने से वे अपना कोर्स भी पूरा नहीं कर पाए हैं. नेटवर्क की समस्या ने उन्हें और मुश्किल में डाल दिया है. छात्रों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति के चलते अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग कंपनियां सेवा दे रही हैं. पहाड़ों पर मुख्यत: बीएसएनएल, आइडिया/वोडाफोन, एअरटेल व जियो हैं. अधिकाश गांवों में इंटरनेट इतना स्लो है कि छात्र ऑनलाइन क्लासेज अटेंड ही नहीं कर पा रहे हैं.

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इस समस्या को लेकर धनौल्टी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रघुवीर रमोला ने उप जिलाधिकारी धनौल्टी को एक ज्ञापन भी दिया है. उन्होंने प्रशासन को अवगत कराया है कि क्षेत्र में मोबाइल की कनेक्टिविटी पिछले एक माह से बेहद ही लचर है. इससे क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

रोड निर्माण से BSNL की सेवा ठप

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजमोहन सिंह ने बताया कि क्षेत्र में अधिकतर लोग बीएसएनएल से जुड़े हैं. अन्य निजी मोबाइल कम्पनियों के नेटवर्क कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित होने से ग्रामीण क्षेत्रों में इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. भागीरथी घाटी क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बीएसएनएल की सेवा आलवेदर रोड NH-94 पर निर्माण कार्य के चलते पिछले कई माह से ठप है. ग्रामीण इस बारे में संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ प्रशासन को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभीतक उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है. अब ऐसे में कैसे छात्र ऑनलाइन क्लासेज अटेंड कर पाएंगे?

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