टिहरी: एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध में पंप स्टोरेज प्लांट का कार्य चल रहा है. जिसमें आज फ्रांस से लाया गया 430 टन का स्फेरिकल वाल्व फिट किया गया, जिसका 4 मीटर व्यास है. स्फेरिकल वाल्व का महत्वपूर्ण योगदान बिजली जेनरेशन में रहेगा. टिहरी पीएसपी की एक पूरी यूनिट को फ़्रांस से आयात किया गया है, जबकि पीएसपी की अन्य तीन यूनिट को गुजरात के बड़ोदरा से मैक इन इंडिया के तहत डिवेलप और ट्रांसपोर्ट किया गया है.
भविष्य में कारगर होगा पंप स्टोरेज प्लांट: पंप स्टोरेज प्लांट के बनने से टिहरी डैम के टनल से बिजली पैदा करके बाहर जा रहे पानी को वापस टिहरी झील में भेजेगा, जो अपने आप में बेहद खास रहेगा और भविष्य में कभी भी अगर टिहरी झील में पानी कम रहता है, तो पीएसपी के जरिए टनल से बाहर निकल रहे पानी को टिहरी झील में वापस भेजकर विद्युत उत्पादन में कोई कमी नहीं आने देगा.
पंप स्टोरेज प्लांट में 250 मेगावाट की चार यूनिट: टिहरी डैम के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि पीएसपी यानी पंप स्टोरेज प्लांट में 250 मेगावाट की चार यूनिट है. जिसमें एक यूनिट एमआईबी है जिसको आज अपनी जगह पर फिट किया गया है. यह पानी को रनर पर स्काई करता है. इससे हाइड्रोइलेक्ट्रिक एनर्जी बनती है. यहां अपने आप में बहुत बड़ा कम्पोनेंट है.
ये भी पढ़ें: 830 आरएल मीटर पहुंचा टिहरी झील का जलस्तर, बिजली उत्पादन में हुई बढ़ोत्तरी
फ्रांस से मंगवाई गई एक यूनिट: एलपी जोशी ने कहा कि पीएसपी में 4 यूनिट है. जिसमें एक यूनिट फ्रांस के ड्रानोवाल नामक जगह से लाई गई है. देश के अंदर इस प्रकार की जो टरबाईनस लगी हैं, उनका महत्वपूर्ण योगदान है, क्योंकि उनके जरिए सिस्टम के अंदर पानी को रेगुलेट किया जाता है और इस रेगुलेट के हिसाब से ग्रिड में जो बिजली की रिक्वायरमेंट होती है. उसके आधार पर हम लोड को कम ज्यादा कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि आज पहली यूनिट बॉक्सअफ हो गई है. अब इसमें 10% काम बचा हुआ है. ऐसे में उम्मीद है कि जनवरी 2024 के अंत तक वाटर सिस्टम कंडक्ट को पूरा कर लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: Tehri Water Sports: टिहरी बांध की झील में आज से वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता, 28 राज्यों के 400 खिलाड़ी दिखाएंगे दम