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धनौल्टी: अब शिक्षा प्रेरकों ने सरकार पर बनाया दबाव, समायोजित करने की मांग

टिहरी जनपद में शिक्षा प्रेरकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिक्षा प्रेरक संघ ने सरकार पर दबाव बनाते हुए समायोजित करने की मांग की है.

Dhanaulti Shiksha Prerak news
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Published : Aug 3, 2021, 12:05 PM IST

धनौल्टी: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही विभिन्न संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. अब टिहरी जनपद में शिक्षा प्रेरकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिक्षा प्रेरक संघ ने सरकार पर दबाव बनाते हुए समायोजित करने की मांग की है. इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी को भी ज्ञापन भेजा गया है.

शिक्षा प्रेरक संघ थौलधार के अध्यक्ष बलबीर सिंह चौहान व कोषाध्यक्ष अतोला देवी का कहना है कि साल 2009 से प्रदेश के 6 जनपदों उधम सिंह नगर, चम्पावत, उत्तरकाशी, बागेश्वर, टिहरी व हरिद्वार में शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति की गई थी, जिसमें शिक्षा प्रेरकों के द्वारा अनवरत अपनी सेवाएं दी गईं. लेकिन कोरोना काल में सभी शिक्षा प्रेरकों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया.

शिक्षा प्रेरकों ने की समायोजित करने की मांग.

पढ़ें- बलूनी पर हरदा का पलटवार, कहा- मैं हरिद्वारी लाल, लेकिन नहीं हूं आपकी तरह इतवारी लाल

शिक्षा प्रेरक संघ ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश के सभी शिक्षा प्रेरकों को वन प्रहरी की तरह समायोजित किया जाए और जो शिक्षा प्रेरक बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) के रूप में कार्य कर रहे हैं, उन्हें स्थायी नियुक्ति पत्र जारी किया जाए. साथ ही 2009-10 से 2017-18 तक कार्य कर चुके शिक्षा प्रेरकों को किसी भी विभाग में राज्य कर्मचारी के समान समायोजित किया जाए.

धनौल्टी: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही विभिन्न संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. अब टिहरी जनपद में शिक्षा प्रेरकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिक्षा प्रेरक संघ ने सरकार पर दबाव बनाते हुए समायोजित करने की मांग की है. इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी को भी ज्ञापन भेजा गया है.

शिक्षा प्रेरक संघ थौलधार के अध्यक्ष बलबीर सिंह चौहान व कोषाध्यक्ष अतोला देवी का कहना है कि साल 2009 से प्रदेश के 6 जनपदों उधम सिंह नगर, चम्पावत, उत्तरकाशी, बागेश्वर, टिहरी व हरिद्वार में शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति की गई थी, जिसमें शिक्षा प्रेरकों के द्वारा अनवरत अपनी सेवाएं दी गईं. लेकिन कोरोना काल में सभी शिक्षा प्रेरकों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया.

शिक्षा प्रेरकों ने की समायोजित करने की मांग.

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शिक्षा प्रेरक संघ ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश के सभी शिक्षा प्रेरकों को वन प्रहरी की तरह समायोजित किया जाए और जो शिक्षा प्रेरक बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) के रूप में कार्य कर रहे हैं, उन्हें स्थायी नियुक्ति पत्र जारी किया जाए. साथ ही 2009-10 से 2017-18 तक कार्य कर चुके शिक्षा प्रेरकों को किसी भी विभाग में राज्य कर्मचारी के समान समायोजित किया जाए.

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