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टिहरी में भेड़ परिक्रमा के साथ ग्रामीणों ने अर्जित किया पुण्य, जंगलों से गांव लौटने की परंपरा को निभाया - Tehri Someshwar Mahadev temple

टिहरी के भिलंगना विकासखंड के गेंवाली गांव के भगवान सोमेश्वर के मंदिर में भेड़ परिक्रमा मेले का आयोजन किया गया. ग्रामीणों ने भेड़ों के साथ मंदिर की परिक्रमा कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की.

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Published : Oct 13, 2022, 9:59 AM IST

टिहरी: भिलंगना विकासखंड के सीमांत गेंवाली गांव के भगवान सोमेश्वर के मंदिर में भेड़ परिक्रमा मेले का आयोजन किया गया. ग्रामीणों ने भेड़ों के साथ मंदिर की परिक्रमा कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की. बता दें कि भिलंगना ब्लॉक की बासर पट्टी के ग्रामीणों का भेड़ पालन प्रमुख व्यवसाय है, जिससे उनकी आर्थिकी का पहिया भी चलता है.

उच्च हिमालय क्षेत्रों में बर्फबारी होने पर जंगलों से भेड़ पालक अपने मूल गांवों की ओर लौटने लगते हैं. गांव लौटने पर भेड़ पालक अपने आराध्य देव सोमेश्वर की पूजा-अर्चना करते हैं. गेंवाली गांव में प्राचीन सोमेश्वर महादेव मंदिर स्थित है और मंदिर परिसर में एक दिवसीय भेड़ परिक्रमा मेले का आयोजन किया गया.
पढ़ें: मॉनसून का अंतिम दौर कर रहा परेशान, कई जिलों में 60 फीसदी तक खेती को नुकसान

मान्यता है कि उच्च हिमालय क्षेत्र के जंगलों में प्रवास के दौरान आराध्य देव सोमेश्वर ही जंगली जानवर और आपदा से भेड़ों की रक्षा करते हैं. सोमेश्वर मंदिर पहुंचकर भेड़ों के साथ पशु पालकों ने मंदिर की परिक्रमा की. गांव के निवासी बचन सिंह ने बताया कि सोमेश्वर देवता क्षेत्र के आराध्य देव हैं और भेड़ परिक्रमा की परिक्रमा सदियों से चली आ रही है.

टिहरी: भिलंगना विकासखंड के सीमांत गेंवाली गांव के भगवान सोमेश्वर के मंदिर में भेड़ परिक्रमा मेले का आयोजन किया गया. ग्रामीणों ने भेड़ों के साथ मंदिर की परिक्रमा कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की. बता दें कि भिलंगना ब्लॉक की बासर पट्टी के ग्रामीणों का भेड़ पालन प्रमुख व्यवसाय है, जिससे उनकी आर्थिकी का पहिया भी चलता है.

उच्च हिमालय क्षेत्रों में बर्फबारी होने पर जंगलों से भेड़ पालक अपने मूल गांवों की ओर लौटने लगते हैं. गांव लौटने पर भेड़ पालक अपने आराध्य देव सोमेश्वर की पूजा-अर्चना करते हैं. गेंवाली गांव में प्राचीन सोमेश्वर महादेव मंदिर स्थित है और मंदिर परिसर में एक दिवसीय भेड़ परिक्रमा मेले का आयोजन किया गया.
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मान्यता है कि उच्च हिमालय क्षेत्र के जंगलों में प्रवास के दौरान आराध्य देव सोमेश्वर ही जंगली जानवर और आपदा से भेड़ों की रक्षा करते हैं. सोमेश्वर मंदिर पहुंचकर भेड़ों के साथ पशु पालकों ने मंदिर की परिक्रमा की. गांव के निवासी बचन सिंह ने बताया कि सोमेश्वर देवता क्षेत्र के आराध्य देव हैं और भेड़ परिक्रमा की परिक्रमा सदियों से चली आ रही है.

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