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शहीद परिवारों के आंगन की मिट्टी से बनेगा सैन्य धाम, एकत्रित करने के लिए शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ - beginning of Shaheed Samman Yatra

टिहरी और बागेश्वर से भी शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ किया गया. शहीद यात्रा के जरिए 1,734 वीर शहीदों के आंगन से मिट्टी संजोकर सैन्य धाम तक पहुंचायी जाएगी.

shaheed samman yatra ka shubharambh
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Published : Nov 15, 2021, 7:23 PM IST

टिहरी/बागेश्वर: वीरों की भूमि उत्तराखंड में शहीद सम्मान यात्रा का आयोजन 15 नवंबर से 7 दिसंबर तक किया जा रहा है. इसमें लगभग 1,734 वीर शहीदों के आंगन से मिट्टी संजोकर सैन्य धाम तक पहुंचायी जाएगी. शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की है.

इसी कड़ी में टिहरी जनपद में सैन्य धाम के लिए शहीद परिवारों के आंगन से मिट्टी एकत्रित करने का कार्यक्रम शरू किया है. जनपद के भिलंगना विकासखंड से सैन्यधाम के लिए शहीद परिवारों के आंगन से मिट्टी एकत्रित करने का कार्यक्रम शुरू किया गया. शहीद सम्मान यात्रा कल सुबह लाटा चमियाला, बूढ़ा केदार, बणगांव, असेना और कोटि मगरो गांवों में जाएगी. इसके बाद 18 को सुबह 10.30 बजे विकासखंड मुख्यालय के सभागार में शहीद परिवारों को सम्मान स्वरूप ताम्रपत्र प्रदान की जाएगी.

बागेश्वर में शहीद सम्मान यात्रा: तो वहीं, बागेश्वर में जिलाधिकारी विनीत कुमार ने उत्तराखंड के शहीदों को सम्मान देने और उनके परिवार व परिजनों को गौरवान्ति करने के लिए उत्तराखंड शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ किया. बागेश्वर में सभी विकासखंडों के शहीदों के घर-आंगन से मिट्टी को एकत्र कर इस पवित्र मिट्टी को देहरादून में बनाये जाने वाले सैन्यधाम के लिए भेजा जायेगा. शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ जिलाधिकारी विनीत कुमार, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से कलेक्ट्रट परिसर से यात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया गया.

पढ़ें- शहीद सम्मान यात्रा: सैन्य गांव सवाड़ से शुरू, नड्डा बोले- कांग्रेस और कमीशन एक सिक्के के दो पहलू

सैनिकों का दर्द समझती है केंद्र सरकार: शहीद सम्मान यात्रा के शुभारंभ के मौके पर सीएम धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार का प्रयास है कि हम शहीदों के अभूतपूर्व योगदान को हमेशा याद रखें. हम शहीद सैनिकों के सम्मान में सैन्य धाम के निर्माण कर आगामी पीढ़ियों को प्रेरणा प्रदान करने का कार्य करेंगे. केंद्र सरकार सैनिकों का दर्द समझती है, यही वजह है कि हमने सैनिकों और पूर्व सैनिकों के हित में कई योजनाएं शुरू की गई हैं.

सीमा पर केंद्र सरकार ने ऑल वेदर रोड बनाई हैं और मेक इन इंडिया के तहत बुलेटप्रूफ जैकेट भारत में बन रही हैं. केंद्र सरकार ने रक्षा सौदों में दलाली पूरी तरह से खत्म की है. वन रैंक-वन पेंशन की मांग वर्ष 1972 से थी, लेकिन इस पर ध्यान सिर्फ मोदी सरकार ने दिया, क्योंकि वे एक सैनिक का दर्द समझते ही नहीं हैं, बल्कि उसे दूर करने की कोशिश भी करते हैं.

टिहरी/बागेश्वर: वीरों की भूमि उत्तराखंड में शहीद सम्मान यात्रा का आयोजन 15 नवंबर से 7 दिसंबर तक किया जा रहा है. इसमें लगभग 1,734 वीर शहीदों के आंगन से मिट्टी संजोकर सैन्य धाम तक पहुंचायी जाएगी. शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की है.

इसी कड़ी में टिहरी जनपद में सैन्य धाम के लिए शहीद परिवारों के आंगन से मिट्टी एकत्रित करने का कार्यक्रम शरू किया है. जनपद के भिलंगना विकासखंड से सैन्यधाम के लिए शहीद परिवारों के आंगन से मिट्टी एकत्रित करने का कार्यक्रम शुरू किया गया. शहीद सम्मान यात्रा कल सुबह लाटा चमियाला, बूढ़ा केदार, बणगांव, असेना और कोटि मगरो गांवों में जाएगी. इसके बाद 18 को सुबह 10.30 बजे विकासखंड मुख्यालय के सभागार में शहीद परिवारों को सम्मान स्वरूप ताम्रपत्र प्रदान की जाएगी.

बागेश्वर में शहीद सम्मान यात्रा: तो वहीं, बागेश्वर में जिलाधिकारी विनीत कुमार ने उत्तराखंड के शहीदों को सम्मान देने और उनके परिवार व परिजनों को गौरवान्ति करने के लिए उत्तराखंड शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ किया. बागेश्वर में सभी विकासखंडों के शहीदों के घर-आंगन से मिट्टी को एकत्र कर इस पवित्र मिट्टी को देहरादून में बनाये जाने वाले सैन्यधाम के लिए भेजा जायेगा. शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ जिलाधिकारी विनीत कुमार, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से कलेक्ट्रट परिसर से यात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया गया.

पढ़ें- शहीद सम्मान यात्रा: सैन्य गांव सवाड़ से शुरू, नड्डा बोले- कांग्रेस और कमीशन एक सिक्के के दो पहलू

सैनिकों का दर्द समझती है केंद्र सरकार: शहीद सम्मान यात्रा के शुभारंभ के मौके पर सीएम धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार का प्रयास है कि हम शहीदों के अभूतपूर्व योगदान को हमेशा याद रखें. हम शहीद सैनिकों के सम्मान में सैन्य धाम के निर्माण कर आगामी पीढ़ियों को प्रेरणा प्रदान करने का कार्य करेंगे. केंद्र सरकार सैनिकों का दर्द समझती है, यही वजह है कि हमने सैनिकों और पूर्व सैनिकों के हित में कई योजनाएं शुरू की गई हैं.

सीमा पर केंद्र सरकार ने ऑल वेदर रोड बनाई हैं और मेक इन इंडिया के तहत बुलेटप्रूफ जैकेट भारत में बन रही हैं. केंद्र सरकार ने रक्षा सौदों में दलाली पूरी तरह से खत्म की है. वन रैंक-वन पेंशन की मांग वर्ष 1972 से थी, लेकिन इस पर ध्यान सिर्फ मोदी सरकार ने दिया, क्योंकि वे एक सैनिक का दर्द समझते ही नहीं हैं, बल्कि उसे दूर करने की कोशिश भी करते हैं.

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