टिहरी: 42 किलोमीटर तक फैली टिहरी बांध की झील में एसडीआरएफ की टीम तैनात करने का फैसला लिया गया है. एसडीआरएफ की टीम ढालवाला से टिहरी भेजी जाएगी. एसडीआरएफ, जल पुलिस और बाढ़ राहत पीएसी दल के कार्यों और तैनाती को लेकर समीक्षा बैठक की गई.
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि टिहरी झील में एसडीआरएफ, जल पुलिस और बाढ़ राहत पीएसी दल के कार्यों और तैनाती को लेकर बैठक की गई है. बैठक में जानकारी ली गई है कि उपकरण पूरे हैं या नहीं और एसडीआरएफ की एक सब टीम को टिहरी बांध की झील पर तैनात किया जाएगा. इसके साथ ही बाढ़ राहत पीएससी दल की टीम को शिवपुरी टिहरी गढ़वाल और संगम स्थल देव प्रयाग में तैनात करने का निर्णय लिया है.
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बता दें कि, 2006 में टिहरी बांध से बिजली उत्पादन शुरू हुआ था. इसके लिए पुराने टिहरी शहर को जलमग्न होना पड़ा था. टिहरी बांध की झील में अब तक 37 गांव पूर्ण रूप से डूबे हैं और 88 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र की परिधि में हैं. भागीरथी और भिलंगना नदी के संगम पर बने बांध के निर्माण को 1972 में अनुमति मिली और 1977 में टिहरी बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ. टिहरी बांध को मिट्टी-पत्थर से लेकर रॉकफिल से बनाया गया है जिस पर भूकंप का असर नहीं होता है. 29 अक्टूबर 2005 को टिहरी बांध की आखिरी सुरंग बंद की गई. उसके बाद ही टिहरी बांध की झील भरनी शुरू हुई और जुलाई 2006 में बांध से विद्युत उत्पादन शुरू हुआ. वर्तमान में टिहरी बांध की सुरक्षा सीआईएसएफ के पास है.