प्रतापनगर: ग्राम पंचायत भेलुन्ता में एक विद्यालय भवन को ध्वस्त कर पुनः निर्माण किया जा रहा है. ऐसे में जिस स्थान पर ये निर्माण कार्य किया जा रहा है वह भूगर्भीय लिहाजा से असुरक्षित है. वहीं, पूर्व में यहां से 52 परिवारों का विस्थापित भी किया का है. साथ ही यहां बाकी बचे परिवारों के विस्थापन के लिए संस्तुति भी दी गई है. लिहाजा, इस विद्यालय भवन के निर्माण पर ग्रामीण सवाल खड़े कर रहे हैं.
एक ओर जहां ग्रामीण विस्थापन की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग बकायदा 19 लाख रुपये का बजट पास कर नियमों को ताक पर रखकर भवन निर्माण करवा रहा है. जबकि, इस निर्माण के लिए ग्राम प्रधान को भी विश्वास में नहीं लिया गया है और प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य की देखरेख में ये कार्य किया जा रहा है.
वहीं, विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर विद्यालय निर्माण करवाने के लिए स्वयं प्रधानाचार्य ने पत्र लिखकर बीवो और डिप्टी बीओ को अवगत करवाया. साथ ही ग्राम प्रधान द्वारा डीएम को पत्र लिखकर इस मामले से अवगत करवाया गया. जिसके बाद इस निर्माण पर विभागीय और डीएम कार्यालय से भी नियम अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी हो गए हैं. बावजूद इसके विद्यालय भवन को ध्वस्त कर पुनर्निर्माण किया जा रहा है.
इस मामले में निर्माण कार्य में लगे लोगों और एसएमसी के अध्यक्ष ने बताया कि ठेका न मिलने के कारण लोगों को दिक्कतें हो रही है. जिस वजह से लोग शिकायत कर रहे हैं. जबकि, विस्थापन के बाद कई सरकारी और गैर सरकारी निर्माण कार्य हरिजन बस्ती में हुए हैं. उन्होंने कहा कि जब बस्ती को विस्थापन करने की बात कही जा रही है तो बस्ती में क्यों सरकारी और गैर सरकारी निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं. वहीं, ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग और भूगर्भ विभाग पर गांव को दो गुटों में बांटने का आरोप लगाया है.
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उधर, जब इस मामले की जानकारी जब डिप्टी डीईओ विनोद मतुड़ा को दी गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.