टिहरी: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना निर्माण से उत्पन्न समस्याओं के लंबे समय से समाधान ना हो पाने के कारण ग्रामीण काश्तकारों का गुस्सा रेलवे प्रशासन के खिलाफ फूट पड़ा. स्थानीय निवासियों और उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर के नेतृत्व में भीषण बारिश के बीच व्यासी पहुंच कर निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन के बाहर जबरदस्त नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही परियोजना का निर्माण कार्य भी रुकवा दिया गया.
आंदोलनकारियों ग्रामीण काश्तकारों का साफ कहना है कि रेलवे परियोजना का विरोध नहीं, बल्कि ऐसे कार्यों का विरोध कर रहे हैं. जिसके कारण गांव के गांव उजाड़ एवं तबाह होते जा रहे हैं. आंदोलनकारियों ने कहा जब पानी के स्रोत ही सूख जाएंगे, घर टूट कर बर्बाद हो जाएंगे तो उनके लिए परियोजना किस काम की रहेगी. ग्रामीणों ने कहा टनल निर्माण में हेवी ब्लास्टिंग की वजह से लोगों के मकानों पर दरारें पड़ गई हैं. प्राकृतिक पेयजल स्रोत सूख गए हैं, कई परिवारों को मुआवजा नहीं मिला. क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों की मरम्मत न होने से स्कूली बच्चों तथा मवेशियों को आवाजाही की बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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उत्तराखंड क्रांति दल नेता सरदार सिंह पुंडीर ने कहा अनेकों समस्याओं के निराकरण की मांग ग्रामीण लंबे समय से करते आ रहे हैं, मगर अभी तक रेलवे निर्माण निगम द्वारा समाधान नहीं हुआ है. समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलनकारियों के साथ रेलवे प्रशासन की ओर से डीजीएम भूपेंद्र सिंह, प्रशासनिक उप महाप्रबंधक अजय प्रताप सिंह, इंजीनियर विश्वास श्रीवास्तव, सुमित बिष्ट तथा स्थानीय प्रशासन की ओर से राजस्व निरीक्षक इंद्रमोहन रुपेण के बीच हुई वार्ता/समझौता पत्र तैयार हुआ. जिसमें ग्रामीणों की समस्याओं का एक माह के भीतर निदान करने की बात कही गई. साथ ही आंदोलनकारियों की ओर से एलान कर दिया गया है कि यदि 31 अगस्त तक समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो 1 सितंबर से उग्र आंदोलन की शुरुआत कर दी जाएगी.