देहरादून: टिहरी जिले की 9 साल की मासूम के साथ हुए दुष्कर्म मामले में बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने पीड़िता को सात लाख रुपये की मदद की बात कही है. साथ ही मामले में पुलिस के रवैया पर भी सवाल खड़े किये हैं. रेखा आर्य ने पीड़िता से बातचीत के आधार पर बताया कि वह बड़ी होकर पुलिस अधिकारी बनना चाहती है और ऐसे अपराधियों को सबक सिखाना चाहती है.
सोमवार को बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने दून अस्पताल पहुंचकर रेप पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात की. रेखा आर्य ने बताया कि इस तरह की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और उत्तराखंड को शर्मसार करने वाली है. उन्होंने कहा कि सरकार मामले को लेकर गंभीर है, इस घटना के बाद आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही पीड़ित परिवार को ढाई लाख रुपये की मदद भी की गई. उन्होंने कहा कि उनका विभाग पीड़िता के परिवार को सात लाख रुपये की मदद देगा, जिससे उसका भविष्य सुरक्षित हो सके.
नाबालिग पीड़िता से बातचीत के आधार पर उन्होंने बताया कि बच्ची बहादुर है और वह फिर से जल्दी पढ़ाई के लिए स्कूल जाएगी. उन्होंने कहा बच्ची ने बताया कि वह पढ़-लिखकर पुलिस अधिकारी बनना चाहती है, ताकि अपराधियों को सबक सिखा सके.
उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि पीड़िता के परिजनों ने शिकायत की है कि पुलिस द्वारा अपराधी और बच्ची को एक ही गाड़ी में बैठाकर ले जाया गया, जो बेहद ही गलत है. उन्होंने कहा कि इस मामले में वे डीजीपी और मुख्यमंत्री से मिलकर ऐसे अधिकारियों को सस्पेंड कराने का अनुरोध करेंगी.