टिहरी: भारत के पहले सिंगल संस्पेशन डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक की दरारों को कंपनी ने पूरी तरह ठीक कर दिया है. इसको लेकर प्रोजेक्ट मैनेजर मोहम्मद मुंतजिर ने कहा है कि पुलिस अब 100 प्रतिशत सुरक्षित है. ग्रामीणों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. बता दें, डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक की दरारों को देखकर ग्रामीण चिंतित थे.
प्रोजेक्ट मैनेजर मोहम्मद मुंतजिर ने ईटीवी भारत को बताया कि डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक अब 100 फीसदी सुरक्षित है. मास्टिक को थर्ड पार्टी से टेस्ट करवाने के बाद ही इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने कहा कि यह एक सिंगल सस्पेशन ब्रिज है, जिससे मास्टिक के जोड़ खुल जाते हैं. ऐसे में उनको तुरंत ही ठीक किया जाता है. तापमान बढ़ने पर मास्टिक में दरार आ जाती है. उन्होंने कहा कि यह मास्टिक पहले भी सुरक्षित थी और अब भी सुरक्षित है. इसकी देखरेख करने के लिए स्टाफ को रखा गया है.
बता दें, डोबरा चांठी पुल का निर्माण 2006 में शुरू हुआ था. साल 2010 में इसका डिजाइन फेल होने के कारण इसका काम बंद करना पड़ा था. तब इस पुल के निर्माण पर 1.35 अरब की रकम खर्च हो चुकी थी. इसके बाद 2016 में लोक निर्माण विभाग खंड ने 1.35 अरब की लागत से दोबारा इसका निर्माण कार्य शुरू शुरू किया.
पुल के डिजाइन के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा जारी की गई. तब इसका डिजाइन दक्षिण कोरिया की योसीन कंपनी से तैयार करवाया गया. उसके बाद इस पुल का निर्माणकार्य तेजी से हुआ. 2018 में पुल के 3 सस्पेंडर टूट गए थे, जिससे निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा टेढ़ा हो गया था. तब तक पुल पर लगभग 3 अरब रुपए खर्च हो चुके थे.
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डोबरा चांठी पुल की खासियत: डोबरा चांठी पुल की लंबाई 725 मीटर है. इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है. इसमें 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड और 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी साइड से है. पुल की चौड़ाई 7 मीटर है. जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है, जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है.