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नये साल में बढ़ सकती है बांध प्रभावितों की मुश्किलें, जानें क्या है वजह - Boat operation in Tehri Dam

भुगतान न होने से बोट संचालकों के लिए बैंकों की किश्त, पेट्रोल पंपों का भुगतान, ऑपरेटर का मानदेय ये सभी दे पाना एक चुनौती बना हुआ है. जिससे परेशान बोट मालिकों ने 31 दिसंबर तक भुगतान न किये जाने पर 1 जनवरी से बोट संचालन बंद करने का ऐलान किया है.

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बढ़ सकती हैं बांध प्रभावितों की मुश्किलें
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Published : Dec 28, 2019, 5:24 PM IST

टिहरी: नये साल में टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर, जाखणीधार एवं थौलधार ब्लॉक के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, झील में संचालित नौ निजी बोट मालिकों ने अप्रैल से भुगतान न होने के कारण 31 दिसंबर से बोट सेवा बंद करने की चेतावनी दी है. अगर ये बोट सेवा बंद होती है तो बांध प्रभावित इन इलाके के लोगों को आवाजाही के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है.

अप्रैल से भुगतान न होने के कारण फेरी बोट यूनियन ने इस संबंध में पुनर्वास निदेशक को ज्ञापन भेजा है. जिसमें कहा गया है कि लंबे समय से उनका भुगतान न होने के कारण उनके सामने आर्थिकी का संकट खड़ा हो गया है. जिसके कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.

नये साल में बढ़ सकती है बांध प्रभावितों की मुश्किलें.

पढ़ें-रुड़की: कड़ाके की ठंड से बाजारों से ग्राहक नदारद, व्यापारियों में छाई मायूसी

बता दें कि साल 2005 में बांध प्रभावितों के एक किनारे से दूसरे किनारे आने-जाने के लिए पुनर्वास निदेशालय ने ठेकेदारी पर नौताड़, नकोट, डोबरा, रौलाकोट, छाम आदि स्थानों पर बोट संचालित की थी. हर साल अनुबंध के आधार पर निजी बोट ली जाती है, इन बोटों को संचालित करने के लिए अबतक टीएचडीसी पुनर्वास निदेशालय को बजट देता रहा है, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में अभी तक बोट संचालकों को भुगतान नहीं किया गया है.

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भुगतान न होने से बोट संचालकों के लिए बैंकों की किश्त, पेट्रोल पंपों का भुगतान, ऑपरेटर का मानदेय ये सभी दे पाना एक चुनौती बना हुआ है. जिससे परेशान बोट मालिकों ने 31 दिसंबर तक भुगतान न किये जाने पर 1 जनवरी से बोट संचालन बंद करने का ऐलान किया है.

टिहरी: नये साल में टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर, जाखणीधार एवं थौलधार ब्लॉक के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, झील में संचालित नौ निजी बोट मालिकों ने अप्रैल से भुगतान न होने के कारण 31 दिसंबर से बोट सेवा बंद करने की चेतावनी दी है. अगर ये बोट सेवा बंद होती है तो बांध प्रभावित इन इलाके के लोगों को आवाजाही के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है.

अप्रैल से भुगतान न होने के कारण फेरी बोट यूनियन ने इस संबंध में पुनर्वास निदेशक को ज्ञापन भेजा है. जिसमें कहा गया है कि लंबे समय से उनका भुगतान न होने के कारण उनके सामने आर्थिकी का संकट खड़ा हो गया है. जिसके कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.

नये साल में बढ़ सकती है बांध प्रभावितों की मुश्किलें.

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बता दें कि साल 2005 में बांध प्रभावितों के एक किनारे से दूसरे किनारे आने-जाने के लिए पुनर्वास निदेशालय ने ठेकेदारी पर नौताड़, नकोट, डोबरा, रौलाकोट, छाम आदि स्थानों पर बोट संचालित की थी. हर साल अनुबंध के आधार पर निजी बोट ली जाती है, इन बोटों को संचालित करने के लिए अबतक टीएचडीसी पुनर्वास निदेशालय को बजट देता रहा है, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में अभी तक बोट संचालकों को भुगतान नहीं किया गया है.

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भुगतान न होने से बोट संचालकों के लिए बैंकों की किश्त, पेट्रोल पंपों का भुगतान, ऑपरेटर का मानदेय ये सभी दे पाना एक चुनौती बना हुआ है. जिससे परेशान बोट मालिकों ने 31 दिसंबर तक भुगतान न किये जाने पर 1 जनवरी से बोट संचालन बंद करने का ऐलान किया है.

Intro:टिहरी
नये साल में टिहरी बांध प्रभावितों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें।
Body:नये साल में टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर, जाखणीधार एवं थौलधार ब्लॉक के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
झील में संचालित नौ नीजि वोट मालिकों ने अप्रैल से भुगतान न होने के कारण 31 दिसंबर से वोट सेवा बंद करने की चेतावनी दी है।
फेरी वोट यूनियन ने इस संबंध में पुनर्वास निदेशक को ज्ञापन दिया।कहा कि 9 माह से भुगतान न होने से उन्हें आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
वर्ष 2005 में झील के कारण बांध प्रभावितों को आर-पार जाने के लिए पुनर्वास निदेशालय ठेकेदारी प्रथा पर नौताड़, नकोट, डोबरा, रौलाकोट, छाम आदि स्थानों पर वोट संचालित कर रहा है।
प्रत्येक वर्ष अनुबंध के आधार पर निजी वोट ली जाती हैं, वोटों को संचालित करने को अब तक टीएचडीसी पुनर्वास निदेशालय को बजट देता रहा है, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में अभी तक वोट संचालक को टीएचडीसी ने बजट नहीं दिया है।
Conclusion:भुगतान न होने से वोट संचालकों के लिए बैंक ऋण की किश्त, पेट्रोल पंपों का भुगतान, ऑपरेटर के मानदेय आदि देने चुनौती बना हुआ है। इसके बावजूद पुनर्वास निदेशालय मांग करने पर भी भुगतान नहीं कर रहा है, जिसके चलते वोट मालिकों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है।
वोट मालिकों का कहना है कि यदि 31 दिसंबर तक भुगतान नहीं किया जाता है तो हमें मजबूरन 1 जनवरी से वोटों का संचालन बंद करना पड़ेगा।
टिहरी झील पर वोट संचालित न होने के कारण बांध प्रभावितों को नए साल में आवागमन के लिए परेशानी उठानी पड़ सकती है।

बाइट - मोहित रावत वोट स्वामी
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