टिहरीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 9वीं किस्त जारी की. उन्होंने 9.75 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों के खातों में 19,509 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में एक क्लिक के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में राशि सीधे हस्तांतरित की गई. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान लाभार्थियों से संवाद भी किया.
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इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टिहरी के विकासखंड चम्बा के ग्राम डडूर के सुशांत उनियाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. सुशांत उनियाल ने मिशन फॉर इंटीग्रेटेड हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट (MIDH) योजना के तहत 28.65 लाख की परियोजना का लाभ लिया. जिसमें 8 लाख अनुदान व 18.68 लाख बैंक ऋण शामिल है. सुशांत उनियाल ने इस योजना से डिंगरी मशरूम उत्पादन इकाई की स्थापना की है. पीएम मोदी ने सुशांत के दिल्ली में नौकरी छोड़ गांव जाकर स्वरोजगार करने के कदम की काफी सराहना की.
पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आए : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है, हमें इसे उलट करना है. सुशांत उनियाल जैसे युवाओं को देखकर लग रहा है कि अब पहाड़ की जवानी फिर पहाड़ के काम आ रही है. युवा जब खेती करता है तो बड़ा बदलाव आना निश्चित है. सरकार का प्रयास है कि शहरों और गांवों में सुविधाओं के भेद को कम करना है.
ऐसे आया टर्निंग प्वाइंट: टिहरी के सुशांत एक प्रगतिशील किसान हैं. वे डडूर गांव में मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं. इससे पहले सुशांत दिल्ली में मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी करते थे. गांव से लगातार हो रहे पलायन को देखते हुए उन्होंने वापसी का रुख किया. आज वे यहां के प्रगतिशील किसान हैं.
हिमाचल से ली ट्रेनिंग: 30 वर्षीय सुशांत बताते हैं कि उन्होंने स्वरोजगार करने की ठानी. उन्होंने देखा कि क्षेत्र में मैदानी इलाकों के मशरूम बिकते हैं. जबकि क्षेत्र की जलवायु प्राकृतिक रूप से नौ महीने मशरूम उत्पादन के लिए बहुत उपयुक्त है. फिर क्या था उन्होंने गांव में खाली पड़े खंडहर कमरों में छोटे स्तर पर ढिंगरी मशरूम उत्पादन शुरू किया. एक साल तक उन्हें 40-50 हजार की आय हुई. उन्होंने फिर इसे बड़े स्तर पर करने के लिए हिमाचल मशरूम निदेशालय सोलन से प्रशिक्षण लिया. इसका नतीजा आज ये है कि सुशांत गांव के एक प्रगतिशील किसान बन गए हैं.
सुशांत ने की है पत्रकारिता की पढ़ाई: 2020 में सुशांत ने 90 क्विंटल मशरूम उगाये थे. सुशांत ने बताया कि गांव में बंजर खेतों को देख उन्हें दुख होता था. दिल्ली से उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई की, लेकिन उसके बाद गांव में ही स्वरोजगार करने का संकल्प लिया. जिला उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी ने बताया कि सुशांत ढिंगरी मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं.
स्थानीय बाजार में ही उनके मशरुम की काफी डिमांड है. पिछले वर्ष उन्होंने दस लाख रुपये से ज्यादा का लाभ अर्जित किया था. सुशांत को मशरुम उत्पादन के गुर सीखने के लिए हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में भेजा गया था. पीएम मोदी से बातचीत के दौरान जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव, सीडीओ नमामि बंसल आदि भी मौजूद थे.