टिहरी: उत्तराखंड का जोशीमठ अकेला ऐसा शहर नहीं है, जो विकास की भेंट चढ़ रहा है. कई और गांव और शहर भी हैं, जहां जोशीमठ जैसे हालत या तो बन चुके हैं या फिर वो इस तरह की परिस्थितियों के मुहाने पर खड़े हैं. एक ऐसा ही गांव है टिहरी जिले के थौलधार ब्लॉक में रत्नोंगाड़ के पास बोरसाड़ी. बोरसाड़ी गांव में भी घरों में दरारें पड़ी चुकी हैं. डर के मारे ग्रामीण पुश्तैनी घर छोड़ रहे हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार उनकी तकलीफों पर ध्यान ही नहीं दे रही है.
ग्राणीणों का आरोप है कि ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय नेशनल हाईवे 94 का ऑल वेदर रोड के तहत चौड़ीकरण किया जा रहा है. काम में ठेकेदार घोर लापरवाही बरत रहा है. उसी का खामियाजा आज बोरसाड़ी गांव भुगत रहा है. ग्रामीणों की मानें तो ऑल वेदर रोड के निर्माण कार्य के चलते बोरसारी गांव के नीचे खेती की जमीनों में दरारें पड़ रही हैं. वहीं पहाड़ी से लगातार भूस्खलन भी हो रहा है, जो उनके गांव के लिए बड़ा खतरा बन गया है.
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ग्रामीणों की मानें तो करीब 23 घरों में चौड़ी-चौड़ी दरारें बड़ी चुकी हैं. इतना ही नहीं गांव के आने-जाने वाले पैदल पर मार्ग भी लगातार भूस्खलन हो रहा है. ऐसे में 23 परिवार अपने पुश्तैनी घर छोड़ कर जा चुके हैं. ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह राणा ने कहा कि घर रहने लायक नहीं बचे हैं. ग्राम प्रधान राणा का कहना है कि बोरसाड़ी गांव में ऑल वेदर रोड की वजह से भूस्खलन हो रहा है और घरों में दरारें पड़ रही हैं. इसी वजह से पूरा गांव पलायन करने को मजबूर हो गया है.
वहीं, इस संबंध में जब टिहरी जिलाधिकारी सौरभ गहरवार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि गांव में जो दरारें पड़ रही हैं, उसका पता लगाने के लिए भूवैज्ञानिक, जिला प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों की संयुक्त टीम को निरीक्षण के लिए जल्द ही भेजा जाएगा. टीम की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.