टिहरी: दो दिवसीय टिहरी झील महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. इस मौके पर सीएम ने टिहरी के विकास को लेकर कई घोषणाएं भी कीं. उन्होंने कहा कि टिहरी को अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाने के लिए तेजी से काम किया जाएगा.
सीएम ने कहा कि जब वह 2010 में टिहरी के जिला प्रभारी थे, तब स्थानीय लोगों की पहल पर पुरानी टिहरी की तर्ज पर टिहरी झील में बसंत पंचमी महोत्सव मनाने की शुरुआत की गई थी. अब शासनादेश जारी कर टिहरी झील में हर साल बंसत पंचमी पर महोत्सव मनाया जायेगा.
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सीएम ने कहा कि टिहरी जनपद में तीर्थाटन व पर्यटन को बढ़ाने के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं. इसमें 1,210 करोड़ की महायोजना के तहत टिहरी को आगे बढ़ाने का काम किया जायेगा. डोबरा-चांठी पुल के लिए एक साथ 88 करोड़ जारी कर यहां एक नए डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा.
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि टिहरी झील में पर्यटन व रोजगार की संभावनाएं हैं इसलिए यहां पर इंटरनेशनल लेबल की सुविधाएं बढ़ानी होंगी.
क्षेत्रीय विधायक और राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह नेगी ने कहा कि सीएम के सहयोग से टिहरी का विकास तेजी से हो रहा है. टिहरी व चंबा में पानी की समस्याएं दूर करने के लिए बड़ी योजनाओं को सीएम ने स्वीकृति दी है. टिहरी झील के विकास के लिए भी 1,210 करोड़ की महायोजना दी है.
टिहरी महोत्सव में सीएम ने की घोषणा
- टीएचडीसी से पांच सौ हेक्टेयर वापस ली गई भूमि पर टिहरी झील में पर्यटन गतिविधियों के लिए वृहत प्लान बनाया जाएगा. स्कूबा डायविंग के लिए स्वीमिंग पुल बनाने की घोषणा.
- डोबरा-चांठी पुल में नये बोटिंग प्वाइंट डेवलप करना.
- स्कूबा डायविंग में पांच सौ लड़कियों को प्रशिक्षण दिलाना.
- स्थानीय राजमहल में संग्रहालय बनाने के लिए सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की योजना.
- प्रतापनगर की पहाड़ियों पर हॉलीवुड की तर्ज पर विशाल साइनेज का निर्माण करवाकर पर्यटन को बढ़ावा देना.
- कोटी में घाट का निर्माण करवाना.
- भागीरथी तट पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशाल वैदिक विद्यालय की स्थापना करना, जहां पर वेदों का ज्ञान अंग्रेजी, हिंदी व संस्कृत में देने की व्यवस्था करना. वैदिक विद्यालय के लिए भी पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिये.
- विस्थापित नई टिहरी शहर में भवनों व आवंटित प्लाटों के आस-पास व कब्जे की जमीनों को बाजार दर पर आम लोगों को उपलब्ध कराया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने मेले में देव डोलियों की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद भी लिया. इसके बाद कोटी कालोनी में साहसिक खेलों की जानकारी ली. सेना, आईटीबीपी और बीएसएफ के जवानों ने वाटर स्पोर्ट्स के कई करतब दिखाए.
नहीं पहुंचे पर्यटन मंत्री
टिहरी झील महोत्सव से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दूरी बनाए रखी. दरअसल, चमोली आपदा के कारण सतपाल महाराज ने यह फैसला लिया है. आपदा से आहत होकर उन्होंने ये निर्णय लिया. वहीं, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक विजय सिंह पंवार व धन सिंह नेगी भी शामिल रहे.