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खोखले साबित हो रहे प्रशासन के दावे, क्वारंटाइन सेंटर में उचित व्यवस्था न होने से लोगों में रोष - प्रताप नगर में क्वारंटाइन सेंटर

प्रतापनगर के कंडियाल गांव में प्रवासियों के लिए बनाया गया क्वारंटाइन सेंटर में समुचित व्यवस्था न होने से लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है.कंडियाल गांव के क्वारंटाइन सेंटर में मानक के अनुसार व्यवस्थाएं नहीं है. जिससे प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है.

प्रतापनगर
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Published : May 17, 2020, 8:54 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 2:48 PM IST

प्रतापनगर: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रतापनगर के कंडियाल गांव में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े होने लगे है. कंडियाल गांव के क्वारंटाइन सेंटर में मानक के अनुसार व्यवस्थाएं नहीं है. ये आरोप और किसी ने नहीं बल्कि खुद क्वारंटाइन सेंटर में रहे प्रवासियों ने लगाए हैं. जिससे प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे है.

बाहरी राज्यों और जिलों से बड़ी संख्या में प्रवासी अपने घर पहुंचे रहे हैं. अधिकाश प्रवासी रेड जोन से आ रहे है. ऐसे में कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने प्रवासियों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि गांवों या कस्बों में किसी तरह से कोरोना संक्रमण न फैले.

प्रतापनगर

पढ़ें-मजदूरों की मौत पर स्पीकर ने जताया दुख, कहा- जो जहां है, वहीं रहे

ऐसे ही प्रवासियों के लिए कुनगाड खेतपाल नामे तोक के प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, जहां पर 25 लोगों को रखा गया है, जिसमें से दो बच्चे और दो महिलाएं भी हैं. यहां क्वारंटाइन किए गए लोगों का आरोप है कि सेंटर में बिजली, पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. उनके लिए खाने तक का भी इंतजाम नहीं किया जा रहा है.

प्रवासियों का आरोप है कि अभी तक क्वारंटाइन सेंटर में न तो गांव के प्रधान पहुंचे और नहीं पटवारी के दर्शन हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम एक बार भी क्वारंटाइन सेंटर में नहीं आई है. क्वारंटाइन सेंटर में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पा रहा है. सेंटर में रहे लोगों का कहना है कि यहां से अच्छा उन्हें होम क्वारंटाइन कर दिया जाए, ताकि वे सही से अपने खाना-पान का ध्यान रख सकते थे.

प्रतापनगर: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रतापनगर के कंडियाल गांव में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े होने लगे है. कंडियाल गांव के क्वारंटाइन सेंटर में मानक के अनुसार व्यवस्थाएं नहीं है. ये आरोप और किसी ने नहीं बल्कि खुद क्वारंटाइन सेंटर में रहे प्रवासियों ने लगाए हैं. जिससे प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे है.

बाहरी राज्यों और जिलों से बड़ी संख्या में प्रवासी अपने घर पहुंचे रहे हैं. अधिकाश प्रवासी रेड जोन से आ रहे है. ऐसे में कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने प्रवासियों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि गांवों या कस्बों में किसी तरह से कोरोना संक्रमण न फैले.

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ऐसे ही प्रवासियों के लिए कुनगाड खेतपाल नामे तोक के प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, जहां पर 25 लोगों को रखा गया है, जिसमें से दो बच्चे और दो महिलाएं भी हैं. यहां क्वारंटाइन किए गए लोगों का आरोप है कि सेंटर में बिजली, पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. उनके लिए खाने तक का भी इंतजाम नहीं किया जा रहा है.

प्रवासियों का आरोप है कि अभी तक क्वारंटाइन सेंटर में न तो गांव के प्रधान पहुंचे और नहीं पटवारी के दर्शन हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम एक बार भी क्वारंटाइन सेंटर में नहीं आई है. क्वारंटाइन सेंटर में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पा रहा है. सेंटर में रहे लोगों का कहना है कि यहां से अच्छा उन्हें होम क्वारंटाइन कर दिया जाए, ताकि वे सही से अपने खाना-पान का ध्यान रख सकते थे.

Last Updated : Jun 18, 2020, 2:48 PM IST
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