टिहरी: भारत के पहले सिंगल संस्पेशन डोबरा चांठी पुल पर बिछी मस्टिक में एक बार फिर दरार पड़ने लगी है, जिससे संचाई विभाग के उच्चाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं. ऐसा पहली बार नहीं है कि डोबरा चांठी पुल पर बिछी मस्टिक पर दरार पड़ी है. साल 2020 में बनकर तैयार हुए इस पुल पर तीसरी बार दरार पड़ी है.
सालों के लंबे इंतजार के बाद मिले डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक की दरारों को देखकर ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचनी शुरू हो गई हैं. डोबरा चांठी सस्पेंशन ब्रिज (Dobra Chanthi Suspension Bridge) के ऊपर बिछे मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने से जनता में आक्रोश है. उन्होंने गुप्ता कंपनी पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिये हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल प्रताप नगर की लाइफ लाइन है. इस पुल को कई वर्षों बाद प्रताप नगर की जनता के संघर्षों से यह पुल बना है. इसलिए सभी की जिम्मेदारी है कि इस पुल पर कुछ भी नुकसान की कमी दिखाई देती है, तो वह लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करवाएं, जिससे पुल को तत्काल ठीक किया जा सके. लेकिन पुल पर बार-बार दरार पड़ने पर भी कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है.
स्थानीय लोगों ने एक बार फिर मस्टिक बिछाने वाली कंपनी के खिलाफ जांच कराने की मांग की है. लोगों ने कहा है कि इस पुल पर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं देगा तो यह पुल ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगा. इसलिए अधिकारियों को इस पुल के प्रति गंभीर होना पड़ेगा.
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लोक निर्माण विभाग के कार्य देख रहे अधिशासी अभियंता पवन ने बताया कि पुल के ऊपर मास्टिक पर पड़ी दरारों को ठीक करने के लिए कंपनी के कर्मचारियों को निर्देश दे दिए गए हैं, क्योंकि पुल का मेंटेनेंस का कार्य पांच साल तक कंपनी ही करेगी. पुल पर जो भी कमी और जो भी कार्य होने हैं. वह 5 साल तक कंपनी की ही देखरेख में किया जाएगा.
बता दें, डोबरा चांठी पुल की लंबाई 725 मीटर है. इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है. इसमें 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड और 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी साइड से है, पुल की चौड़ाई 7 मीटर है. जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई साढ़े 5 मीटर है, जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है.