विकासनगर/टिहरी/काशीपुर: प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों में आज राष्ट्रीय विधिक साक्षरता प्राधिकरण और राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में महिलाओं के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. साक्षरता शिविर में महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई.
विकासनगर में हर्ष यादव सचिव एवं वरिष्ठ सिविल जज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को भारतीय दंड संहिता में वर्णित महिलाओं के विरुद्ध अपराध से संबंधित प्रावधान दहेज प्रतिषेध अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम 2012 के अंतर्गत मीडिया के दायित्व का चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971 के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत महिलाओं के अधिकार के बारे में भी बताया. अपर सिविल जज देहरादून अवंतिका सिंह चौधरी ने महिलाओं को घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत महिलाओं के विभिन्न अधिकारों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. महिलाओं को उत्तराधिकार के संबंध में प्राप्त अधिकारों से भी अवगत कराया. विकासनगर तहसीलदार चमन सिंह ने राजस्व विभाग की जन समस्या के हित की योजनाओं के संबंध में विशेष रूप से अवगत कराया. राजस्व वसूली के दौरान महिलाओं के अधिकारों के संबंध में भी जानकारी दी.
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टिहरी गढ़वाल में भी ग्रामीण महिलाओं को कानून की जानकारी दी गई.नगर पालिका परिषद सभागार नरेंद्र नगर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल व राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में ग्रामीण महिलाओं को कानून की जानकारी प्रदत कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर सीनियर सिविल जज,सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल ममता पंत के द्वारा महिलाओं से संबंधित कानूनों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया. महिलाओं की समाज में भूमिका को वर्णित किया गया. मुख्य वन स्टॉप सेंटर नई टिहरी की वरिष्ठ अधिवक्ता बीना सजवान के द्वारा घरेलू हिंसा के संदर्भ में विस्तारपूर्वक बताया गया. वहीं अन्य वक्ताओं के द्वारा भी महिलाओं की समाज में भूमिका का वर्णन उदाहरण देकर बताया गया.
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उधम सिंह नगर के सीमांत क्षेत्र खटीमा में भी राष्ट्रीय विधिक साक्षरता प्राधिकरण और राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में महिलाओं के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. साक्षरता शिविर में महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई.