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Tehri Crisis: अकेला नहीं है जोशीमठ! घनसाली के लैणी भिलंग गांव में भी पड़ी दरार

टिहरी जिले के लैणी भिलंग गांव के कई घरों में दरार और भू-धंसाव की समस्या देखी जा रही है. घरों में आई दरार से ग्रामीण दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं. गांवों के कई परिवार घरों में बढ़ती दरार की वजह से पलायन कर गए हैं. वहीं जो गांव में रह रहे हैं, उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

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लैणी भिलंग गांव में भी पड़ी दरार
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Published : Jan 19, 2023, 4:51 PM IST

Updated : Jan 19, 2023, 5:16 PM IST

लैणी भिलंग गांव में भी पड़ी दरार

टिहरी: जहां एक ओर जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. वहीं, उत्तराखंड के कई पहाड़ी क्षेत्रों के घरों और जमीन में आ रही दरारें परेशानी का सबब बन रही है. टिहरी जिले के घनसाली में लैणी भिलंग गांव के मकानों में भी दरारें आने लगी है. जिसकी वजह से ग्रामीण दहशत में हैं. वहीं, कई परिवार गांव से पलायन कर चुके हैं.

टिहरी जिले के घनसाली विधानसभा क्षेत्र के लैणी भिलंग गांव के घरों में बड़ी-बड़ी दरार पड़ने से ग्रामीण दहशत में हैं. जबकि इस गांव के आस पास न तो नदी है और न सुरंग, फिर भी मकानों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई है. लैणी भिलंग गांव की तस्वीर देखकर आप देख सकते हैं कि किस तरह से गांव में भू-धंसाव हो रहा है. घरों की दीवारें फट चुकी हैं. घरों के आंगन फट चुके हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि 2013 की आपदा के बाद गांव के ऊपरी और निचले हिस्से से भू-धंसाव हो रहा है. गांव के 70 परिवार खतरे की जद में हैं.

ये भी पढ़ें: Dhari Devi: मूर्ति हटाते आई थी केदारनाथ आपदा, नौ साल बाद अपने मंदिर में विराजेंगी मां धारी देवी

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में लगातार हो रहे भू-धंसाव से कई परिवार पलायन कर चुके हैं. वहीं, कई परिवार पलायन करने को मजबूर हैं. जिन परिवारों का कोई सदस्य या रिश्तेदार बाहर रहने वाला है. वह परिवार डर के मारे उनके यहां चले गए हैं, लेकिन इस गांव में जिन परिवारों का कहीं दूसरी जगह ठिकाना नहीं है. वह मजबूरी में इसी गांव में रह गए हैं. यहां रहने वाले ग्रामीणों के मन में हर समय डर बना रहता है.

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने 2022 में गांव का सर्वे किया, लेकिन अभी तक ग्रामीणों का विस्थापन नहीं किया है. जिससे ग्रामीण खौफ में जीने को मजबूर हैं. डरे सहमे ग्रामीण गांव से पलायन करने को मजबूर हैं. घनसाली उप जिलाधिकारी ने बताया यहां पहले भी दरार पड़ी थीं. इस समय ग्रामीण कह रहे हैं कि बड़ी-बड़ी दरार पड़ी है. इन दरारों के बारे में उच्चाधिकारियों को बता दिया गया है. साथ ही राजस्व निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह ग्रामीणों की सुरक्षा पर ध्यान रखें, ताकि कोई जनहानि ना हो.

लैणी भिलंग गांव में भी पड़ी दरार

टिहरी: जहां एक ओर जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. वहीं, उत्तराखंड के कई पहाड़ी क्षेत्रों के घरों और जमीन में आ रही दरारें परेशानी का सबब बन रही है. टिहरी जिले के घनसाली में लैणी भिलंग गांव के मकानों में भी दरारें आने लगी है. जिसकी वजह से ग्रामीण दहशत में हैं. वहीं, कई परिवार गांव से पलायन कर चुके हैं.

टिहरी जिले के घनसाली विधानसभा क्षेत्र के लैणी भिलंग गांव के घरों में बड़ी-बड़ी दरार पड़ने से ग्रामीण दहशत में हैं. जबकि इस गांव के आस पास न तो नदी है और न सुरंग, फिर भी मकानों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई है. लैणी भिलंग गांव की तस्वीर देखकर आप देख सकते हैं कि किस तरह से गांव में भू-धंसाव हो रहा है. घरों की दीवारें फट चुकी हैं. घरों के आंगन फट चुके हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि 2013 की आपदा के बाद गांव के ऊपरी और निचले हिस्से से भू-धंसाव हो रहा है. गांव के 70 परिवार खतरे की जद में हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि गांव में लगातार हो रहे भू-धंसाव से कई परिवार पलायन कर चुके हैं. वहीं, कई परिवार पलायन करने को मजबूर हैं. जिन परिवारों का कोई सदस्य या रिश्तेदार बाहर रहने वाला है. वह परिवार डर के मारे उनके यहां चले गए हैं, लेकिन इस गांव में जिन परिवारों का कहीं दूसरी जगह ठिकाना नहीं है. वह मजबूरी में इसी गांव में रह गए हैं. यहां रहने वाले ग्रामीणों के मन में हर समय डर बना रहता है.

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने 2022 में गांव का सर्वे किया, लेकिन अभी तक ग्रामीणों का विस्थापन नहीं किया है. जिससे ग्रामीण खौफ में जीने को मजबूर हैं. डरे सहमे ग्रामीण गांव से पलायन करने को मजबूर हैं. घनसाली उप जिलाधिकारी ने बताया यहां पहले भी दरार पड़ी थीं. इस समय ग्रामीण कह रहे हैं कि बड़ी-बड़ी दरार पड़ी है. इन दरारों के बारे में उच्चाधिकारियों को बता दिया गया है. साथ ही राजस्व निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह ग्रामीणों की सुरक्षा पर ध्यान रखें, ताकि कोई जनहानि ना हो.

Last Updated : Jan 19, 2023, 5:16 PM IST
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