धनोल्टी: टिहरी जनपद के विकासखंड प्रताप नगर को जोड़ने वाला निर्माणाधीन डोबरा-चांठी ब्रिज कई आंदोलनों और तकनीकी खामियों के बाद लगभग तैयार होने के अंतिम चरण पर है. पुल कार्य में लगे इंजीनियरों की मानें तो पुल 31 मार्च 2020 तक तैयार हो जायेगा. जिसका लाभ प्रतापनगर क्षेत्र के लोग उठा सकेंगे. वहीं, उत्तरकाशी क्षेत्र के गाजणा क्षेत्र के दर्जनों गांवो को भी इसका लाभ मिलेगा. बता दें कि इस पुल के निर्माण को लेकर प्रतापनगर क्षेत्र के लोग साल 2006 से मांग करते आ रहे थे.
डोबरा-चांठी भारी वाहन सेतु भारत का सबसे लंबा एक मात्र हैवी मोटर व्हीकल संस्पेशन ब्रिज होगा. जिसका मुख्य स्पान 440 मीटर के साथ 260 मीटर डोबरा सेतु और दूसरी ओर 25 मीटर चांठी सेतु होगा यानि कुल लंबाई 760 मीटर होगी. पुल निर्माण में अन्य पुलों के निर्माण के प्रयोग में लाए जाने वाले रिवर्स केबल विन्ड केबल के स्थान पर कोरियन डिजाइन के लिंक शू विन्ड शू का प्रयोग किया गया है.
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साथ ही पुल निर्माण में फ्री सैडल रोलर के स्थान पर इसमें सैडलो को पहले ही टैग कर दिया गया है. जिसमें पुल पर लगे रस्से टैग हैं. इसके लिए पहले ही डिजाइन तैयार किया गया है. पुल निर्माण में 904 सस्पेंडर लगाए गए हैं. पुल का डिजायन कोरियन तकनीक से बनाया जा रहा है. टिहरी बांध झील पर बन रहे इस ब्रिज को पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. लोग पुल के ऊपर खड़े होकर टिहरी झील का और उसमें होने वाले सहासिक खेलों का भी आनंद ले सकते हैं.