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ऐसे कैसे पढ़ेगा इंडिया? सुविधाओं से महरूम दीनगांव इंटर कॉलेज, पढ़ने को मजबूर छात्र

टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर विकासखंड के दीनगांव इंटर कॉलेज में छात्रों के लिए कोई सुविधा नहीं है.वहीं, विद्यालय के प्रधानाचार्य जिला प्रशासन को पत्र लिखा है कि छात्रों  को जरुरत के सुविधा दी जाए.

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Published : Sep 5, 2019, 11:25 PM IST

दीनगांव इंटर कॉलेज के छात्र

प्रतापनगर: टिहरी जिले के प्रतापनगर विकासखंड के दीनगांव इंटर कॉलेज में अव्यवस्थाओं का मामला सामने आया है. दीनगांव इंटर कॉलेज में छात्र-छात्राओं के पढ़ने के लिए भवन तक की सुविधा नहीं है. इसके अलावा छात्रों के लिए विद्यालय में प्रयोगशाला ,सुलभ शौचालय और रसोई घर भी नहीं हैं. जिसके कारण छात्रों को पढ़ाई में बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है.

पढ़ें:पुलिस के हत्थे चढ़ा नशे का सौदागर, 1.7 किलोग्राम चरस बरामद

बता दें कि टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर विकासखंड के दीनगांव इंटर कॉलेज 2017 में उच्चीकृत हुआ था. पहले ये विद्यालय जूनियर हाई स्कूल था. फिर हाई स्कूल हुआ और अब इंटर कॉलेज है. वर्तमान में इंटर कॉलेज में 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं.

गौरतलब है कि विद्यालय उच्चीकृत तो किया गया लेकिन यहां भवनों की संख्या नहीं बढ़ाई गई. यहां पुराने भवन में ही हाईस्कूल और इंटर की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. विद्यालय में न ही प्रयोगशाला है और न ही सुलभ शौचालय, जिसके कारण यहां पढ़ने वाले छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता. इसके अलावा स्कूल में किचन की सुविधा भी नहीं है. जिससे छात्रों को मिड डे मील के भोजन से भी महरूम रहना पड़ता है.

पढ़ें:अतिक्रमण पर चला प्रशासन का पीला पंजा, आशियानों को टूटता देख रोने-बिलखने लगे लोग

विद्यालय के प्रधानाचार्य का कहना है कि विद्यालय संचालित करने में कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बरसात के समय स्कूल की छुट्टी भी करनी पड़ती है . साथ ही विद्यालय का किचन जीर्णोद्वार की स्थिति में है ऐसे में यहां कभी भी दुर्घटना घट सकती है. उन्होंने बताया कि इस मामले में जिला प्रशासन को पत्र भेजा गया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

प्रतापनगर: टिहरी जिले के प्रतापनगर विकासखंड के दीनगांव इंटर कॉलेज में अव्यवस्थाओं का मामला सामने आया है. दीनगांव इंटर कॉलेज में छात्र-छात्राओं के पढ़ने के लिए भवन तक की सुविधा नहीं है. इसके अलावा छात्रों के लिए विद्यालय में प्रयोगशाला ,सुलभ शौचालय और रसोई घर भी नहीं हैं. जिसके कारण छात्रों को पढ़ाई में बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है.

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बता दें कि टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर विकासखंड के दीनगांव इंटर कॉलेज 2017 में उच्चीकृत हुआ था. पहले ये विद्यालय जूनियर हाई स्कूल था. फिर हाई स्कूल हुआ और अब इंटर कॉलेज है. वर्तमान में इंटर कॉलेज में 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं.

गौरतलब है कि विद्यालय उच्चीकृत तो किया गया लेकिन यहां भवनों की संख्या नहीं बढ़ाई गई. यहां पुराने भवन में ही हाईस्कूल और इंटर की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. विद्यालय में न ही प्रयोगशाला है और न ही सुलभ शौचालय, जिसके कारण यहां पढ़ने वाले छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता. इसके अलावा स्कूल में किचन की सुविधा भी नहीं है. जिससे छात्रों को मिड डे मील के भोजन से भी महरूम रहना पड़ता है.

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विद्यालय के प्रधानाचार्य का कहना है कि विद्यालय संचालित करने में कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बरसात के समय स्कूल की छुट्टी भी करनी पड़ती है . साथ ही विद्यालय का किचन जीर्णोद्वार की स्थिति में है ऐसे में यहां कभी भी दुर्घटना घट सकती है. उन्होंने बताया कि इस मामले में जिला प्रशासन को पत्र भेजा गया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

Intro: विद्यालय है पर भवन नहीं ।
छात्र छात्राओं को करना पड़ रहा है कई सारी परेशानियों का सामना ।Body:विद्यालय है पर भवन नहीं ।
अध्ययनरत 400 छात्र-छात्राओं को करना पड़ रहा है बहुत सारी समस्याओं का सामना ।
मामला टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर विकासखंड के दीनगांव इंटर कॉलेज का है जो 2017 में उच्चीकृत हुआ । विद्यालय पहले जूनियर हाई स्कूल था फिर हाई स्कूल हुआ और अब इंटर कॉलेज लेकिन भवन वही पुराना इस इंटर कॉलेज में वर्तमान में 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं विद्यालय उच्चीकृत तो किया गया लेकिन भवन वही पुराना और ना ही विद्यालय में प्रयोगशाला है ना ही सुलभ शौचालय और ना ही किचन । विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य का कहना है कि हमें विद्यालय संचालित करने में कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है साथ ही बरसात के समय बहुत ही दिक्कत होती है कई बार स्कूल की छुट्टी भी करनी पड़ती है साथ ही विद्यालय का किचन जीवन जीर्ण शीर्ण स्थिति में है जिस पर कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है उन्होंने बताया कि हमने इस पर आगे पत्र भेजा है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है हम लोग जितना भी हमारे पास उपलब्ध है उसी में बेहतर व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं ।Conclusion:विद्यालय हैं पर भवन नहीं ।
नाही प्रयोगशाला किचन शौचालय आदि ।
छात्र छात्राओं को करना पड़ रहा है बहुत सारी समस्याओं का सामना शिक्षा के नाम पर छात्रों के साथ हो रहा है खिलवाड़ ।
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