श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय में इनदिनों शिक्षण व परीक्षा संबंधी गतिविधियां ठप पड़ी हैं. पिछले 16 दिनों से गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
आउटसोर्स कर्मचारियों की बहाली, कॉलेज में वाई-फाई लगवाने व छात्रों के प्लेसमेंट संबंधी मांगों के लिए छात्र आंदोलनरत हैं. छात्र पिछले 15 दिनों से विश्वविद्यालय में किसी को भी घुसने नहीं दे रहे हैं. प्रशासनिक गेट पर धरना दे रहे छात्रों और विवि के बीच कोई सकारात्मक वार्ता ना होने के चलते यूनिवर्सिटी में सारा काम ठप है.
हालात ये है कि विश्वविद्यालय में अधिकारी बैठ तक नहीं रहे हैं. परीक्षा अनुभाग भी ठप है. छात्रों ने विवि गेट पर ही कुलपति और रजिस्ट्रार का पुतला टांगा हुआ है. छात्रों का कहना है कि छात्रहित में विवि की परीक्षाओं को 10 मई से सुचारू कर दिया जाएगा, लेकिन उनका आंदोलन जारी रहेगा.
इससे पहले 22 अप्रैल को छात्रों ने कुलसचिव को उनके कार्यालय में बंधक बना दिया था. इस मामले में गढ़वाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉक्टर एके झा ने शनिवार को 16 नामजद सहित 150 अज्ञात छात्रों पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है. रजिस्ट्रार की तहरीर पर गाली-गलौच, बंधक बनाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस बात से भड़के संयुक्त छात्र परिषद के छात्रों ने यूनिवर्सिटी के तीनों कैम्पस बंद कराने के साथ परीक्षाओं के भी बहिष्कार का एलान कर दिया था.
छात्रों के ऐसे रवैये से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है, जिसको देखते हुए एचएनबी के द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की गई थी ताकि अगले हफ्ते से होने वाले वार्षिक परीक्षा विश्वविद्यालय समय पर करा सके. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने एचएनबी गढ़वाल छात्रसंघ समेत 8 छात्रों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने छात्रों की अवैध हड़ताल पर भी रोक लगा दी है. कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करे ताकि विश्वविद्यालय में सभी काम काज आसानी से हो सके.