टिहरी: एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील पर चार दिवसीय 37 वें ओपन नेशनल कैनोइंग कयाकिंग वाटर स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का आज समापन हो गया है. कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज पहुंचे. उन्होंने विजेता-उपविजेता खिलाड़ियों के साथ-साथ अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित किया. इस वाटर स्पोर्ट्स कप में 28 राज्यों के 400 से अधिक खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा टिहरी झील को भरने की अनुमति 828 आरएल मीटर थी. अब इसे उत्तराखंड सरकार ने 830 आरएल मीटर कर दिया है. इसमें 252 करोड़ की धनराशि टीएचडीसी से अवमुक्त करने को कहा गया है. साथ ही पुनर्वास के कार्यों में लापरवाही करने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा आज टिहरी बांध की झील जो बनी है, वह विस्थापितों की कुर्बानी है. जिन्होंने देश हित के लिए अपने गांव, जल, जंगल और जमीन टिहरी झील में डुबा दी है.
सतपाल महाराज ने पुनर्वास की समस्याओं पर कहा कि केंद्रीय मंत्री ने पूरा आश्वासन दिया है कि विस्थापितों के लिए हर तरह की मदद करने की कोशिश की जाएगी. वहीं, उन्होंने बदरीनाथ केदारनाथ की यात्रा को लेकर कहा कि यात्रा इस समय धीमी है. कर्णप्रयाग और जोशीमट की जो समस्या है, उसका समाधान करने की कार्रवाई की जा रही है.
टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि टिहरी झील में दूसरी बार टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप का आयोजन किया गया, जो कि जिले के लिए सौभाग्य की बात है. जिसमें हमने स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय युवाओं को जोड़ा है. उन्होंने कहा कि इस बार के आयोजन से स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिला है.
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उत्तराखंड की खिलाड़ी मीरा दास ने कहा मैंने इस प्रतियोगिता में दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीते हैं. वाटर स्पोर्ट्स के लिए टिहरी झील बहुत अच्छी है. पिछली बार की अपेक्षा इस बार टिहरी वाटर स्पोर्ट्स का आयोजन बहुत अच्छे ढंग से किया गया है. मध्य प्रदेश से आई खिलाड़ी ने कहा कि कि मैंने गोल्ड,सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता है. टिहरी झील वाटर स्पोर्ट्स खेल के लिए बहुत बढ़िया जगह है.
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